akbar aur birbal – कहानिया और सही सीखे

हमारे जीवन में जो होता है वो अच्छे के लिए होता है ये एक सकरात्मक विचार है लेकिन इसी विचार का एक दूसरा पहलु भी है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. ये दूसरा पहलू क्या है? इसे akbar aur birbal की एक कहानी के द्वारा समझाया गया है। हो सकता है की आपने ये कहानी पढ़ी हो, देखी हो या सुनी हो लेकिन आज हम इस कहानी के दूसरे पहलु पर बात करने की कोशिश करेंगे। तो कहानी है “जो होता है अच्छे के लिए होता है”!!

Akbar aur birbal  की कहानी

एक बार राजा अकबर शिकार पर जा रहा था बीरबल ने कहा आप अकेले मत जाइए और बीरबल ने भी साथ चलने की ज़िद की लेकिन राजा ने मना कर दिया । बीरबल अपनी जिद पर अढ़ गया । राजा को गुस्सा आया और उन्होंने तलवार निकाल ली. बीरबल और राजा के बीच लड़ाई जैसी स्थिति बन गई अब राजा अकबर ने हुक्म दे डाला की बीरबल को फांसी पर चढ़ा दिया जाए। राजा अकेला शिकार पर निकल गया। जंगल के अंदर राजा शिकार कर रहा था तो उसके हाथ के अंगूठे पर चोट लग गई। और खून निकलने लगा राजा ने इसकी फ़िक्र न करते हुए जंगल के और अंदर चला गया और वहां आदिवासियों ने राजा को घेर लिया. अब राजा को उनकी भाषा नही आती वो उन्हें बता ही नही पाया कि वो उस प्रदेश का राजा है आदिवासियों ने निर्णय लिया की हम इसकी बलि चढायेंगे। अब राजा की बलि चढ़ाने के लिए तैयार किया जा रहा था तो आदिवासियों ने देखा की उसके अंगूठे पर चोट लगी है वो और उन्होंने राजा को अशुद्ध मान कर छोड़ दिया। अब राजा को एहसास हुआ की बीरबल सही बोल रहा था मुझे अकेले नही आना चाहिए था और मैंने उसे फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दे दिया । अकबर जल्दी से जल्दी गिरते पड़ते महल पहुचा और देखा बीरबल को फांसी लगने ही वाली है उसने फांसी रुकवा दी. और बीरबल को सारा जंगल में हुए काण्ड के बारे में बताया। अब बीरबल बहुत खुश हुआ तो राजा ने उसकी खुशी का कारण पूछा तो बीरबल ने कहा “जो होता है अच्छे के लिए होता है” अगर मैं आपके साथ शिकार पर जाता तो आदिवासी मेरी बलि चढ़ा देते। और दोनों हँसने लगे….. राजा ने बीरबल की बात मान ली होती तो आज बीरबल की बलि चढ़ गई होती और राजा को चोट न लगी होती तो शायद दोनों ही जिन्दा नही होते तो जो होता है अच्छे के लिए होता है।

अब इस कहानी के दूसरे पहलु की बात करते है जो होता है अच्छे के लिए होता है या जो होगा अच्छे के लिए होगा इस बात को ध्यान में रखकर हमे कर्म करना नही छोड़ना चाहिए। सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ कर या भगवान जो करेंगे अच्छा करेंगे ये सोच कर हम कर्म करना नही छोड़ सकते। हमे अपने प्रयास निरन्तर जारी रखने चाहिए.

 

ये कहानिया भी पढ़े

hindi stories राजा की चतुराई की कहानी

best moral story in hindi व्यापारी की चार पत्नी

ज़िंदगी जीने का नजरिया बताता cup

 


akbar aur birbal की कहानी के इस दुसरे पहलू से आप सहमत है या नहीं अपने comments के द्वारा हमें जरूर बताये. इस कहानी को अपने मित्रो के साथ शेयर करे. आगे के लेख प्राप्त करने के लिए हमें subscribe करे जो की फ्री है. 


 

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

One Response

  1. Pramod Kharkwal 17/10/2016

Leave a Reply