दोस्तों साइकेट्रिस्ट या साइकोलोजिस्ट का नाम सुनते ही आमतोर पर हमारे दिमाग में दो बाते आती है. पहला पागलो का डॉक्टर और दूसरा की यह हमारे मन की बाते पढ़ सकते है. यह सोच सिर्फ अशिक्षित वर्ग में ही नहीं बल्कि मॉडर्न सोसाइटी के पढ़े लिखे लोगो में भी देखने को मिलती है. आमतोर पर कई लोग अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने से झिझकते है .एक तरह का डर या शर्म हमेशा मन में बनी रहती है की अगर हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर किसी से बात करें तो लोग हमें पागल न समझे. इसलिए कई बार हम परेशानी होने के बावजूद इलाज़ कराने से कतराते है. शायद इस डर की वजह मानसिक स्वास्थ्य और इलाज़ के बारे में सही जानकारी का आभाव भी है. आज तेजी से बदलते माहोल में जहाँ हर इंसान सब कुछ जल्दी पाना चाहता है, खुशियों को बाहरी वस्तुओं में ढूंढता है, रिलेशनशिप में दूरियां बढ़ रही है, लोगो का सोशल नेटवर्किंग साइट्स की तरफ तेजी से झुकाव हुआ है ऐसे में तनाव दूर चिंता और व्यव्हार में दिक्कत आना आम हो गई जिसका समाधान काउन्सलिंग और मनोचिकित्सा के जरिये आसानी से किया जा सकता है बस जरुरत है अपने अन्दर के भ्रम और शर्म को दूर करने की
इसलिए इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की मनोचिकित्सा/ Psychotherapy में कैसे और किन समस्याओ का इलाज़ किया जाता है
क्या होती है मनोचिकित्सा – Psychotherapy in hindi
साइकोथेरेपी एक मनोविज्ञानिक पद्धति है जिसके जरिये हमारे जीवन के भीतर हो रही कई तरह की समस्याओं का समाधान किया जाता है. यह समस्याए सिर्फ mental illness या mental disorder तक ही सिमित नहीं है बल्कि इसके जरिये रिश्तो में सुधार, social skills का बढ़ाना, नकरात्मक विचारो में बदलाव लाना, व्यवहार में बदलाव, वजन घटाना, नशे से मुक्ति, डर, तनाव और चिंता से छुटकारा पाया जा सकता है.
जो व्यक्ति मनोचिकित्सा लेता है उसे मनोविज्ञान की भाषा में क्लाइंट/client कहते है.
कैसे की जाती है मनोचिकित्सा – how psychotherapy works in hindi
साइकोथेरेपी में मनोचिकित्सक क्लाइंट से बातचीत के जरिये समस्याओ का समाधान करता है. इसे आप काउंसलिंग कह सकते है. इसमें बातचीत के द्वारा क्लाइंट की बुनियादी समस्याओ और विचारो को समझा जाता है और व्यवहार में परिवर्तन पर जोर दिया जाता है. सिर्फ जरुरत के समय ही दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है.
क्लाइंट और मनोचिकिसक के बीच की बाते हमेशा गोपनीय रखी जाती है और कभी भी किसी दुसरे व्यक्ति के साथ साझा नहीं की जाती.
मनोचिकित्सा के प्रकार – type of Psychotherapy in hindi
मनोचिकित्सा कई तरह की होती है. क्लाइंट की प्रॉब्लम के हिसाब मनोचिकित्सक साइकोथेरेपी का चुनाव करता है.
- Cognitive-behavioral therapy (CBT) – संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा
कोगनीटिव बिहेवियर थरेपी में क्लाइंट की irrational और negative thoughts में परिवर्तन लाने में जोर दिया जाता है और सकरात्मक विचार अपनाने पर फोकस किया जाता है. इसके द्वारा तनाव, डिप्रेशन, आबजेसिव कम्पल्सिव डिसार्डर, फ़ोबिया, ईटिंग डिसऑर्डर, डर का इलाज़ किया जाता है
- Behavioral therapy – बिहेवियर थरेपी
बिहेवियर थरेपी में इंसान के self-destructive और unhealthy behaviors को बदलने पर जो दिया जाता है. इसके जरिये फ़ोबिया, panic disorders, चिंता, डर, post-traumatic stress disorder का इलाज़ किया जाता है. साथ ही यह थेरेपी पर्सनालिटी डेवलपमेंट, गुस्से को कंट्रोल करेने, नशे और शराब की लत को छुड़ाने में भी इस्तेमाल की जाती है.
- Client centered therapy
इसमें चिकित्सक क्लाइंट के लिए ऐसे माहोल का निर्माण करता है जिसमे उसका सकारात्मक विकास के साथ self का निर्माण हो सके. इसके जरिये पर्सनालिटी डिसऑर्डर, तनाव और नशे की लत से छुटकारा पाया जा सकता है.
- Family therapy
यह थेरेपी परिवार की सदस्यों को एक साथ दी जाती है. इसके जरिये सभी मेम्बेर्स अपने विचार और भावनाए एक दुसरे के सामने रखकर आपसी मन मुटाव और समस्याओ को सुलझाते है.
इसके आलावा भी कई ओर थेरेपी है जो psychologist और psychiatrist द्वारा प्रयोग की जाती है. जल्दी आराम के लिए आमतोर पर साइकेट्रिस्ट दवाइयों का इस्तेमाल करते है लेकिन समस्याओ को जड़ से मिटने के लिए थेरेपी का ही सहारा लिया जाता है.
दोस्तों मनोचिकित्सा लेने या मनोविज्ञानिक के पास जाने से कोई मानसिक रोगी नहीं कहलाता. इसलिए अगर आपको , आपके दोस्तों या परिवार के सदस्यों को कोई समस्या है तो उनसे बातचीत करे, उन्हें समझे और जरूरत पढने पर इलाज़ भी करवाए जिससे सही समय पर समस्या दूर हो सके.
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