razia sultan कैसे बनी पहली महिला शासिका

भारतीय इतिहास में razia sultan एक विलक्षण व्यक्तित्व है. रज़िया भारत की पहली महिला शासक है और इन्होने अपनी प्रतिभा के बल पर सुल्तान का पद प्राप्त किया था. रज़िया दिल्ली सल्तनत के शासक इल्तुतमिश की बेटी थी और यही उनके सुल्तान बनने के आगे सबसे बड़ी रूकावट थी. रजिया को सुल्तान बनने के लिए कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा लेकिन रजिया ने इन मुसीबतों का सफलता पूर्वक सामना किया. इल्तुतमिश के द्वारा नामांकित होने के बावजूद तुर्क ए चहलगानी के सदस्यों ने रज़िया को सत्ता ग्रहण नहीं करने दिया तथा इल्तुतमिश के अयोग्य पुत्र रुकनुदीन फिरोज को सुल्तान के पद पर स्थापित कर दिया. इसके अलावा उसके सामने एक और समस्या थी जो थी विद्रोही अमीरों की समस्या. ये राज्य और प्रशासन पर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे. रुकनुदीन फिरोज के अंतिम काल में तो इन लोगो ने विद्रोह कर राजधानी दिल्ली को घेर लिया था. स्त्री जाती से सम्बन्ध होना उसके सामने एक बड़ा रोड़ा था जो की उसके सुल्तान बनने में एक चुनौती थी क्योकि मध्यकालीन परिस्थितिया इसके अनुकूल नहीं थी. रजिया ने इन समस्याओ का डटकर सामना किया और इन परिस्थितियों पर विजय पाई.

कैसे किया razia sultan ने सुल्तान का पद प्राप्त

razia sultan ने सबसे पहले अपने करिश्माई व्यक्तित्व का प्रदर्शन दिल्ली की प्रजा को अपने सुल्तान पद पर स्थापित होने के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए किया. उसने दिल्ली की प्रजा से न्याय मांग पर रुकनुदीन फिरोज के विरुध विद्रोह का माहौल पैदा कर दिया. वह कूटनीति में चतुर थी अत: अपनी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए उसने तुर्क ए चहलगानी की महत्वकांक्षा और एकाधिकार को तोड़ने का प्रयास किया.इसके अलावा विद्रोही अमीरों में आपस में फूट पैदा करवा दी और उन्हें राजधानी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और दिल्ली में सुल्तान के पद पर आसीन हुई.

razia sultan ने शासन पर 3 साल 6 महीने तथा 6 दिन राज किया. रज़िया ने पर्दा प्रथा का त्याग किया तथा पुरुषो की तरह खुले मुंह ही राजदरबार में जाती थी. रज़िया के शासन का बहुत जल्द अंत हो गया लेकिन उसने सफलता पूर्वक शासन चलाया, रज़िया में शासक के सभी गुण मौजूद थे लेकिन उसका स्त्री होना इन गुणों पर भारी था. अत: उसके शासन का पतन उसकी व्यकतिगत असफलता नहीं थी.

रज़िया सुल्तान की कब्र – Tomb of razia sultan in hindi

रज़िया सुल्तान ने अपनी आखिरी लड़ाई कैथल में लड़ी लेकिन इस बात पर अभी भी बहस जारी है की उसे कहा दफनाया गया कैथल, दिल्ली या टोंक में. रज़िया का मकबरा कैथल में है हालांकि रज़िया की कब्र दिल्ली में भी मौजूद है. कैथल और दिल्ली की कब्रो की हालत काफी खस्ता हाल है. रज़िया की कब्र दिल्ली की तंग गलियों में गुम होकर रह गयी. इस महान शासिका की कब्र को वहां रहने वाले लोग भी नहीं जानते क्योकि इसकी देखभाल की उचित व्यवस्था नहीं की गयी.नीचे दी गयी  विडियो के सहारे आप इसका अनुमान लगा सकते है.

रज़िया सुल्तान ने भारत की पहली महिला शासिका और दिल्ली सल्तनत की पहली रानी बनकर सभी परंपराओं को तोड़ दिया था। रज़िया महिलाओ के लिए एक आदर्श और एक मिसाल है. रज़िया की ज़िंदगी बताती है की महिलाए पुरुर्ष से किसी भी तरह कमतर नहीं है। रज़िया सुल्तान के चुनौती पूर्ण जीवन और आज के समय में उसकी कब्र की की हालत जो की दिल्ली की किन्ही गलियों  में गुम है को जानने के लिए इस video पर click करे.

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