self development पर आधारित –>नकल की नहीं अक्ल की जरूरत है

कोई भी इंसान कुछ भी पा सकता है. इसके लिए हमे किसी की नकल करने की जरूरत नहीं. जरूरत है तो अपने ऊपर विश्वास रखने की. अपनी काबिलियत के साथ खड़े रहने की. अक्सर ऐसा होता है की हम दुसरो की तरह बनना चाहते है. अपनी पहचान और काबिलियत  पर कम भरोसा करते है.अपने अंदर की प्रतिभा को नहीं पहचान पाते. दुसरो की तरह बनने के चक्कर मे हम दुसरो की तरह बन तो नहीं पाते बल्कि अपने आप को भी खो देते है. अपनी पहचान को भी दबा देते है. यह सही है की आपका एक आदर्श होना चाहिए, एक लक्ष्य होना चाहिए. सफलता पाने के लिए ये जरूरी है की आप अपना एक आदर्श चुने. लेकिन आप उसकी तरह बन नहीं सकते हर इंसान की एक अलग पहचान होती है। कामयाबी तक पहुचने का उसका अपना ही एक तरीका होता है. आपको अपनी पहचान के भीतर ही सुधार की जरूरत है. आपकी अपनी एक अलग पहचान होती है. हमे इस बात पर गर्व होना चाहिए की हम मानव है और हमने मानव जाति मे जन्म लिया है. चाहे हम किसी भी नस्ल, जाति और धर्म के हो. सभी को भगवान ने एक समान ही गुण ,विशेषताए और दिमाग दिया है. किसी ने इसका बेहतर उपयोग किया है तो वह कामयाब है, किसी ने इसका दुरुपयोग किया है तो वह नाकामयाब है. कई बार हम अपनी नाकामियो, कमियो का दोष ऊपर वाले को देते है. वास्तव मे यह गर्व की बात है की हम मानव है और हर वो चीज कर सकते है जिसकी हम इच्छा या कल्पना करते है और खुदा ने यह गुण कामयाब लोगो को ही नही बल्कि सबको दिया है. कामयाब लोगो ने केवल इसका सही प्रयोग किया है. आप अपनी काबिलियत के प्रति संदेह नही कर सकते. अक्सर हम अपनी काबिलियत पर संदेह करते है और अपने कार्यो और लक्ष्यो को पूरा करने के लिए दुसरो द्वारा अपनाए गए तरीको को अपनाने की कोशिश करते है बजाय के आत्म विकास(self development) के. यहा मै बात नकल की कर रहा हु. जब मै बात नकल की करता हु तो मेरे मन मे कौए और मोर(story of crow and peacock) की एक कहानी आती है.

crow and peackock story

ये कहानी एक कौवे की कहानी है. जो चाहता था की वो बहुत सुंदर दिखे. वह अपनी शक्ल से नफरत करता था क्योकि उसे लगता था की उसकी शक्ल बदसूरत है. काला और बदसूरत होना उसे अप्रिय था इसलिए वह अपनी पूरी प्रजाति से भी घृणा करता था. वह जिस वृक्ष पर रहता था वहा कई मोर भी रहते थे. वह जब उन मोरो और उनके पंखो को देखता तो उसकी इच्छा उन मोरो की तरह सुंदर बनने की होती. एक दिन उसने अपनी इच्छा पूरी करने की ठानी. उसने बहुत सारे मोर पंखो को एकत्रित किया और  उन्हे अपने से लगा लिया ताकि ये मोर की तरह सुंदर दिखे. लेकिन केवल मोर पंख लगा लेने से वह मोर नहीं बन सकता था. उसे अपना नया अवतार इतना अच्छा लगा की उसने कौओ के साथ नहीं बल्कि मोरो के साथ रहने का निश्चय किया. उसने एक लंबी उड़ान भरी और मोरो के झुंड के बीच पहुच गया. मोर उसे बहुत हैरानी से देखने लगे. जो आधा कौआ और आधा मोर लग रहा था. मोरो ने पहचान लिया की उनके बीच एक कौआ आ गया है. मोरो ने कौए के पंखो को नोच डाला और उसका मज़ाक उड़ाने लगे. जैसे तैसे कौआ अपनी जान बचाकर वहा से भागा और कौओ के बीच पहुच गया. तब कौओ ने देखा की किसी दूसरी प्रजाति का पक्षी उनके बीच आ गया है. उन्होने भी उसपर आक्रमण कर दिया दोबारा उसे अपनी जान बचाकर वहा से भागना पड़ा. अंतत: उसने अपने पंखो को अपने से हटा लिया और दोबारा कौआ बन गया. तब जाकर वह कौओ के बीच वापिस जा सका और उनके बीच रह सका. उस दिन उसने एक सबक सीखा अगर वह अपने ही पंखो से संतुष्ट रहता तो उसे अपनो और दूसरों के बीच घृणा का पात्र नहीं बनना पड़ता. नकल करने का उसका यह अनुभव कड़वा रहा.

 

आपको अपनी कामयाबी पाने के लिए कही और जाने की जरूरत नहीं. हर कोई अपनी life का hero है आपको किसी और की तरह बनने की जरूरत नहीं. आप अपनी ही जगह पर acre of diamonds पर है. आपको अपनी पहचान और काबिलियत पर विश्वास करने की जरूरत है. ये बात सिर्फ विश्वास की है और विश्वास कीजिये आप जो चाहते है वो देर सवेर पूरा हो जाएगा. आप अपने ऊपर विश्वास रखिए और कड़ी मेहनत कीजिये. खुदा का शुक्र है जो उसने हमे मानव बनाया जो चाहे तो कुछ भी कर सकता है.

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One Response

  1. Siddharth bagul 02/04/2018

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