adult films का प्रयोग सही है या गलत खतरे का विषय यह नहीं है, खतरे का विषय है एडल्ट फिल्मो के प्रयोग से मनुष्य पर पढने वाले प्रभाव। यह व्यक्ति को उसकी असल ज़िंदगी से कल्पनात्मक दुनिया की ओर मोड देता है, ये व्यक्ति की feelings को खत्म कर देता है और उसे अपनो से दूर कर देता है। जीवन मे अकेलेपन, खालीपन, और व्यक्ति के आत्मविश्वास को कम कर देता है। आपसी संबंधो मे दूरी पैदा करता है एडल्ट फिल्मे देखना। एडल्ट फिल्मो की बनावटी दुनिया व्यक्ति के भावनात्मक लगाव को कभी संतुष्ट नहीं कर सकती। अगर इसके प्रभाव की बात करे तो बढ़ती बलात्कार की वारदातो, हिंसक यौन घटनाओ, बच्चो के दिमागो, आपसी संबंधो, समाज और संस्कृति पर इसका नकारात्मक प्रभाव पढ़ता है।
क्यो पढ़ जाती है एडल्ट फिल्मो की लत why adult films is addictive
सेक्स से दिमाग मे neurochemicals निकलते है। ये neurochemicals दिमाग पर उसी प्रकार कार्य करते है जिस प्रकार कोई drug करता है। मानव पोर्नोग्राफी का प्रयोग आनंद उठाने के लिए करता है, इसके द्वारा वह अपनी चिंताओ, उदासीनता, अपनी निराशाओ, कुंठा(frustration), अकेलेपन और ऊबने से छुटकारा पाना चाहता है। उस समय वह बनावटी आनंद मे खो जाता है और अपनी सारी परेशानियों को भूलकर एक बनावटी संसार मे चला जाता है। लेकिन वह यह नहीं जानता की जिन परेशानिओ से छुटकारा पाने के लिए वो ये आनंद उठा रहा है वो उसके लिए कई और सारी परेशानीया लाने वाली है। अगली बार जब ऐसी भावना दोबारा आती है तो यह पहले से भी ज्यादा मजबूत होती है जो व्यक्ति को एडल्ट फिल्मे देखने के लिए आकर्षित करती है और इस प्रकार एक चक्र सा शुरू हो जाता है। समय के साथ इसका दिमाग के साथ तालमेल बैठ जाता है जो पूरी तरह से लत का रूप ले लेता है।
एडल्ट फिल्मो से बचना नहीं है आसान
एडल्ट फिल्मे देखने वाला व्यक्ति धीरे धीरे अपनी एक महत्वपूर्ण feeling को खत्म कर देता है ओर वो फीलिंग है emotions। उस व्यक्ति की परेशानिया, चिंताए, तनाव पहले से भी ज्यादा बढ़ जाते है। एडल्ट फिल्मो की लत ठीक वैसे ही है जैसे की नशे या धूम्रपान की लत। एक बार लत पढ़ जाने से इसे आप अपनी इच्छा शक्ति के बावजूद इस लत को रोक पाने मे असमर्थ रहते है। और इसे छुड़ाने के लिए आपको उसी प्रक्रिया से गुजरना पढ सकता है जैसे की किसी नशे की लत को छुड़ाने की प्रक्रिया मे किया जाता है।
एडल्ट फिल्मे डालती है बच्चो के दिमाग पर असर
तेज स्पीड इंटरनेट के जमाने मे ऑनलाइन एडल्ट फिल्मो तक बच्चो की पहुच आसान हो गई है। इसने बच्चो के दिमाग पर बूरा असर डाला है। extreme पोर्न फिल्मो मे किया गया सेक्स का चित्रण वास्तवकिता से परे होता है और ज़्यादातर वयस्क इस तरह के सेक्स मे संलिप्त नहीं रहते। बच्चो के कम उम्र मे ही extreme adult films से परिचय हो जाने से उनकी मानसिकता बहुत प्रभावित होती है। यह उनके व्यवहार, सेक्स के प्रति उनकी सोच पर बूरा असर डालता है। इससे बच्चो के यौन हिंसा मे संलिप्त रहने का खतरा बढ़ सकता है।
एडल्ट फिल्मो को लेकर होती रही है बहस debate over adult films in hindi
एडल्ट फिल्मो को लेकर researchers मे बहस होती रही है। कुछ का मानना है की पोर्नोग्राफी की वजह से rapes की संख्या घटी है। the effects of pornography: An International Perspective नामक अध्यन मे यह कहा गया की इस इंडस्ट्री की संवृद्धि से united states मे 1975 और 1995 के बीच यौन उत्पीड़न मे कमी आई है और जापान मे भी ऐसे परिणाम देखने को मिले है। लेकिन इसके विरुद्ध Robert peters (जो की morality in media के अध्यक्ष थे) ने माना की ये परिणाम adult films की बढ़ती मौजूदगी के अलावा और कुछ नही दिखाते और अगर बलात्कारो की वारदात मे अगर कमी आई है तो वो केवल इस वजह से की इसे रोकने के लिए जबरदस्त पर्यत्न किए गए है और इन प्रयत्नो मे समुदाय, स्कूल आधारित कार्यकर्मो, मीडिया कवरेज, डीएनए एविडेन्स (dna evidence), कठोर कानून के लागू होने और लंबी जेल की सजा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कुछ लोग पोर्न फिल्मो का समर्थन करते है तो कुछ के लिए ये बूरी है। एडल्ट फिल्मे ना केवल मानसिकता को प्रभावित कर सकती है बल्कि इसके शरीर पर भी बूरे प्रभाव पढ़ते है, erectile dysfunction जैसी बीमारियो को पैदा कर सकती है इसकी लत। यह वैवाहिक जीवन पर भी असर डाल सकती है और आपसी संबंधो मे भी दूरिया पैदा कर सकती है। adult films सही है या गलत। adult videos से बचने के लिए क्या करे। कैसे रखे अपने को या अपने बच्चो को adult videos देखने से दूर। ये कुछ प्रमुख प्रश्न है। चूंकि इसके साथ आनंद जुड़ा हुआ है इसलिए शुरू शुरू मे इसे देखना अच्छा लगता है लेकिन कब आप इसकी लत मे पढ़ जाए ये आपको भी नहीं पता चलेगा। इसलिए अपने दिमाग का स्विच ऑन रखिए। स्वस्थ और सुरक्षित रहिए। हमे अपने comments के द्वारा जरूर बताइए की adult films देखना अच्छा है या गलत, फैसला आप पर है।
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watching pornography is good or bad, i cant say, but i want to say & try to get your attention to the elements which motivates us to watch the pornography. the friend circle, socio economic status, mantality, age factor, lack of the moral education, these are some aspects which also a contributor of the vast publicity of pornography. your article might be helpful for the readers, all the best for future. carry on.
आने वाले समय में जानवर अगर विकृत जीवों को जन्म देना शुरू कर दें तो अचरज मत कीजियेगा क्योकि मानव अपनी विकास की चरम सीमा को लांघने के लिए आतुर हैं और दोष केवल अनपढ़, गरीब, या किसी एक जाति या धर्म के लोगों को भी न दीजियेगा क्योकि इसमें तो पढ़े-लिखे, अमीर, नामी और बड़े बड़े पदों पर विराजे हर धर्म और जाति के लोग तक शामिल होते जा रहे हैं और समाज में मनमर्जियों, आवारों, भ्रष्टों और अमानवीय लोगों की संख्या बुलेट ट्रेन की स्पीड से भी तेज बढ़ रही है|
Thanks admin for sharing this info. but in present era we can not say watching pornography is a good or bad practice but the fact is why we have such stupidity available all the time over a single click.. Modern generations is highly addicted to it..
Pornography should be banned!!isn’t it should be?
Thanks
You may be right but pornography is also helpful to those who wants to know more about relationship and new in their personal relation.
Pornography should be banned because this harms our mind and health,all should be aware of this for better society