दोस्तों पहली हवाई यात्रा करने से पहले लोगो के मन मे तमाम सवाल चल रहे होते है. जैसे की हवाई जहाज की यात्रा के लिये टिकट कैसे मिलेगा, टिकट पर नाम गलत होने पर क्या करना है, कैसे और कौन सी सीट चूज करनी है. बोर्डिंग पास क्या होता है, चेक इन बैगेज क्या होता है, हैंड बैगेज क्या होता है, बैगेज अलाउंस, बोर्डिंग करने से पहले क्या क्या प्रोसेस होते है, कितने समय पहले पहुचना जरूरी होता है. सिक्यूरिटी चेक, डिपार्चर टाइम, बोर्डिंग टाइम, हवाई जहाज मे किस तरह की सुविधाये होती है, हवाई जहाज मे अगर तबियत खराब हो जाये जैसे की एयरसिकनेस की वजह से उलटी या जी मिचलाना तब क्या करे. तमाम तरह के सवाल हमारे मन में चल रहे होते है. जब भी कुछ पहली बार होता है तो खास होता ही है, लेकिन जब आपके पास उससे संबंधित नॉलेज भी हो तो फिर वो पहली चीज और भी खास हो जाती है. तो दोस्तों अगर आप भी पहली बार हवाई यात्रा कर रहे है तो काफी चीजे आपको सीखने को मिलेगी. इस पोस्ट मे स्टेप बाय स्टेप सभी जानकारियां समझने को मिलेगी.
पहली हवाई जहाज की यात्रा टिप्स first time in aeroplane tips in hindi
देखो दोस्तों हवाई जहाज की यात्रा करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी टिकेट बुक करनी होगी. ये बुकिंग आप ऑनलाइन करवा सकते है. बहुत सी एयरलाइन कंपनिया मौजूद है जैसे इंडिगो, स्पाइस जेट, एयर इंडिया और अन्य कंपनिया मौजूद है. इनकी साइट्स पर जाकर आप अपनी डेट्स, पैसो और स्थान के हिसाब से अपनी सीट्स बुक करवा सकते है. हवाई टिकट बुक करवाने के बाद दोस्तों उस हवाई टिकट का प्रिंटआउट लेना पड़ता है जिसे दिखाकर आपको एयरपोर्ट मे एंट्री मिलती है. ध्यान रखने की बात यह है की टिकट पर वही नाम होना चाहिये जो आपकी आई डी जैसे आधार या वोटर आई डी पर हो.
हवाई जहाज टिकट aeroplane ticket
यदि आपका नाम सिंगल है जैसे संजय और आप इसके आगे कुछ नहीं लगाते जैसे कोई कास्ट नहीं जोड़ते और आई डी पर भी आपका नाम संजय ही है और कोई मिडिल और लास्ट नाम नहीं है तो भारत मे डोमेस्टिक फ्लाइट्स मे टिकेट बुक करते समय फर्स्ट नेम और लास्ट नेम दोनों मे संजय ही लिखे.
हवाई जहाज टिकट पर नाम मे गलती name error on aeroplane ticket
आपकी टिकट और बोर्डिंग पास पर आपका नाम गलत होने से आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, ये अच्छी तरह जांच ले की जो नाम आपके आई डी पर है वही नाम आपके हवाई टिकट पर भी है. अगर आपके नाम मे कुछ खराबी आती है तो संबंधित एयरलाइन के कस्टमर केयर से संपर्क करके उसमे सुधार करवा सकते है. ऐसी परेशानी ज्यादा तर उन लोगो को होती है जो पहली बार हवाई सफ़र करने वाले है और मिडिल नेम और लास्ट नेम अपने नाम के आगे नहीं लगाते. ऑनलाइन टिकेट बुक करते समय फर्स्ट नेम और लास्ट नेम भरना होता है और लास्ट नेम को आप खाली नहीं छोड़ सकते है. तो कई बार इस तरह के लोग जिनके नाम के आगे सरनेम नही लगा होता तो वो लास्ट नेम में अपना पहला नाम डाल देते है और पहला नाम खाली छोड़ देते है. इससे होता क्या है की पहले स्थान के नाम पर सिस्टम ऑटोमेटिकली Mr. को फिल कर देता है. जबकि Mr. पहले से ही फॉर्म मे लगा रहता है जिससे टिकेट पर आपका नाम ऊपर दिये गये उदहारण के अनुसार कुछ ऐसा दिखेगा Mr. Mr. sanjay. ऐसी स्थिति मे आप एयरलाइन के कस्टमर केयर से संपर्क करके अपना नाम सही करवाले या पहली बार टिकेट बुक कर रहे है तो फर्स्ट और लास्ट नाम दोनों मे पहला नाम ही डाले उदहारण के तौर पर sanjay sanjay.
फ्लाइट बुक होने के बाद आपकी टिकेट पर टाइमिंग, डेस्टिनेशन, और कितना बैगेज आप अपने साथ ले जा सकते है के बारे में लिखा रहेगा, डोमेस्टिक फ्लाइट्स मे आम तौर पर 15 kg प्रति व्यक्ति चेक इन बैगेज और 7 kg प्रति व्यक्ति हैंड बैगेज (इसे कैबिन बैगेज भी कहते है) ले जाने की अनुमति होती है. कुछ एयरलाइन्स चेक इन बैगेज के लिये अलग से चार्ज करती है जबकि कुछ फ्री मे चेक इन की सुविधा प्रदान करती है. बैगेज के डाइमेंशन्स और बैगेज मे आप क्या क्या ले जा सकते है आप संबंधित एयरलाइन्स की बैगेज पालिसी मे चेक कर सकते है.
आम तौर पर डोमेस्टिक फ्लाइट्स करने वालो को डिपार्चर टाइम से दो घंटा पहला पहुचने के बारे में कहा जाता है. देखो दोस्तों डिपार्चर और अराइवल के बारे में बताते चले की डिपार्चर जहाँ से आपकी फ्लाइट उड़नी होती है उस एरिया को कहते है और अराइवल जहा आपकी फ्लाइट ने उतरना है उस एरिया को कहते है. तो इसी तरह डिपार्चर टाइम जब आपकी फ्लाइट उड़ान भरेगी और अराइवल टाइम जब आपकी फ्लाइट आपके डेस्टिनेशन पर पहुचेगी.
ऑनलाइन टिकेट बुक करने के बाद आपको सीट्स चूज करनी पडती है, आपके हवाई जहाज मे इकॉनमी क्लास मे तीन तरह की सीट्स होती है जैसे विंडो, मिडिल और लास्ट वाली (इसे AISLE कहते है) और बिजनेस क्लास मे दो सीट होती है. आप अपनी सुविधा के हिसाब से ये सीट्स बुक कर सकते है. आम तौर पर जो लोग एयरसीक होते है उन्हें विंडो सीट नहीं लेने का सुझाव दिया जाता है. लेकिन ज्यादातर लोग विंडो सीट लेना ही पसंद करते है. विंडो सीट पेड भी होती है और फ्री मे भी मिल सकती है. आप ऑनलाइन हि वेब चेक इन के द्वारा अपना बोर्डिंग पास भी निकाल सकते है और हवाई जहाज की सीट भी चुन सकते है. इससे आपको एअरपोर्ट पर ज्यादा सुविधा होगी और आपको बोर्डिंग पास लेने के लिये लंबी लाइनों मे नहीं लगना पड़ेगा. बोर्डिंग पास को बोर्डिंग गेट पर दिखाया जाता है. बोर्डिंग पास दिखाकर ही आपको हवाई जहाज पर चढ़ने दिया जाता है. बोर्डिंग पास पर आपका नाम, डेस्टिनेशन, फ्लाइट नंबर, बोर्डिंग गेट नंबर, बोर्डिंग टाइम, डिपार्चर टाइम, सीट नंबर दिया गया होता है.
डिपार्चर टाइम वो टाइम होता है जब आपका हवाई जहाज टेक ऑफ यानि उड़ने वाला होता है. और बोर्डिंग टाइम डिपार्चर से पहले का प्रोसेस है जिसमे आपको बोर्डिंग गेट पे निर्धारित समय पर बोर्डिंग पास दिखा कर एंट्री करवाई जाती है फिर आपको संबंधित एयरलाइन की शटल बस से हवाई जहाज तक ले जाया जाता है.
फ्लाइट वाले दिन एयरपोर्ट पर कैसे क्या करना होता है
सबसे पहले तो एयरपोर्ट पर पहुच कर अपने सामान को अगर ज्यादा है तो ट्राली की सहायता से अन्दर ले जाये. अन्दर ले जाते समय आपका सिक्यूरिटी चेक होगा अपने टिकेट, आई डी तैयार रखे. ये दिखाकर आपको एअरपोर्ट के अन्दर एंट्री मिलेगी. ये बात याद रखनी है की अगर आपका बैगेज हैण्ड बैगेज (कैबिन बैगेज) है और 7 किलो से कम है और आपने ऑनलाइन वेब चेक इन के द्वारा अपना बोर्डिंग पास निकाल लिया है तो बोर्डिंग पास की लंबी लाइनो मे लगने की जरूरत नहीं है, सीधे अगला सिक्यूरिटी चेक करा के अपने बोर्डिंग गेट की तरफ निकल जाये.
यदि आपने ऑनलाइन वेब चेक इन के माध्यम से बोर्डिंग पास नहीं निकला है या यदि आपके पास चेक इन बैगेज है तो आपको जिस एयरलाइन से आप यात्रा कर रहे है उसके काउंटर तक पहुचना है, इसे चेक इन काउंटर भी कहते है, यहाँ आपको अपना बैगेज जमा कराना पड़ता है. यहाँ आप अपने बैगेज का भार भी चेक कर सकते है. आमतौर पर 15 kg बैगेज आपको ले जाने की अनुमति होती है लेकिन अगर बैगेज का वजन 15 kg से ज्यादा है तो उसके लिये अलग से चार्ज लिया जाता है. यहाँ काउंटर पर आप अपनी टिकेट और आई डी दिखाकर बोर्डिंग पास ले सकते है.
बोर्डिंग पास लेने और चेक इन बैगेज जमा कराने के बाद आपको एक और सिक्यूरिटी चेक से गुजरना होता है. यहाँ जाते वक्त आप अपना हैण्ड बैगेज (केबिन बैगेज) अपने साथ रखे उसको भी यहाँ चेक किया जाता है. इसके बाद आपको अपने बोर्डिंग गेट की तरफ जाना पड़ता है. आपका बोर्डिंग गेट का नंबर आपके बोर्डिंग पास पर दिया जाता है. बोर्डिंग गेट पर पहुच कर बोर्डिंग टाइम का इंतजार करन पड़ता है बोर्डिंग टाइम भी आपके बोर्डिंग पास पर दिया जाता है. बोर्डिंग टाइम होने पर आपको बोर्डिंग गेट पर जाना है और अपना बोर्डिंग पास दिखाना है आपको यहाँ से एयरोप्लेन की तरफ जाने की एंट्री मिलती है और यहाँ से आपको बस से प्लेन की तरफ ले जाया जायेगा यहाँ दोबारा आपका बोर्डिंग पास चेक किया जायेगा और आपको प्लेन के अन्दर जाने की अनुमति मिलेगी. बोर्डिंग पास पर आपका सीट नंबर दिया जायेगा, जिसे देख कर आपको अपनी सीट देखनी है और वहां पर बैठना है.
अगर आपको एयरसिकनेस है और आपको वोमिटिंग या नौजीया (जी मिचलाने) का अनुभव हो रहा है तो आप एयरहोस्टेस से कह सकते है, वहाँ एयर सिकनेस बैग भी पड़े होते है जिसमे आप उलटी कर सकते है. बाकी जरूरी इंस्ट्रक्शन आपको प्लेन में ही मिलते रहते है.
तो दोस्तों ये है पूरा प्रोसेस और जानकारी जिसकी मदद से आप अपनी हवाई यात्रा को आसान बना सकते है उम्मीद है आपको ये जानकारी लाभदायक लगेगी और आपकी यात्रा सुगम बनेगी.
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Very good article ab mujhe koi dikat nehi hogi thanks
Sir , plane par jane se pahle hme medical report v deni hoti hain .
नहीं अविनाश प्लेन में जाने के लिए आपको मेडिकल रिपोर्ट नहीं देनी होती.
Nice Share Bhai