मूड डिसऑर्डर क्या है Meaning and Types of Mood Disorder in hindi

मनोदशा विकृति यानि mood disorder जैसा नाम से ही पता चलता है, एक ऐसी मानसिक बीमारी (mental disorder) है जिसमें व्यक्ति के भाव (feeling), संवेग (emotion) एवं संबंधित मानसिक दशाओं में इतना उतार-चढ़ाव होता है कि वह अपने आम दिनों को सामान्य तौर पर नही जी पाता। उसकी सामाजिक एवं पेशेवर (occupational) जिंदगी में बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। इस तरह की मानसिक बीमारी में व्यक्ति की मनोदशा में कभी तो काफी डिप्रेशन हो जाता है तो कभी डिप्रेशन एवं खुशी दोनों ही बारी-बारी से होते देखा जाता है। चाहे मानसिक अवस्था डिप्रेशन की हो या खुशी की, रोगी का सामान्य व्यवहार बुरी तरह प्रभावित हो जाता है और व्यक्ति को चिकित्सा (therapy) देना जरूरी हो जाता है।

 

Types of Mood Disorder in hindi मूड डिसऑर्डर के प्रकार

 

DSM-IV (TR) में तीन तरह के mood disorder के बारे मे बताया गया है जो इस प्रकार है

1. विषादी विकृति (Depressive disorder) —इसे एकध्रुवीय विकृति (unipolar disorder) भी कहा जा सकता है। इस Mood Disorder का मुख्य लक्षण व्यक्ति में उदासी एवं डिप्रेशन का होना है। इसके अतिरिक्त इसमें भूख, नींद एवं शारीरिक वजन में कमी होते देखी जा सकती है और व्यक्ति का activation level काफी कम होता जाता है। Depressive disorder को फिर दो भागों में बाँटा दिया गया है:

 

(i) डायस्थाइमिक विकृति (Dysthymic disorder) — इस Mood Disorder में विषादी मनोदशा (depressive mood) का स्वरूप चिरकालिक (chronic) होता है अर्थात् कई वर्षों से व्यक्ति की मनोदशा विषादी होती है। व्यक्ति को कई वर्षों से किसी भी चीज में रुचि या आनंद महसूस नही होता। बीच में कुछ दिनों के लिये उसकी मनोदशा बेशक सामान्य हो जाए परंतु डिप्रेशन की स्थिति ज्यादा बनी रहती है।

 

(ii) बड़ा विषादी विकृति (Major depressive disorder) – इस Mood Disorder में व्यक्ति ने एक या एक से अधिक बड़े विषादी घटनाओं (depressive episode) का अनुभव किया होता है। व्यक्ति हर एक चीज में अपनी रुचि (interest) खो चुका होता है तथा उसे कोई कार्य में मन नहीं लगता है। ऐसे में नींद की कमी, शारीरिक वजन में कमी, थकान, ठीक से कुछ सोच न पाना, खुद को बेकार एवं अयोग्य महसूस करना, आत्म-हत्या (suicide) की प्रवृत्ति आदि अधिक होती जाती है। इस विकृति के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे लक्षण कम-से-कम पिछले दो सप्ताह से व्यक्ति मे देखे जा रहे हो।

 

Mood disorder information in hindi

 

2. द्विध्रुवीय विकृति (Bipolar disorder)– द्विध्रुवीय विकृति वैसी विकृति को कहा जाता है जिसमें व्यक्ति या रोगी में बारी-बारी से विषाद (depression) तथा उन्माद (mania) दोनों ही तरह की अवस्थाएँ देखी जाती हैं। इसलिए इसे उन्मादी-विषादी विकृति (manic-depressive disorder) भी कहा जाता है। DSM-IV (TR)में द्विध्रुवीय विकृति के निम्नांकित तीन प्रकार बताए गये हैं:-

(i) साइक्लोथाइमिक विकृति (Cyclothymic disorder) – डायस्थाइमिक विकृति (dysthymic disorder) के समान साइक्लोथाइमिक विकृति में भी मनोदशा में चिरकालिक क्षुब्धता पायी जाती है। इसमें डिप्रेसिव व्यवहार तथा अल्पोन्मादी (hypomanic) व्यवहार दोनों ही पाये जाते हैं परंतु इन दोनों में से किसी की भी गंभीरता ऐसी नहीं होती है कि वह DSM-IV द्वारा निर्धारित कसौटी को छू सके। ऐसे व्यवहारों का निश्चित रूप कम-से-कम दो वर्ष पुराना अवश्य होता है।

 

(ii) द्विध्रुवीय एक विकृति (Bipolar 1 disorder)– द्विध्रुवीय एक विकृति, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वैसी मानसिक विकृति होती है जिसमें रोगी या व्यक्ति एक या एक से अधिक उन्माद की घटना तथा एक या एक से ज्यादा बार डिप्रेशन की घटना की घटनाओ से गुजरा होता है। Bipolar 1 disorder के बहुत कम रोगी ऐसे भी होते हैं जो एक या एक से अधिक बार उन्मादी अवस्था का अनुभव किये हों परंतु उन्हें कभी भी डिप्रेशन का अनुभव नहीं हुआ हो।

 

(iii) द्विध्रुवीय दो विकृति (Bipolar II disorder) — Bipolar II disorder वैसी मानसिक विकृति होती है जिसमें रोगी को कम-से-कम एक अल्पोन्मादी (hypomanic) मानसिक अवस्था का अनुभव और एक या एक से अधिक विषादी मानसिक अवस्थाओं का अनुभव हों गया होता है। इसके रोगी को कभी उन्मादी (manic) मानसिक अवस्था का अनुभव नहीं होता है। अल्पोन्मादी अवस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति की मनोदशा थोड़े देर के लिए बढ़ी या चढ़ी होती है, तथा उनमें चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति आ जाती है परंतु उनका सामाजिक एवं व्यावहारिक कार्य पर कोई गलत असर नही है तथा ऐसे व्यक्ति को मानसिक अस्पताल में भर्ती करवाकर उसका उपचार करवाना भी जरूरी नहीं होता है।

द्विध्रुवीय एक विकृति (Bipolar I disorder) तथा द्विध्रुवीय दो विकृति (Bipolar II disorder) में मुख्य अंतर होता है कि द्विध्रुवीय दो विकृति में उन्मादी व्यवहार की गंभीरता कम देखी जा सकती है जबकि द्विध्रुवीय एक विकृति में उन्मादीव्यवहार व्यक्ति अधिक गंभीर मात्रा में दिखाई देता है।

 

3. अन्य मनोदशा विकृति (Other mood disorder)-इस श्रेणी में वैसी मनोदशा विकृतियों को रखा गया है जो शारीरिक एवं मानसिक विकृतियों से पैदा होती हैं। एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक 10 मुख्य विषादी विकृति में से एक का कारण मनोवैज्ञानिक या सांवेगिक (emotional) न होकर कोई शारीरिक बीमारी जैसे कैंसर, मधुमेह, हृदय आघात आदि, या कुछ द्रव्य दुरुपयोग (substance abuse) या अन्य विकृतियों के उपचार के लिए लिया जाने वाला कोई औषध आदि भी हो सकता है।

 

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