फैट हमारे शरीर के लिये बहुत जरूरी होता और यह शरीर के विभिन्न कार्यो मे मदद करता है. हालाँकि सभी फैटस शरीर के लिये लाभदायक नही होते. डॉक्टर्स हृदय रोग और डायबिटीज से बचने के लिये वजन कम करने और FAT ना लेने की सलाह देते है. हालाँकि अब सब यह मानते है की सभी तरह के फैट हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुचाते कुछ फैटस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके स्वास्थ्य को ठीक करते है. जिनमे अनसैचुरेटेड फैटस आते है.
फैटस हमारे लिये क्यों जरूरी है – Why do we need fat in hindi
हमारे शरीर को फैटस की आवश्यकता होती है, यह हमे ऊर्जा देते है और शरीर को गर्म रखते है
कोशिकाओं का निर्माण करते है और अंगों को सुरक्षित रखते है
शरीर को खाद्य पदार्थों से विटामिन अवशोषित करने में मदद करते है और शरीर को ठीक से काम करने वाले हार्मोन का निर्माण करने मे मदद करते है.
हम कई तरह के फैट खाते है
- सैचुरेटेड फैट
- अनसैचुरेटेड फैट
- मोनोअनसैचुरेटेड फैट
- पोलीअनसैचुरेटेड फैट
- ट्रांस फैट
अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिये हमे ज्यादा तर fat अनसैचुरेटेड फैट के स्त्रोतों से लेना चाहिये. सैचुरेटेड फैट आपके खून मे LDL cholesterol के खतरे को बढ़ा देते है, जिससे हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है, ट्रांस फैट भी शरीर के लिये हानिकारक होते है जो की हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देते है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार आपको प्रतिदिन 5 से 6 % से ज्यादा कैलोरी सैचुरेटेड फैट से और 1 % से ज्यादा कैलोरी ट्रांस फैट से नहीं लेनी चाहिये. इसके अलावा ओमेगा 6 फैटी एसिड्स से आप 5 से 10 % तक कैलोरी ले सकते है.
फैटस के लाभ BENEFITS OF FATS IN HINDI
अपने दैनिक भोजन में कार्ब की मात्रा घटाकर उसके स्थान पर अच्छे फैटस लेने से यह इंसुलिन सेंस्टिविटी और मेटाबोलिज्म सुधारता है, सुजन कम करता है.
अब यह मान लिया गया है की वजन घटाने के लिये कुछ फैटस का लेना जरूरी है. लोग अक्सर यह गलती करते है की वजन घटाने के लिये वो अपनी FAT की मात्रा कम कर देते है और उसकी जगह कार्ब्स लेते है. कुछ फूड मैन्युफैक्चरर भी फूड मे फैट हटाकर उसमे सुगर ऐड कर देते है जिसे फिर बाद मे बॉडी फैट के रूप मे शरीर मे स्टोर कर देती है. अध्यन ये बताते है की वजन कम करने मे हाई फैट लो कार्ब डाइट ज्यादा बेहतर परिणाम दे सकती है बजाय के लो फैट हाई कार्ब डाइट के. फैट मेटाबोलिज्म को सुधरता है इसलिए शरीर पर से फैट हटाने मे मददगार साबित हो सकता है.
हेल्थी फैट मांसपेशियों की वृद्धि मे भी सहायक है यह होरमोंस को संतुलित करता है और व्यायाम और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के बाद शारीर को रिकवरी प्रदान करता है.
यह मस्तिष्क के कार्यो मे मदद करता है. हमारा मस्तिष्क प्रमुख रूप से कोलेस्ट्रोल और फैट से बना है जिसमे आवश्यक फैटी एसिड्स विशेषकर DHA होता है. अत: पर्याप्त मात्रा मे DHA लेना मस्तिष्क को सही तरह से काम करने मे मदद करता है. हमे ओमेगा 3 और ओमेगा 6 2:1 के अनुपात मे लेना चाहिए.
हेल्थी फैट लेने से पुरुषो और स्त्रियों दोनो का प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सुधरता है, लिबिडो मजबूत होता है, एथलेटिक प्रदर्शन बेहतर होता है. हेल्थी फैट हार्मोन्स को बनाता है और जीन सिग्नल को बेहतर करता है जो की हार्मोनल बैलेंस को नियंत्रित करता है. महिलाओ मे बाँझपन का सामान्य कारण फैट ना लेना होता है. फैट कम लेने से पुरुषो मे टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन होरमोन की मात्रा घटती है.
सही मात्रा मे हेल्थी फैटस लेने से बोन डेंसिटी बढती है, ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) से बचाव होता है. फैटस कैल्शियम मेटाबोलिज्म मे शामिल होते है, विटामिन k2 और D फैट घुलनशील पोषक तत्व होते है जो की बोन बिल्डिंग मे मदद करते है. हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये ओमेगा 3 और 6 को 2:1 के अनुपात मे खाना चाहिये.
FAT वाले पदार्थों को भोजन मे शामिल करना निश्चित रूप से एक स्वस्थ आहार का हिस्सा है बस उन खाद्य पदार्थों को चुनना याद रखें जो अच्छे वसा प्रदान करते हैं जैसे मोनोअनसस्यूटेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और सभी तरह के भोजन से लेने वाली कैलोरी की मात्रा को संतुलन मे रखे. अपने भोजन मे सब्जियो, फलो और अनाजो; कम वसा वाले डेयरी उत्पादों, मछली, फलियां, वनस्पति तेल और नट्स को शामिल करे; और सोडियम, मिठाई, चीनी मीठा पेय पदार्थ और रेड मीट का सेवन सीमित करे. ऐसा करने का मतलब है कि आपका आहार सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट दोनों में कम होगा।
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