हर इंसान को घुमने फिरने का बहुत शोक होता है. लेकिन अक्सर सफ़र के दौरान उल्टियाँ आना, घबराहट, चक्कर आना, सर दर्द जैसी दिक्कते सफ़र का मजा खराब कर देती है. कार या बस में बैठते वक्त घबराहट या उल्टियाँ आने को मोशन सिकनेस कहते है.
मोशन सिकनेस (Motion sickness) जिसे travel sickness भी कहा जाता है, कोई बीमारी या दिक्कत नहीं है.
आमतौर पर हमारा दिमाग हमारी आँखों, त्वचा (skin) और कान के अंदरूनी भाग से जानकारी लेता है और इस जानकारी के आधार पर हमारा दिमाग हमारे शरीर के चलने की दिशा को जान पाता है. गाडी के चलने से जब हमारे दिमाग (Brain) को कान, त्वचा (skin) और आंख से अलग-अलग सिग्नल (signals) मिलते हैं तो यह हमारे दिमाग के एक हिस्से सेंट्रल नर्वस सिस्टम (central nervous system) को confusion में डाल देता है जिसकी वजह से घबराहट या उल्टियाँ आने का मन करता है.
मोशन सिकनेस (Motion sickness) genetic (अनुवांशिक) भी होता है यानी की अगर आपके माता पिता को मोशन सिकनेस है तो आपको भी इसके होने की सम्भावना बढ़ जाती है. इसके घरेलू उपचार संभव हैं. इस पोस्ट में हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे है जिसकी मदद से आप मोशन सिकनेस (Motion sickness) से छुटकारा पा सकते है.
Tips to get rid of motion sickness in hindi
- अगर आपको कार या बस में सफर के दौरान उल्टियाँ आती है, चक्कर आते है या घबराहट होती है तो कभी भी पीछे की सिट पर कभी न बैठे. मोशन सिकनेस (Motion sickness) सबसे ज्यादा गाडी की पीछे की सीट पर बैठने वालो को होता है इसलिए हमेशा बीच की या सबसे आगे की सीट पर ही सफ़र करे.
- Ginger यानि की अदरक में एंटीएमेटिक (Antiemetic) के गुण होते हैं. एंटीएमेटिक एक ऐसा प्रदार्थ है जो उलटी और चक्कर आने से बचाता है. सफ़र से पहले अदरक की चाय पीने से मोशन सिकनेस (Motion sickness) नहीं होता. अगर हो सके तो अदरक अपने साथ रखे. अगर घबराहट हो तो इसे थोडा थोडा खाते रहे.
- सफर करते समय पढने और लिखने से हमेशा बचे. साथ ही जितना हो सके उतना सीधा देखे. जो लोग खिड़की के बाहर ज्यादा देखते है उन्हें अक्सर ज्यादा घबराहट होती है.
- हमेशा कुछ खा कर सफ़र करे. शोधो में पाया गया है की जो लोग खाली पेट सफ़र करते है उन्हें मोशन सिकनेस (Motion sickness) ज्यादा होता है. साथ ही तला हुआ सामान खाने से भी बचे.
- निम्बू में सिट्रिक एसिड होता है जो गैस, उल्टी से आराम पहुचाता है. निम्बू पानी और कोल्ड ड्रिंक पीने से मोशन सिकनेस नहीं होता.
साथ ही बाज़ार में ऐसी बहुत से दवाइयां मौजूद है जो मोशन सिकनेस (Motion sickness) के लक्षणों से बचाव करती है. अगर सफ़र लम्बा हो तो डॉक्टर या केमिस्ट से आप इसकी दवाई ले सकते है.
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Bahut hi shaandar article he aur helpful bhi.
आप कहते है कि सफर के दौरान brain को अलग अलग सिग्नल मिलते है, इस वजह से उल्टी या चक्कर आते है,
तो ये प्रॉब्लम कार या ट्रैन से सफर करते वक़्त क्यों नही होती।
Very helpful article, Thank You
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