किशोरावस्था की शुरुआत के साथ माता-पिता और बच्चो के बीच शिकायतों की शुरुआत भी हो जाती हैं. पेरेंट्स को शिकायत रहती हैं कि बच्चे अब उनसे कम बात करते है, उनकी बात नहीं सुनते और अपनी मन मानी करते है जबकि बच्चो को शिकायत रहती है कि माता-पिता बात बात पर रोक टोक करते है और उन्हें गंभीरतापूर्वक नहीं लेते. पेरेंट्स का अपनी ओर से चिंता करना लाज़मी है लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब माता – पिता teenage period में कुछ ज्यादा over protective हो जाते है. क्योकि इस उम्र के दौरान बच्चो में निर्णय लेने की योग्यता और नय नय विचारो का विकास होता है इसलिए उन्हें लगता है पेरेंट्स उनकी आजादी पर रोक लगा रहे है. ऐसी स्थिति में कई लोगो को लगता है की उम्र बढ़ने के साथ बच्चे उनके हाथ से निकलते जा रहे है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है!!!
मनोविज्ञानिको के अनुसार इंसान की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है किशोरावस्था यानि teenage. इसे Adolescence period भी कहा जाता है. आमतोर पर यह अवस्था 13 से 19 वर्ष की उम्र तक रहती है. यह वह समय है जब हम बचपन से एक कदम आगे की ओर रखते है और परिपक्वता की तरफ बढ़ते है. इस उम्र में बच्चे अपने आप को बहुत अधिक महत्व देते है. उन्हें लगता है की उनका भी आदर होना चाहिये और उनकी बात भी अच्छे से सुनी जानी चाहिये लेकिन कई पेरेंट्स इस बात को seriously नहीं लेते जिसके कारण बच्चो के स्वाभाव में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है.
तो क्या बच्चो को उनके हाल पर छोड़ देना चाहिये? जी नहीं बस अपने बच्चो से बात करते समय कुछ एहम बातो का ध्यान रखना चाहिय.
Management of teenage problems in hindi
Parenting Tips for Teenagers in Hindi – कैसे करे बच्चो की समस्याओं का समाधान
Treat them like a teen not a child or adult.
teenage में किशोर न ही बच्चे रहते है और न ही पूरी तरह बड़े होते है. इसलिए पेरेंट्स के लिए जरुरी है की वह अपनी expectations बच्चो पर न रखे. इस age में बच्चो के साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करना जरुरी होता है क्योकि पेरेंट्स के behavior का बच्चो पर सबसे गहरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए बच्चो की उपेक्षा नहीं करनी चाहिये.
guidance of parents
teenage में बच्चो में स्थिरता की कमी होती है और competition की भावना ज्यादा होती है इसलिए बच्चे बुरी आदतों या गलत संगत में फस सकते है. ये उम्र विफलता और गलतियों से सिखने की होती है. ऐसे में पेरेंट्स को उनपर निगरानी रखनी चाहिये. और समय समय पर उनसे विचार विर्मश करना चाहिये. साथ ही उन्हें सही गलत के बीच का फर्क समझाना भी जरुरी है. लेकिन ये सब कुछ डरा धमका के नहीं किया जा सकता.
Freedom and responsibility
Teenage में बच्चे self dependent बनने की कोशिश करते है इसलिए इस उम्र में पेरेंट्स को अपने बच्चो को थोड़ी responsibility सोपनी चाहिये. इससे उनमे आत्मविश्वास बड़ता है. साथ ही वह अपने एक्स्ट्रा टाइम का सही इस्तेमाल कर पाते है और इधर उधर नहीं भटकते.
Help and Education
Teenage में बच्चो में तेजी से कई तरह के शारीरिक बदलाव होते है जैसे लडकियों में मासिक धर्म और लडको में स्वपन दोष की शुरुवात होती है. ये बदलाव 12 से 14 साल की उम्र से शुरू हो जाते है. बच्चो को इस बात का ज्ञान नहीं हो पाता जिससे वह चिंताग्रस्त और बैचेन हो जाते है. ऐसे में पेरेंट्स और टीचर्स की यह जिम्मेदारी है की वह बच्चो की इन समस्याओ का समाधान करें.
Emotional support
Teenage period हमारी जिंदगी का वो समय होता है जब हम हवाई किले बनाने में बिजी रहते है . इस समय बच्चे काल्पनिक हो जाते है और ज्यादातर समय कल्पना की दुनियां में बित्ताते है. कई बार वे अपनी कल्पनाओ में बहुत उचां उड़ते है जबकि दुसरे पल वे खुद को ऐसी चिड़ियाँ की तरह पाते है जिसके पंख काट दिये गये हो. ऐसे में बच्चे अपनी भावनाओ पर नियंत्रण नहीं रख पाते. ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह जरुरी हो जाता है की वे अपने बच्चो को सपनो की दुनियां से बाहर निकाले. इसके लिए माता पिता को बच्चो को खेलो में भाग लेने के लिए प्रेरित काना चाहिये. इससे वे व्यस्त तो हो ही जायेंगे साथ ही उनकी जिंदगी में फैली मानसिक उथल पुथल भी शांत जाएगी.
दोस्तों उम्मीद करते है यह tips आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे. अगर आप भी इस टॉपिक पर अपना कोई सुझाव या सवाल पूछना चाहते है तो कृपया कमेंट्स के माध्यम से अपनी बात रखे. और इस आर्टिकल को जरुर शेयर करें. साथ ही हमारे आने वाले सभी articles को सीधे अपने मेल में पाने क लिए हमें free subscribe करना न भूले.
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Meri beti 13 saal ki hai.. wo ek ladke ko pasand karti hai.. usne ye baat mujhe bahut darte hue batayi… ab mujhe samajh nhi aa raha h main kaise react karo?? Usse Kya samjhao?? Plz meri help kare..
विनीता जी सबसे पहले तो आपको खुश होना चाहिए की आपकी बेटी ने यह बात आपके साथ शेयर की. क्योकि आमतोर पर बच्चे ऐसी बाते अपने पेरेंट्स के साथ शेयर नहीं करते. आप अपनी बेटी से उस लड़के के बारे सब कुछ पूछ ले. और हो सके तो उस लड़के से मिल भी ले. ताकि आपको पता चल जाये की वो लड़का आपकी बेटी से दोस्ती करने लायक ठीक है या नहीं. अगर आप अपनी बेटी को डाटेंगी या उस लड़के से मिलने से मना करेंगी तो हो सकता है की वो आगे से आपको अपनी प्राइवेट बाते न बताएं.
साथ ही अपनी बेटी को सही गलत और इस उम्र में दोस्ती की limit के बारे में जरुर गाइड करे. इसके आलावा उसे समझाए की यह उम्र करियर बनाने की है. आप उस लड़के से अपनी सीमा में रह कर दोस्ती रख सकती है.
धन्यवाद
Meri beti 11 year ki hai or meri 2nd mrg ki vjhse ab usko 3 step bhai behan ke saath or step father ke saath rehna pad Raha hai jiske Karan uska behaviour bahut he alag hota ja Raha hai vo competition karti hai hai complex or insecurityhoti jarhi hai use lagta hai main use pyar nahi karti vo bahut he jyada pareshan hai main use kese samjhaya plz help me
Hello swati ji
is situation me kai baar baccho k man me insecurity generate ho jaati he. lekin aapko apni daughter ko secure aur comfortable feel karane ke liye puri koshish karni chahiye. aap us se uski problems ke baare me puche, homework karwane me help karvaye, uski hobbies ka dhyan rakhe aur kuch time nikalkar uske sath time spent kare ya ghume phire. is se aapki daughter ka trust develop hoga aur insecurity ki feeling kam hogi.
sath hi baki baccho ke sath apni beti ko khelne ya baatchit karne k liye encourage kare. is se vo sabhi ek dusre ko better tarike se samjhenge.
thanks
Meri two beti h or wh mere saath nahi h n hi baat krti h apni dadi or bua ke paas rhti mere mr. Bhi meri baat bhi samjhte h n baccho se milate h Mai or mr hm ghar ke paas hi ek room lekkr rhte h or mere mr.is come to night only Mai bahut preshan hi. Hm 1year se aise hi rh rhe h or last3years pahle kuchh family matters ke Karan Mai baccho se door ho gyi ab kuch bhi thik nahi ho rha h please koi sughaw bataye ,please mail me ans.