आपने अपने आस पास अक्सर देखा होगा की कई लोग मेडिटेशन करते समय ‘ओम’ शब्द पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है। यह देखकर कई लोगो को लगता होगा की यह एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो केवल साधना तक सीमित है लेकिन क्या आप जानते है ‘ओम’ मंत्र के पीछे एक गहरी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया काम करती है। मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए ‘OM’ शब्द आपकी सहायता कर सकता है। इस तथ्य का प्रमाण कई अलग रिसर्च मे पाया गया है। तो आइये जानते है
The Psychology Behind OM Mantra – ‘ओम’ ध्वनि का मनोविज्ञान
ब्रेन एंड बिहेवियर साइन्स के एक अध्ययन मे मस्तिष्क के रक्त प्रवाह पैटर्न को देखने के लिए functional magnetic resonance imaging (fMRIs)का उपयोग किया गया जब ध्यान में व्यक्ति ओम’ शब्द को चुपचाप दोहराने की कोशिश करता है। इमेजिंग मे मंत्र को दोहरने के दौरान मस्तिष्क में गतिविधि (या ‘निष्क्रियता’) में कमी दिखाई दी ,जो मुख्य रूप से ‘डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क’ में self-reflection और self-judgment के लिए जिम्मेदार सिस्टम है । डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क हमारे दिमाग को भटकाने, अतीत के बारे में सोचने, अपने भविष्य के बारे में सोचने और दूसरों हमारे बारे में क्या सोचते हैं, की कल्पना करने से जुड़ा हुआ है।
साथ ही पाया गया की ‘OM’ शब्द को दोहरने से तंत्रिका तंत्र धीमा हो जाता है। हमारी अंतःस्रावी ग्रंथि प्रणाली हमारी व्यक्तिगत वास्तविकताओं और हमारी चेतना की अवस्थाओं को बनाने में लिम्बिक प्रणाली के साथ काम करती है। fMRIs मे पाया गया है की लिंबिक सिस्टम की सक्रियता, विशेष रूप से, इस एकल शब्द पर ध्यान केन्द्रित करने से बड़ाई जा सकती है। इससे तनाव, अवसाद और चिंता से छुटकारा मिलता है और मेमोरी मे सुधार होता है।
ओम एक single-syllable शब्द है जिसे बीज मंत्र भी कहा जाता है। माना जाता है कि बीज मंत्रों में रचनात्मक शक्ति और मौलिक ऊर्जा होती है, जैसे एक वृक्ष मे बीज होता है जो किसी भी नए पेड़ के बनने का आधार है ।
मनोविज्ञानिकों के अनुसार ओम शब्द मे ध्यान केन्द्रित करने से दिमाग को शांत किया जा सकता है । ओम शब्द की की पुनरावृत्ति मनोवैज्ञानिक और मानसिक प्रतिक्रिया पैदा करती है जो शब्दों के दायरे से परे होती है। इसे केवल अनुभव किया जा सकता है। आप इसे स्वयं भी आजमा सकते हैं। यह शब्द आपके मन को विचलित करने वाले विचारों को दूर करने में मदद कर सकता है और आपके दिमाग को केवल आपके शरीर की तेज कंपन पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस ध्वनि कंपन के परिणामस्वरूप, मन के विभिन्न पैटर्न शांत होने के लिए खुद को फिर से व्यवस्थित करते हैं, उत्तेजना कम हो जाती है, हम अपने अंदर की ओर देख्न सकते है और उस शांति का अनुभव कर सकते है।
जब मन शांत होता है, तो हमारे व्यवहार मे अधिक स्पष्टता होती है। हमारे विचार, धारणा , अनुभूति, दृष्टिकोण और समझने की क्षमता मे में सुधार होता है। परिणामस्वरूप हम प्रभावी और स्पष्ट रूप से समस्याओं को हल करने मे सक्षम हो जाते हैं जिससे मन मे सकारात्मक विचारो का निर्माण होता है और हम स्थिति के अनुसार काम करने की क्षमता विकसित कर सकते है जो मानसिक स्वास्थ्य की लिए महत्वपूर्ण है। यही कारण है आज न सिर्फ भारत मे बल्कि विदेशो मे भी OM MEDIATION को अपनाया जा रहा है।
तो दोस्तो आप भी रिलैक्स रहने के लिए अपनी busy life से कुछ समय निकालकर OM MEDIATION कर सकते है और टेंशन फ्री रह सकते है।
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