हमारा पिछला लेख मन को नियंत्रण करने पर आधारित था, इस लेख में हम बात करेंगे की कैसे मन को भटकने से बचाया जाये. मन बहुत चंचल होता है. यह एक स्थान पर टिक कर नहीं रहता हवा की तरह चलता रहता है. यही दिक्कत बहुत से लोगो के साथ होती है, वे एक चीज पर ध्यान केन्द्रित नहीं पाते. इस वजह से वह अपने विषय से भी भटकते रहते है. क्या आपने कभी महसूस किया है की कक्षा में जब अध्यापक आपको पढ़ा रहा होता है और पढ़ते वक्त आपके दिमाग में कोई विचार आता है और फिर अलग अलग विचार आने लगते है, यही है मन का भटकाव, आप अपने विषय से भटक जाते है और दूसरे विचारो में खो जाते है. अध्यापक ने क्या बोला वह आपको पता ही नहीं चला. ऐसा किसी भी क्षेत्र में किसी के साथ भी हो सकता है. यह व्यक्ति की सफलता को प्रभावित करता है.
मन और दृष्टि के भटकाव को रोकना यानी की विचारो को भटकने से रोकना लेकिन ये कहना आसान है और करना मुश्किल क्योकि यह समस्या हर इंसान के साथ है और इसकी वजह से कई महत्वपूर्ण बाते जानना हमारे हाथ से निकल जाता है क्योकि हमारा ध्यान अपने विषय से भटक चूका होता है और वो कुछ और विचार सोच रहा होता है, ऐसे में जाहिर है की हमारी सफलता पाने के अवसर भी कम होंगे.
ऐसा अक्सर आपके साथ होता होगा की आप पढने बैठे और आपका मन पढने को नहीं कर रहा बल्कि खेलने को या फिल्म देखने को कर रहा है या जिस काम में आप लगे हुए है उसे छोड़कर मन के चलते किसी ओर काम में व्यस्त हो जाये. मन का यही काम है आपको एक काम से दूसरे काम मे भटकाने का. इससे जीवन में लक्ष्य भी प्रभावित होते है.
मन का भटकाव कैसे रोके
ऐसे लोग जिनका मन चंचल होता है, उनके विचार स्थिर भी नहीं रह पाते, अगर वे किसी एक चीज का लक्ष्य बनाते है तो ऐसा ज्यादातर होता है की वे दूसरे लक्ष्य को पाने चले जाते है या उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते. ऐसे लोगो में एकाग्रता और संयम बनाये रखना मुश्किल होता है. लेकिन एक सच ये भी है की मन पर विजय पाना कठिन है लेकिन मेडिटेशन ऐसी तकनीक है जो आपके विचारो को स्थिर रखने में मदद कर सकती है.
मन का भटकाव रोकना कठिन है परन्तु असंभव नहीं. लेकिन यह कैसे संभव है, इसी सन्दर्भ में हम त्राटक की बात करते है, इसका जिक्र हम एक लेख में कर चुके है. ऐसे लोग जो मन के अधीन है और उसे नियँत्रित नहीं कर पाते उन्हें त्राटक मेडिटेशन के बारे में जानना चाहिये.
त्राटक का मतलब है किसी वस्तु को एकटक बिना पलक झपकाये देखते रहना. त्राटक मेडिटेशन के बारे मे ओर ज्यादा जानने के लिए आप हमारा त्राटक से संबंधित पिछला लेख पढ़ सकते है. वैसे हम बता दे की त्राटक मेडिटेशन मे आप किसी वस्तु जैसे मोमबत्ती की रोशनी को बिना पलक झपकाये और बिना हिले डूले पुरे होश में कुछ समय के लिए लगातार देखते रहते है. इससे आप अपने मन जिसका स्वभाव होता है भागना को स्थिर कर देते है. क्योकि आपका फोकस एकटक किसी वस्तु पर केन्द्रित है. इससे आपकी एकाग्रता बढती है.
त्राटक के बारे में ओर ज्यादा जाने – क्लिक करे
ध्यान (meditation)
मन के बहकाव को रोकने का दूसरा तरीका है मेडिटेशन, मेडिटेशन करना अपने आप में एक लक्ष्य है. यह मन को शांत और स्थिर रखने का उत्तम उपाय है. मन का भटकना आपकी चेतना को प्रभावित कर इसे अचेतन बना देता है. मेडिटेशन अपने आपको चेतन अवस्था में लाने का प्रयास करता है. इसके निरंतर अभ्यास और सही टेकनीक से आपमें फोकस बढेगा. मेडिटेशन के बारे में ज्यादा यहाँ जाने – क्लिक करे
योगा
मन का भटकाव रोकने का ये तरिका भी काफी प्रभावी है. मन की स्वस्थता, एकाग्रता और सजगता को बढ़ाने के लिए योगा, प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया काफी फायदेमंद होते है. एक बार जब आपका मन एकाग्रता का आदि हो जायेगा तो स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी.
प्राणायाम
प्राणायाम से ना केवल मन का भटकना रुकेगा बल्कि यह मन को नियँत्रित करने और उसे अपने अनुरूप चलाने में भी मददगार होगा. कपालभाती प्राणायाम के बारे में जाने – क्लिक करे
सोचना और श्वास (thinking and breathing)
सोचने और श्वास का संबंध एक दूसरे से है. अगर मन भटकेगा नहीं तो श्वास दर कम होगी. श्वास कम होगी तो विचारो का बार बार आना भी बंद होगा इससे मन स्थिर होगा. प्राणायाम करते समय व्यक्ति का ध्यान श्वासों पर ही केन्द्रित रहता है. इससे श्वास कम होती है और दिमाग में ऑक्सीजन कम पहुचती है. जिससे दिमाग में घुमने वाले विचार भी कम होते है जिससे दिमाग स्थिर अवस्था में पहुँच जाता है.
Ise tarah gyan vardhk lekh likhte rahiye
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