किस्मत बदलने के लिए सबसे जरूरी क्या है – kaise badle apni kismat
आपने कई ऐसे लोगो के मिसाल सुनी होगी जिन्होंने अपनी जिन्दगी के शुरुआती दौर में कुछ खास नहीं किया लेकिन अचानक से कुछ ऐसा काम किया जिससे उन्हें एक अलग पहचान मिल पाई. कुछ लोगो ने अचानक से कुछ आविष्कार कर दिए तो कुछ ने नई खोज, कुछ लोग एक सफल अभिनेता बन कर सामने आये तो कुछ नेता. कई लोग इसे kismat का साथ मानते है लेकिन बिना काबिलियत के किस्मत (kismat) भी किसी का साथ नहीं देती. लेकिन कई बार अचानक से कोई नया काम कैसे हो जाता है? कैसे जो हम पहले नहीं कर पाए वो एकदम कर लेते है?
इस विषय पर अमेरिकन साइकोलोजिस्ट एडवर्ड टोलमन (Edward Tolman) ने एक शोध किया. उन्होंने चूहों के 3 समूह को पर एक experiment किया और उन्हें एक भूलभुलैया में डाल दिया. पहले समूह के चूहों को भूलभुलैया से बाहर निकलने पर खाना दिया जाता जबकि दुसरे और तीसरे समूह के चूहों को बाहर निकलने पर कुछ नहीं दिया जाता. ऐसा 10 दिन तक किया गया.
जिन चूहों को बाहर निकलने पर खाना दिया गया उन्हें भूलभुलैया का रास्ता याद हो गया जिससे वह जल्दी से भूलभुलैया के बाहर आ जाते वही दूसरी और जिन चूहों को बाहर निकलने पर कुछ नहीं दिया जाता उन्हें भूलभुलैया को सुलझाने में ज्यादा समय लगता. 11 वे दिन जब दुसरे समूह के चूहों को बाहर निकलने पर खाना दिया गया तो पाया गया की वह भी अचानक से ठीक उतने समय में ही भूलभुलैया को सुलझा रहे है जितना की पहले समूह के चूहे. यानी दोनों समूहों के चूहों को भूलभुलैया का हल पता था क्योकि एक को अपना लक्ष्य यानि खाने का पता था वही दुसरे के पास बाहर आने का कोई लक्ष्य नहीं था लेकिन जैसे ही उसे भी अपना लक्ष्य मिला उसने भी अचानक से ठीक उतना ही समय लिया .
इसे Tolman ने latent learning का नाम दिया. यह वह learning है जो स्पष्ट दिखाई नहीं देती लेकिन जैसे ही कोई लक्ष्य या motivation दिखाई दे इसका प्रभाव तुरंत देखने को मिलता है.
यही चीज हम इंसानों पर भी लागु होती है. हम सब में कुछ न कुछ काबिलियत जरुर होती है लेकिन वह एक कोने में छुपी होती है जिसका पता हमें खुद भी नहीं होता. बिना किसी लक्ष्य के इसका होना या न होने एक सामान होता है. लेकिन जिन्दगी के किसी मोड़ पर जैसे ही कोई लक्ष्य दिखाई देता है तो यह अचानक से बाहर आ जाती है. इसे कुछ लोग सही समय का नाम देते है तो कुछ भाग्य का .हमारे द्वारा कुछ भी सिखा हुआ काम कभी खराब नहीं जाता. जिन्दगी में लक्ष्य यानि target या goal का होने बहुत जरुरी है. इसके बिना काबिलियत का कोई मतलब नहीं है. यही वजह है की कुछ लोग अचानक से वह सब कुछ कर जाते है जिसका अंदाजा न उन्हें होता है और न ही किसी और को.
इसलिए जितना हो सके जीने का एक मकसद बनाये. क्योकि बिना किसी मकसद के कुछ पाने के बारे में सोचना मुर्खता है क्योकि अगर आपको ये ही नहीं पता की आपको जाना कहा है तो रास्ते पर हमेशा भटकते रहंगे. और आपकी destiny भी change नहीं होगी.
Talent + target + action = success
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bdiya likha h kismat badlne ke liye
Very nice aapne kismat jo samjhte hai kismat se sabkuch milta hai unke liye best hai.