बदलते मौसम की वजह से कई बीमारियाँ हमें अपने चपेट में ले लेती है. लेकिन सभी बिमारियों में से सबसे common बीमारी जो लगभग हर आदमी को इस मौसम में होती है वह है सर्दी जुकाम और गले में खराश या गले में खिच खिच यानि throat infection. आमतोर पर जब जब मौसम में बदलाव होता है तो यह लक्षण देखने को मिलते है जो है बहुत ही आम लेकिन तकलीफ बहुत पहुचाते है. इस पोस्ट में हम throat infection (गले में खराश और गले में खिच खिच) के कारणों और इससे बचने के घरेलू उपायों का जिक्र करेंगे जो आपकी जानकरी के लिए फायेदेमंद साबित हो सकते है.
गले में खराश और खिच खिच के कारण – cause of throat infection in hindi
सर्दी जुकाम, गले में दर्द, खराश और खिच खिच आमतोर पर श्वसन तंत्र यानि respiratory infection है जो हमारे नाक और गले को प्रभावित करता है. लगभग 200 से ज्यादा इसके कारण हो सकते है लेकिन जो बैक्टीरिया इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है वह है Rhinovirus (राइनोवायरस). बदलते मौसम में इन बैक्टीरिया का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है. यह सीधे संपर्क या संक्रमित इंसान से आम इंसान में फैलता है.
कभी कभी तेज या ज्यादा बोलने, तली हुई चीजे खाने या धुल मिट्टी की वजह से भी गले में खराश और खिच खिच की समस्या होती है.
बच्चो, बुजुर्गो और कमजोर immune system वाले लोगो में ऐसे लक्षण जल्दी देखने को मिलते है.
गले में खराश और खिच खिच का घरलू इलाज़ – treatment of throat infection in hindi
- गरारे करें – does gargle with salt water
गर्म पानी में नमक के गरारे एक ऐसा घेरलू इलाज़ है जो सदियों से चला आ रहा है. इसे गले की खराश के लिए सबसे कारगर उपाय माना जाता है. नमक हमारी शरीर की mucous membrane (म्युकस मेम्ब्रेन) में से पानी को खिंच लेता है जिससे गले में दर्द कम होता है. गरारे करने के लगभग आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाने पीने से परहेज करे.
- अदरक – Ginger
अदरक गले की समस्याओ के लिए उत्तम मानी जाती है. अदरक को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में देखा जाता है. इसमें एंटीबायोटिक गुण होते है. खराश होने पर आप अदरक की गोली या अदरक को शहद के साथ भी ले सकते है. इसके साथ ही गले के लिए अदरक का काढ़ा या चाय भी फायेदेमंद है.
- Use vapour rub – वेपर रब का इस्तेमाल
vapour rub जैसे Vicks Vaporub को चेस्ट रब या कोल्ड रब भी कहा जाता है. यह सर्दी जुकाम और गली की खराश में आराम देती है. इसमें मेंथोल और पेपरमिंट जैसे डिकोन्जेस्टेंट्स होते है जिससे गले और छाती पर लगाने से राहत मिलती है.
- चाय – tea
काली मिर्च, तुलसी और लोंग की चाय भी एक घरेलू इलाज़ है जो बदलते मौसम या इन्फेक्शन की वजह से होने वाली गले की समस्याओ के लिए फायेदेमंद है. इसके आलावा आप मुलैठी की चाय या मुलैठी की चूर्ण भी ले सकते है. इन सबमे एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते है.
ऊपर उन सभी तरीको के बारे में बताया गया है जो हल्के throat infection के लिए फायदेमंद है और हर इंसान इन्हें आसानी से अपना सकता है. वैसे तो इन सभी तरीको के बारे में बढे बुजुर्ग जानते है लेकिन आज की young generation इन्हें बेकार मानकर अपनाने से कतराती है. इसके आलावा भी कई ऐसे तरीके है जिन्हें आप अपना सकते है. जैसे ज्यादा तकलीफ होने पर स्टीम यानि भांप ले सकते है या डॉक्टर की सलाह पर एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयां ले सकते है.
इसके आलावा कुछ सावधानियां है जो गले में खराश में समय अपनानी चाहिए जैसे
- ठंडा पानी बिलकुल न पिए. पानी हल्का गुनगुना हो.
- मीठी, खट्टी और तली हुई चीजो को खाने से बचे. इससे खराश बढ़ जाती है.
- जितना हो सके धीरे और कम बात करे.
- ऐसे कई लोग होते है जिन्हें कुछ विशेष चीज खाने या किसी विशेष जगह में रहने से इन्फेक्शन होता है. जैसे किसी को कोल्ड ड्रिंक पिने या पेस्ट्री खाने से गला खराब होता है. ऐसी चीजे खाने और ऐसी जगहों से रहने से बचे
Note – कई बार गले में दिक्कत किसी बीमारी का संकेत होती है. इसलिए अगर दिक्कत सही न हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाये. साथ ही इनमे से किसी भी तरीके को अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह ले सकते है या इसके बारे में किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से और डिटेल में जान सकते है.
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Sir mujhe bdi jada coughing rehti hain jo ki medicin khane say be farak nhi hota itna jada toh please mujhe btaye uska ilaz kaise kru