दोस्तों आज हम आपके साथ जो लेख शेयर करने जा रहे है वो आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है, हम मे से ज्यादातर लोग उन चीजो की कीमत नहीं समझ पाते जो हमारे पास होती है और उन चीजो के लिए दुखी और परेशान रहते है जो हमारे पास नहीं है, ऐसे मे इंसान खुद पर स्वाभिमान यानि की गर्व और आत्म सम्मान (proud or self esteem) महसूस नहीं कर पाता. एक स्वाभिमानी अपने ऊपर गर्व /proud महसूस करता है क्योकि वह उन चीजो की कीमत समझता है जो उसके पास होती है और दुखी नहीं रहता. इसी बात को इस लेख के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया है.
story on proud in hindi
आज मुझे घर जाते हुए काफी देर हो गई थी और घर जाने के लिए सवारी का साधन भी काफी देर से नहीं आ रहा था तो मुझे आज काफी समय मिल गया था लोगो को निहारने का।अभी कुछ समय ही हुआ था कि मेरी नज़र एक औरत पर पड़ी जो अपनी एक सात-आठ साल की लड़की के साथ मुझसे कुछ दुरी पर खड़ी थी। उस औरत और उसकी बेटी के कपड़ो की दयनीय हालत देख कर ऐसा लगना लाज़िमी था कि मानो ज़िन्दगी ने काफी सितम ढाये हो उन लोगो पर। उन्हें देखकर लगा कि ….कितने मज़बूर ,गरीब और लाचार है ये लोग? कैसे ये अपना गुज़ारा करते होंगे और अपना जीवन व्यतीत करते होंगे ? ऐसे लोगो की मदद करनी चाहिए हमें। मैं अभी ये बातें सोच ही रहा था कि ….उसके बाद जो हुआ उसे देखकर और सुनकर मैं आश्चर्यचकित रह गया ।
हुआ क्या कि ….हम से कुछ दुरी पर कुछ सज्जन लोग गरीब और बेसहारा बच्चों को कुछ खाने की चीज़ वितरित कर रहे थे। और बच्चों की आदत के अनुसार मेरे पास खड़ी लड़की भी उस जगह पर जाने और वो चीज़ प्राप्त करने के लिए बार बार अपनी माँ के हाथ से अपना हाथ छुटाने का ज़ोर से प्रयास कर रही थी। कई बार ऐसा करने के बाद उसकी माँ ने जो शब्द उसे समझाने के लिये कहे उन्होंने मुझे सोचने पर मज़बूर कर दिया।उस औरत ने कहा ….कि बेटा वो गरीबो के लिए है।ये सुनकर मुझे एहसास हुआ कि स्वाभिमान क्या होता है? अक्सर हम लोग उन चीज़ों के लिए मलाल करते रहते है जो हमारे पास नहीं होती है और जो होती है हमारे पास उनकी कीमत हम नहीं समझते है। और कहीं न कहीं मानव के दुःख का ये एक बहुत बड़ा कारण है।
प्रस्ताव……
“तो दोस्तों जो हमारे पास है उनकी कीमत भी समझने की कोशिश करे तो हमारे जीवन में भी दुःख कुछ कम होंगे। तभी हमें भी होगा खुद पर स्वाभिमान/proud ।”
यह लेख हमारे साथ Kuldeep Kumar ने शेयर की है. हम इस लेख के लिए उनका आभार प्रकट करते है
Name Kuldeep Kumar
Education B.Tech ” ME” 4th Year
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शुक्रिया कुलदीप, स्वाभिमान का अर्थ अधिकांश लोग जानते ही नहीं क्योंकि हमारे यहाँ अच्छे काम की तारीफ नहीं होती चाहे वह काम की जगह हो या कॉलेज। जैसे कॉलेजों में कांपीटीशन होते हैं मिस फ्रेशर, मिस्टर फ्रेशर या फलां-फलां, ये सब चेहरे, पहनावे और नकली सभ्य व्यवहार के आधार पर होते हैं। वहाँ व्यक्तिगत गुणों या उनके समाज या संस्थान के लिये गए कंट्रीब्यूशन या कोई क्रिएटिव काम का रेफरंस होता ही नहीं है। क्या आपने देखा कि एसा कोई लड़का जिसका रंग गहरा और कद छोटा हो और उसे मिस्टर…………बना दिया गया हो। मेरी जानकारी में तो अभी तक नहीं आया। हाँ अपवाद जरुर हो सकते है और अपवाद समाज का आइना नहीं होते।