कहा जाता है की बीमारी से बचना इलाज से बेहतर उपाय है. ये बचाव हम तभी कर सकते है जब हमें पता हो की खांसी क्यों होती है, इसके क्या कारण है. कई बार तो खांसी को इलाज की जरूरत भी नहीं पढ़ती यह खुद ब खुद ही सही हो जाती है. ज्यादातर खांसी का इलाज (cough treatment) तो घरेलू नुस्खो से कर लिया जाता है. यदी कोई ज्यादा खांसी करता है तो ये गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते है. यदि खांसी का इलाज घरेलू नुस्खो से करना कठिन हो जाये तो डॉक्टर की मदद ली जा सकती है. इस पोस्ट में हम खांसी के कारणों, लक्षणो और प्रकार के बारे में बात करेंगे.
खांसी आने के कारण causes of cough in hindi
ज्यादा तर बार खांसी संक्रामक रोगों जैसे जुकाम के कारण हो जाती है इन्हें घरेलू उपचार से ठीक किया जा सकता है, कभी कभी तो इलाज के बिना भी ये ठीक हो जाती है, कई बार खांसी का कारण प्रदुषण, श्वसन मार्ग में अवरोध, अस्थमा, पोस्ट नेसल ड्रिप, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, ध्रूमपान करना, फेफड़ो में टयूमर, जी इ आर डी (gastroesophageal reflux disease) भी होते है. खांसी विभिन्न प्रकार की होती है जिसके कारण भी अलग अलग होते है.
खांसी के प्रकार kinds of cough in hindi
तीव्र खांसी (acute cough, short term cough) – यह थोड़े समय के लिये होती है,इसकी शुरुआत अचानक होती है और ये तीन हफ्ते तक रह सकती है. इसमें ज्यादातर बार इन्फेक्शन उपरी श्वास नली मे होता है जिससे गला प्रभावित होता है. इसे URTI/URI (upper respiratory tract infection) भी कहा जाता है. इसमे शामिल उदहारण है फ्लू, कॉमन कोल्ड, लेरिन्जाइटिस आदि. यदि यह LRTI (lower respiratory tract infection) मे होता है तो इससे फेफड़े प्रभावित होते है, इसके उदाहरणो में शामिल है निमोनिया, ब्रोंकाइटिस.
उप तीव्र खांसी (subacute cough) – यह तीन से आठ हफ्ते तक रह सकती है.
पुरानी खांसी (chronic cough) – आठ सप्ताह से भी अधिक समय तक बनी रहती है. यह परागज ज्वर (allergic rhinitis) के कारण हो सकती है. इसका कारण अस्थमा, पोस्ट नेसल ड्रिप, ध्रूमपान करना, जी इ आर डी (gastroesophageal reflux disease) हो सकते है. क्रोनिक कफ के कुछ कुछ कारण ऐसे भी होते है जो की कम सामान्य होते है जैसे फेफड़े का कैंसर, टी बी फेफड़ो के फंगल इन्फेक्शन आदि के कारण.
रात में खांसी (Nocturnal cough) – यह खांसी रात में होती है.
बलगम वाली खांसी (Productive cough) – यह खांसी अपने साथ बलगम लाती है.
सुखी खांसी (dry cough) – यह खांसी अपने साथ कुछ नहीं लाती.
खांसी के लक्ष्ण (symptoms of cough in hindi)
खांसी के कारणों का पता उससे संबंधित लक्षणों से लगाया जा सकता है. खांसी के कारणों का पता इसके एक्यूट कफ या क्रोनिक कफ होने से भी लगाया जा सकता है.
तीव्र खांसी (acute cough, short term cough) – ये दो भागो में विभाजित होता है जैसे संक्रामक और असंक्रामक कारण.
संक्रामक कारण के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- साइनस दबाव
- बहती नाक
- गले की खराश
- उल्टी
- जी मिचलाना
- शरीर में दर्द
- ठण्ड लगना
- बलगम
- रात को पसीना
- पोस्ट नेसल ड्रिप
असंक्रामक कारण के लक्षण
- व्यक्ति का का धुल मिटटी या किसी केमिकल के संपर्क में आना
- ऐसी खांसी जो इनहेलर्स या एलर्जी संबधी इलाज से ठीक हो जाये.
- घरघराहट के साथ खांसी
क्रोनिक कफ के लक्ष्ण और चिह्न
क्रोनिक कफ के लक्षणों का पता लगाना डॉक्टर्स के लिए मुश्किल होता है, इनके लक्ष्ण है
- बहती और भरी नाक
- पोस्ट नेसल ड्रिप
- गले की खराश
- गला बैठना
- मुंह में खट्टा स्वाद आना
- हर्टबर्न
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Bahut badhiya post about cough. Thanks for sharing
हमको 10से12 दिन बाद रात खाना खाने के बाद खासी आता है मेरे सिने पर जलन और लेने मे अवाज आने लगता है मुझे बहुत तकलीफ होता हा इसका इलाज बताए ऐर अपना नम्बर
Rat ko khasi bhut tej hota hai chest pain hota hai dry cough always rahta hai