आज के समय जहाँ तकनीक का रोजाना विकास हो रहा है और बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष, सब तकनीक से खुद-ब-खुद जुड़ गए है और वही सोशल मीडिया तकनीक का एक अनूठा रूप है जहाँ हम अपने आस-पास के ही नही बल्कि दूर दराज के लोगो से भी जुड़े रहते है. जिस प्रकार हर चीज़ के नकारात्मक और सकारात्मक पहलु होते है उसी तरह तकनीक और सोशल मीडिया के भी. वैसे तो टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के कई नकारत्मक पहलु है लेकिन इस लेख में हम बात करेंगे Cyberbullying के बारे में…
साइबर बुलिंग क्या है – Cyberbullying in hindi
Cyberbullying , Cyberstalking और Cyberharrassment एक ही तरह की चीज़े है और इन्हें सबसे ज्यादा स्त्रियों को झेलना पड़ता है। लेकिन सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि Cyberbulling का मतलब क्या होता है?
Bullying का मतलब होता है परेशान करना और Cyberbullying का अर्थ है किसी भी व्यक्ति को फ़ोन, कंप्यूटर आदि के इस्तेमाल से सोशल मीडिया या फिर सीधे तौर पर आपत्तिजनक कंटेंट, फोटो, विडियो या टेक्स्ट मैसेज भेजना या शेयर करना. और किसी की भी निजी चीज़ (कंटेंट फोटो, विडियो या टेक्स्ट मैसेज) को बिना उसके अनुमति के सोशल मीडिया पर साझा करना जिससे उसे सामाजिक, शारीरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुंचे.
सोशल मीडिया पर शेयर की जाने वाली फोटोज, वीडियोस, मैसेज या कमेंट्स आदि सभी लोगो या हमारे जानने वालो के द्वारा आसानी से देखी जा सकती है और जो भी कंटेंट शेयर किया जा रहा है उससे हमारी एक सामाजिक छवि बनती है और आपत्तिजनक कंटेंट शेयर करने से हमारी उस छवि को नुकसान होता है.
Cyberbullying में शामिल है – किसी की जासूसी करना, पहचान चुराना, गलत पोस्ट डाल कर टैग करना, धमकी देना, अश्लील बातो के लिए उकसाना या ब्लैकमेल करना.
दूसरी ओर Stalking का अर्थ है पीछा करना, Cyberstalking का अर्थ है जब कोई अनजान व्यक्ति आपको अलग अलग डिजिटल प्लेटफार्म (फेसबुक, ट्वीटर, इन्स्टाग्राम आदि) पर पीछा करता है. या आपको मैसेज करता है और आपके मना करने के बाद भी वो ऐसा करना जारी रखता है. साइबरस्टॉकिंग एक अपराध है जिसमें attacker इलेक्ट्रॉनिक संचार का उपयोग कर पीड़ित को परेशान करता है. यह अपराध ईमेल, सोशल मीडिया, चैट रूम, इंस्टेंट मैसेजिंग और अन्य ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।
Cyberstalking में कोई भी अनजान व्यक्ति आपसे मिलता है या ऑनलाइन आपका पीछा करता है और धीरे-धीरे आपकी पर्सनल जानकारी (फोटोज, वीडियोस, मैसेज आदि) जमा करता है और उस जानकारी के माध्यम से आपको परेशान करना शुरू करता है.
एक्स्पर्ट्स के अनुसार Cyberstalking के पीछे किसी भी व्यक्ति का उद्देश्य होता है कि दुसरे व्यक्ति पर नियंत्रण कर सके, उसकी जिन्दगी को प्रभावित कर सके या हो सकता है उसे ब्लैकमेल कर सके.
सोशल मीडिया पर परेशान करने वाला व्यक्ति जान पहचान या अनजान कोई भी हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका उद्देश्य क्या है या फिर कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जो ऐसे ही लोगो को परेशान करता है और उसके अगले शिकार आप हो गए.
कौन होते है Cyberbullying का शिकार?
साइबर बुलिंग को अंजाम देने वाले लोग उन लोगो को शिकार बनाते है जो आसानी से उपलब्ध हो जाते है या डर जाते है जैसे स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स जिनमे ज्यादतर लड़कियां शामिल है और महिलाएं आदि.
साइबर बुलिंग करने वाले की मानसिकता रहती है कि वह आसानी से इन्हें अपना शिकार बना लेंगे और अपना काम निकलवा लेंगे.
कैसे फस जाते है लोग
सोशल मीडिया पर शेयर की गई जानकारी हर समय उस प्लेटफार्म पर रहती है बशर्ते उसे हटाया न गया हो. परेशान करने वाला व्यक्ति उस जानकारी को इकठ्ठा करता है और हमारी निजी जिन्दगी की चीजो को शेयर करता है या फिर उसे एडिट करके पोस्ट करता है या धमकी देता है. बहुत कम लोग इनके खिलाफ कदम उठा पाते है और ज्यादतर लोग उनके जाल में फस जाते है.
भारत में साइबर बुलिंग – Cyberbullying in india
सारी दुनिया में cybercrime चरम पर है और भारत भी इसमें पीछे नही है
2012 में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने दुनिया में साइबर बुलिंग के बढ़ते मामलो को देखकर 25 देशो में एक सर्वे करवाया जिसमे भारत का तीसरा नंबर था.
2014 में इन्टरनेट सिक्यूरिटी कंपनी McAfec की स्टडी में कहा गया कि 50% से ज्यादा युवाओ ने Cyberbullying का अनुभव किया है.
हर देश में cybercime से बचने के लिए कानून बनाये गए है और भारत में भी इस बारे में कुछ प्रावधान लाये गए है जो इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति को जानने जरूरी है.
भारत मे अक्टूबर 2000 में आईटी एक्ट 2000 (Information Technology Act, 2000) लागू किया गया. जिसमे इन्टरनेट इस्तेमाल करने की गाइडलाइन्स और ई-कॉमर्स के बारे में कुछ बाते कही गई. लेकिन 2008 में उस एक्ट को संशोधित किया गया जिसमे Cyberbullying के लिए प्रावधान लाये गए.
धारा 66 ए — कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की कोशिश – तीन साल तक कैद, या / और 500,000 तक जुर्माना
धारा 66 C — किसी व्यक्ति का पासवर्ड, डिजिटल हस्ताक्षर चोरी करना – तीन साल तक कैद, या / और 100,000 तक जुर्माना
धारा 66 D – डिजिटल मीडिया पर किसी को धोखा देना – तीन साल तक कैद, या / और 100,000 तक जुर्माना
धारा 67 – बिना अनुमति के किसी की जानकारी पब्लिक के शेयर करना – – 5 साल तक कैद, या / और 100,000 तक जुर्माना
धारा 72 – किसी की निजता को भंग करना.
साइबर बुलिंग से मुकाबला कैसे करे – How to Deal With CyberBullying in hindi
यदि आपको कोई सोशल मीडिया पर परेशान कर रहा है या आपके जानने वाले को कोई परेशान कर रहा है तो आप कई कदम उठा सकते है :-
1– यदि सोशल मीडिया पर आपको कोई परेशान करता है तो उसका उत्तर ने दे और उसे ब्लॉक कर सकते है.
2 – अगर कोई आपको WhatsApp, Facebook पर मैसेज या वीडियो भेजकर आपका अपमान करता है, आपको परेशान करता है या डराता है तो उन मैसेज को डिलीट न करें। सबूत के तौर पर उन्हे सुरक्षित रखे ताकि उनके खिलाफ कानूनी कारवाई की जा सके।
3. मदद के लिए दोस्तों या बड़ो का सहारा ले और पुलिस के पास जाना चाहिए
4. अपनी सोशल प्रोफाइल को सेफ रखना चाहिए. इसके लिए आप privacy setting कर सकते है।
5. अपनी पर्सनल या प्राइवेट जानकारी अथवा फोटो अपने सोशल मीडिया फ़्रेंड्स के साथ नहीं शेयर करनी नहीं चाहिए।
तो दोस्तो ये कुछ जानकारी और सावधानियाँ है जिसके जरिये आप सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से अपने आपको सुरक्षित रख सकते है और प्रभावी ढंग से ऑनलाइन दुनियाँ का इस्तेमाल कर सकते है।
आप अपने सोशल मीडिया के अनुभव और सुझाव हमारे साथ कमेंट बॉक्स के जरिये शेयर कर सकते है। साथ ही ये आर्टिक्ल अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे और हमारे आने वाले सभी आर्टिकल को सीधे अपने मेल मे पाने के लिए हमे फ्री करे।
लेखक के बारे मे
शुभम प्रजापति
दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड साइकॉलजी में स्नातक और स्नातकोत्तर. वर्तमान में हिंडन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्कूल काउंसलर रूप में काम कर रहे हैं।
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Cyberbullying ke baare me achi tarah se samjhaya hai aapne mujhe mere class me bataya gya tha is topic ke baare me lekin wo thora sa hi tha, lekin aapne detail me bataya.
Bahut hi badhiya post aapne share kiya hain kafi achhi jankari aapne share kiya hain Thanks.