अक्सर हममे से ज्यादातर लोग अपनी गलती को दूसरे पर तुरंत डाल देते हैं। जैसे ही कोई गलती हुई, जवाबदेही लेने की बजाय बहाने बनाते है और दूसरों को कोसते(blame करते है) है। हममे से बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो कुछ गलत होने पर अपनी ज़िम्मेदारी लेते है। दूसरों को कोसने, blame करने और गलत बताने मे तो ज़्यादातर लोग उस्ताद होते ही है लेकिन दूसरों के अच्छे काम करने पर भी कई लोग तारीफ करने में कंजूसी करते हैं। क्या आप जानते है ऐसा क्यो होता है? क्या इसके पीछे भी कोई विज्ञान काम करता है। जी हा।
। ऐसा हमारे दिमाग से निकलने वाले वाले एक chemical(रसायनो) के कारण होता है। वैज्ञानिकों ने एक research(शोध) में पता लगाया है कि कुछ गलत होने पर इंसान के मस्तिष्क(brain) का एक हिस्सा ‘एमिग्डाला'(amygdala) अधिक active हो जाता है, जो इंसान के emotions(संवेदनाओं), feelings, excitement(उत्तेजना), motivation और behavior(व्यवहार) के लिए जिम्मेदार है। ‘एमिग्डाला’ हमारे दिमाग में बादाम की shape का एक हिस्सा है। जो हमारे नकारात्मक काम करने पर सक्रिय यानि active हो जाता है, लेकिन सकारात्मक(positive) काम का उस पर खास प्रभाव नहीं होता।
नार्थ कैरोलिना में ड्यूक यूनिवर्सिटी(duke university) के researchers ने अपनी रिसर्च में इंसान के दिमाग की कल्पनाओं और व्यवहार में होने वाले परिवर्तन(changes) को लेकर हाल ही मे एक शोध किया। जिसमे करीब 650 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। इसमें सकारात्मक और नकारात्मक विचार के लोगों के दिमाग को स्कैन(scan) किया गया।
इस रिसर्च को एक scientific रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया है। इसके शोध के अनुसार हमारा दिमाग दो तरीकों से काम करता है। जब कुछ गलत या कुछ बुरा होता है तो हमारा दिमाग अधिक सक्रिय हो जाता है जबकि अच्छा काम होने पर हमारा दिमाग शांत रहता है। इसके चलते जब कोई इंसान कोई गलती करता है तो इसका दोष(blame) या जिम्मेदार दूसरे को ठहरा देता है। अच्छे काम होने पर हम शांत और तर्कसंगत रहते हैं और मानते हैं कि यह काम बिना किसी इरादे के किया गया है।
ड्यूक university के साइकॉलजी और न्यूरो साइंस के प्रोफेसर और इस रिसर्च के co- author स्कॉट ह्यटेल का कहना है कि निंदा और श्रेय, ज़िम्मेदारी और इल्जाम एक ही सिक्के के दो पहलू नहीं हैं, लेकिन दो अलग-अलग प्रक्रिया हैं। । शोधकर्ताओं ने MRI BRAIN SCAN के जरिए भी विभिन्न परिस्थितियों में लोगों के दिमाग की गतिविधियों का detail मे अध्यन किया। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि अगर कोई इंसान हर situation मे अधिक सकारात्मक है तो उसपर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पढ़ता होता। ऐसे इंसान सही को सही और गलत को गलत टहराते है और और हमेशा जवाबदेह होते है और मिथ्या किसी ओर पर दोष नहीं लगाते। इस तरीके के इंसान किसी भी चुनोतिपूर्ण स्थिति मे जल्दबाज़ी के बजाए शांति से सोचते है और फिर तय करते है की क्या सही है और क्या गलत। जिसके कारण इनके decision ज़्यादातर सही साबित होते है और बात मे पछताना नहीं पढ़ता। अगर आप भी इस श्रेणी मे शामिल होना चाहते है तो हमेशा शांति से सोचिए। जिम्मेदारी से भागने की बजाए उसका सामना कीजिये और बेकार मे किसी पर दोष(blame) न लगाए। ऐसे मे दूसरों की नज़र मे आपकी विश्वसनीयता भी बड़ेगी और आपके फैसले भी सही साबित होंगे।
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