विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत दुनिया में सबसे depressed देशो की लिस्ट मे पहले पायदान पर है जहां 56 मिलियन से अधिक लोग अवसाद से पीड़ित है । यह आकडा हैरान कर देने इसलिए भी है क्योकि पिछले साल दुनियाँ भर मे जितनी भी आत्महत्या हुई है उनमे 17% लोग भारत के थे। ऐसे मे डिप्रेशन जैसी समस्या को बिलकुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आमतोर पर लोग डिप्रेशन को sadness या stress के रूप मे देखते है लेकिन डिप्रेशन इससे कई ज्यादा गंभीर है।
Sadness एक नॉर्मल ह्यूमन इमोशन है। हमने सभी इसका अनुभव करते है और फिर से करेंगे। Sadness आमतौर पर एक कठिन, दुखद, चुनौतीपूर्ण, या निराशाजनक घटना, अनुभव या स्थिति से उत्पन्न होती है। इसका मतलब यह है कि जब चीजे हमारे हिसाब से नहीं, जब हमारी भावनाओ को चोट पहुंचती है, जब हम हताश होते हैं, तो हम Sadness का अनुभव करते है जो हमारी लाइफ का एक पार्ट है । लेकिन डिप्रेशन एक असामान्य भावनात्मक स्थिति है जो हमारी सोच, भावनाओं, धारणाओं और व्यवहार को गंभीर और लंबे समय तक प्रभावित करती है और मानसिक बीमारी का रूप ले लेती है। यह हमारी ऊर्जा, प्रेरणा, खुशी, उत्साह, प्रत्याशा, संतुष्टि, संबंध और समझने की क्षमता को छीन लेता है।
डिप्रेशन/अवसाद के कई अलग अलग लक्षण है जिनको जानना काफी जरूरी है ताकि सही समय पर पर इन्हे समझा जा सके;
Depression Symptoms In Hindi – डिप्रेशन/अवसाद के लक्षण
मनोविज्ञानिकों के अनुसार डिप्रेशन के प्रमुख 5 लक्षण होते है जैसे
Emotional Symptoms
- उदासी और निराशा
- बातचीत कम करना
- चिंता, तनाव और बेचैनी
- भूख और प्यास कम लगना
- अपने आप को दोष देना
- शोक, मनोरंजन और घुलने मिलने मे मन न लगना
- छोटे-छोटे मामलों को लेकर गुस्सा, चिड़चिड़ापन या निराशा
Cognitive Symptoms
- अपने बारे मे नकारात्मक सोचना
- भविष्य की चिंता करना
- अपने आप को असफल मानना
- बीते हुए कल के बारे मे सोच के पछताना
- बहुत ज्यादा सोचना
- निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने और चीजों को याद रखने मे कठिनाई
- आत्मविश्वास मे कमी
- आत्महत्या के विचार
Motivational Symptoms
- दिनचर्या के काम मे रुचि खो देना
- पहल मे कमी आना
- इच्छाओ का कम होना
- निर्णय लेने मे कठिनाई आना
- रिलेशनशिप से दूर होना
Behavioral Symptoms
- धीमा बोलना
- एक जगह बैठे रहना
- घर से बाहर निकलने का मन न करना
- किसी से बातचीत करने का मन न करना
- कमजोरी महसूस करना
Somatic Symptoms
- सिर दर्द, गर्दन मे दर्द या पीठ दर्द
- अपच
- कब्ज
- छाती मे दर्द
- नींद मे कमी या बहुत ज्यादा सोना
- जरूरत से ज्यादा थकान
ये सिर्फ शुरुआती लक्षण है। इन लक्षणो के होने से किसी भी व्यक्ति को depressed नहीं कहा जा सकता। मनोवैज्ञानिक रूप से किसी भी व्यक्ति को तब Depressive Disorder के रूप मे तब देखा जाता है जब निम्न लक्षणों में से कम से कम 5 दो हफ्ते तक व्यक्ति मे मोजूद रहने चाहिए –
- उदास और विषादी मनोदशा
- साधारण और सामान्य कार्यो मे रुचि और आनंद की कमी
- नींद मे कठिनाई का अनुभव करना, लेटने पर बहुत देर तक नींद नहीं आना, रात मे नींद खुलने पर दुबारा नींद नहीं आना, सुबह जल्दी नींद खुल जाना
- भूख कम लगना और शारीरिक वजन मे कमी या इसके विपरीत भूख अधिक लगना और वजन बढ़ जाना
- ऊर्जा की कमी और ज्यादा थकान महसूस करना
- नकारात्मक सेल्फ कान्सैप्ट, अपने आप को दोष देना और अयोग्यता की भावना
- एकाग्रता मे कठिनाई, मंद चिंतन और निर्णय लेने मे समस्या
- आत्महत्या का विचार बार बार मन मे आना
यदि आपको लगता है कि आपको या आपके किसी परिचित को यह लक्षण 2 हफ़्तों से अधिक समय से है, तो आपको उपचार के लिए प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के परामर्श की आवश्यकता है। अगर किसी कारण आप चिकित्सक के पास नहीं जाना चाहते तो कम से कम अपने किसी दोस्त या प्रियजन से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं क्योकि मन मे दबाये रखने से समस्या ओर गंभीर हो जाती है। डिप्रेशन/अवसाद एक बेहद सामान्य मानसिक बीमारी है और ऐसे कई उपचार हैं जिनसे लोग लाभान्वित होते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है अपनी ओर से पहला कदम बढ़ाना और बिना डरे अपनी समस्या को लेकर बात करना ।
आप हमारी फ्री ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से अपनी समस्या बता सकते है।
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