जीवन के हर स्तर पर, हमारे रिश्ते और परिवार हमें चुनौतियों का सामना करने में हमारी मदद करते हैं। कठिनाइयों का सामना करना सीखना, अपनी भावनाओं और व्यवहारों को समझना, और प्रभावी ढंग से बातचीत करने से लेकर अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को मजबूत करने में परिवार का सबसे एहम रोल होता है. जिंदगी के अपने शुरुआती क्षणों से, बच्चे माता-पिता और परिवार पर अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए निर्भर रहते हैं। माता-पिता और परिवार से बच्चे सबसे पहले संबंध बनाते हैं। । वह Family ही है जो बच्चो में सकारात्मक विकास और व्यव्हार को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने में सक्षम होती हैं.
लेकिन एक बच्चे के विकास में समस्या तब उत्पन होती है जब Family में कई तरह से अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न होने कारण माहोल में तनाव बना रहता है जिससे परिवार के सदस्यों का adjustment बुरी तरह प्रभावित होता है. और यह बच्चो पर गहरा प्रभाव छोड़ता है. Journal of Child Development में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, ऐसे बच्चो में मनोविज्ञानिक विकार जैसे डिप्रेशन, personality disorder, स्किज़ोफ्रेनिया , मूड डिसऑर्डर , adjustments disorders, रिलेशनशिप प्रोब्लम्स आदि होने की संभावनाएं अन्य बच्चो की तुलना में ६५ प्रतिशत अधिक रहती है.
रिसर्च के अनुसार तीन तरह के Family Structure हो रोगात्मक कहा गया है क्योकि उनसे व्यक्ति में असामान्य व्यवहार सीधे होने की संभावना काफी रहती है
Family and Psychopathology – Types of pathogenic family structure in hindi
Discordant Family
Discordant Family ऐसे परिवार को कहा जाता है जिसमे माँ – बाप में से कोई एक या दोनों को ही एक दुसरे से किसी प्रकार की संतुष्टि नहीं रह जाती है. उनमे अक्सर वाद – विवाद या झगडे होते रहते है. साथ ही पारिवारिक समस्याओ पर भी उनके विचार अलग अलग होते है और वे एक दुसरे के कट्टर विरोधी होते है. ऐसे में उनके अन्दर एक दुसरे के प्रति काफी आक्रमकता देखने को मिलती है.
इस तरह के माहोल का बच्चो पर काफी नकरात्मक असर पड़ता है और वे कई समस्याओ से जूझते है. इसके कारण उनमे emotional disturbance और anti social behavior के विकास होने के संभावनाएं बढती है.
Disturbed Family
Disturbed Family ऐसे परिवार को कहा जाता है जिसमे माता – पिता में से कोई एक या दोनों जिद्दी या अड़ियल होते है और असामान्य ढंग से व्यवहार करते है जिसके कारण परिवार में अशांति का माहोल बना रहता है. ऐसे परिवारों में माता – पिता के बीच लड़ाई कलेश ज्यादा देखने को मिलता है जिसके कारण वे अपने बच्चो को पर्याप्त प्यार नहीं दे पाते.
ऐसे में बच्चो के सामने वह एक दोषपूर्ण मॉडल बनकर सामने आते है. कई तरह शोधो में पाया गया है की Disturbed Family से बच्चो में डिप्रेशन ज्यादा देखने को मिलता है. वे अपनी समस्याएं अपने पेरेंट्स को बताने से कतराते है जिसके कारण वे कई तरह के Mental Conflicts का सामना करते है.
Disrupted Family
Disrupted Family ऐसे परिवारों को कहा जाता है जिसमे माता – पिता कई कारणों जैसे Death, Divorce या मन मुटाव से एक दुसरे से अलग हो जाते है. इस तरह के माहोल से बच्चो की देखरेख ठीक से नहीं हो पाती जिसके कारण उनका व्यक्तित्व विकास अधुरा रह जाता है. यह उनके व्यवहार को असामान्य बल देता है.
मां – बाप की बीच तलाक हो जाने से बच्चो में असुरक्षा और तिरस्कार की भावना भी विकसित हो जाती है जिसका असर उनके व्यवहार पर लंबे समय तक रहता है.
यही कारण है की एक बच्चे के लिए Family Support और Family Environment को अधिक महत्व दिया जाता है ताकि वह भविष्य में अपने आपको भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत कर पाए और हर स्थिति का सामना करने में सक्षम महसूस करे.
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Bhut acha post likha apne aur parents ke liye bhut useful hai ye.
a very informative post parent should learn from this