हम कई बार ऐसे लोगो की जिंदगी आपके सामने रखने की कोशिश करते है जो लोग अपने काम में इतने सफल हो गए की दुनिया उन लोगो को उनके काम से जानने लगी। पर कभी सोचा है जो काम वो आज कर रहे है यानी जिस काम की वजह से आप उनको जानते है वो इससे पहले क्या थे। इस बड़े से मुकाम पर पहुचने के लिए उन्हें जिंदगी के किन पहलुओं से गुजरना पड़ा। न चाहकर ऐसा काम करना पड़ा जो उनके लिए नही बना था।
आज हम बात करेंगे इस सदी के महालेखक की जो अपनी अकादमिक पढ़ाई न पूरी करने के बाद भी एक लेखक कहलाते है जिन्होंने अपने लेखन से फिल्मों की दुनिया गुलज़ार कर दी। 1936 में जन्मे संपूर्ण सिंह यानि गुलज़ार साहब (Gulzar)।
Gulzar Biography in hindi – गुलज़ार की प्रेरणादायक जीवनी
Gulzar (गुलज़ार) अपनी शुरुआती जिंदगी में एक कार गैराज में काम किया करते थे। वहां पर एक्सीडेंटल गाड़ियों के रगों को मिला कर पेंट करने का काम होता था। इस काम को करने की दो वजह थी एक तो रोजगारी जिससे उन्हें कुछ पैसे मिल जाते थे और दूसरा उन्हें पढ़ने के लिए टाइम मिल जाता था। कई बार वो छुप छुप कर भी पढाई किया करते थे हलाकि गैराज के मालिक उनको प्रोत्साहित करते थे।
गुलज़ार साहब (Gulzar) शुरू से ही किताबो से जुड़े रहे और उनका पैशन एक ही था कि उन्हें लेखक बनना है जिसके लिए वो कुछ भी काम करने को तैयार थे. एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि वो लेखक क्यों बनना चाहते थे तो गुलज़ार साहब ने जवाब दिया की उनके पास कहने के लिए बहुत कुछ था जो वो आज भी कह रहे है। ये एक इत्तेफ़ाक था कि फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया।
गुलज़ार साहब ने फिल्मो में शुरुवात गाने लिखने से की , उन्होंने अपनी जिंदगी में कई फिल्में भी लिखी और उनका निर्देशन भी किया। 1970 का दशक फिल्मो की दुनिया में गुलज़ार साहब (Gulzar) के नाम रहा। उन्हें कई भाषाएं आती है उर्दू, पंजाबी, हरयाणवी आदि। जिससे इन्होंने कई रचनाओं के अनुवाद भी किये।
इसके अलावा उनका नाम शायरों और कवियों में भी लिया जाता है उन्होंने अपनी कविताओं में जिंगदी के छोटे छोटे पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से बया किया है
अपने जीवन में उन्हें कई पुरस्कार भी मिले. उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीतकार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मभूषण, ऑस्कर आदि कई बड़े बड़े पुरस्कारों से नवाज़ गया है।
उनका लेखन प्याज़ की तरह है एक एक करके जिसकी परत उतरती है और वो लेखन और भी खूबसूरत होता जाता है फिल्म इंडस्ट्री में गुलज़ार साहब का योगदान 50 से भी ज्यादा सालो का है और उनकी 50 साल पहले लिखी गई बात आज भी व्यवहारिक है. आज भी वो फिल्मो के साथ जुड़े हुए है और आज के समाज को ध्यान में रख कर फिल्मो और गीतों का लेखन कर रहे है।
हलाकि किसी की जिंदगी को शब्दों में बांधना नामुमकिन है फिर भी हम कोशिश करते है कि आपको उन लोगो के बारे में बताए जो अपनी जिंदगी में कामयाब हुए। उनमे से ही एक गुलज़ार साहब (Gulzar) भी है।
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Ek insaan apni zindagi mei bahot pareshani ko bardasht krte hai… Aur bahot sare bure halat se ladte hai… Tab jakr wo ek bada karnama kr pata hai… Unme se ek hamre gulzar sahab bhi hai…
BHARAT and BHARTIYA both are proud of…… Rev……Guljar saheb…….