भारत संस्कृति धर्म और त्यौहारों का देश है, जहाँ विभिन्न संस्कृति के लोग अपने अपने त्यौहार पूरी धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाते है. ऐसा ही एक अनूठा त्यौहार है हेमिस (hemis) जो की काफी लोकप्रिय है. यह त्यौहार लद्दाख मे मनाया जाता है. इस त्यौहार का आयोजन लद्दाख के सबसे बड़े बौद्ध मठ हेमिस गोम्पा मे किया जाता है. प्रसिद्ध हेमिस गोम्पा चारों तरफ से पहाड़ो की चट्टानों से घिरा हुआ है. इसका आयोजन जून या जुलाई महीने के आसपास दो दिनो के लिए किया जाता है, ये त्यौहार गुरु पद्मसम्भवा (lord padmasambhava) के जन्मदिवस पर उनको सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. भगवान पद्मसम्भवा तिब्बत के तांत्रिक बुद्धिज़्म (Tantric Budhism) के संस्थापक है.
विशेष कला प्रदर्शनी और वेशभूषा, मुखौटे पहन कर नृत्य प्रदर्शनी हेमिस त्यौहार के मुख्य आकर्षण होते है. इस त्यौहार का सबसे अच्छा भाग छाम नाम के लामा संतो द्वारा किया जाने वाला नृत्य है जो की राक्षसो, यमो की भूमिका मे सींगो के साथ मुखौटे (मास्क) पहन कर नाचते है और इसी के साथ साथ ढोल और मंजीरा बजाकर अच्छाई की बुराई पर जीत का नाटक दिखाते है. बहुत से यात्री इस त्यौहार को देखने के लिए एकत्रित होते है, यह माना जाता है की इससे उन्हें सौभाग्य, अच्छे स्वास्थ्य और शक्ति की प्राप्ति होगी. छामो द्वारा किया गया नृत्य तांत्रिक परम्परा का भाग है. छाम केवल मठो में ही ये कार्यकर्म करते है जो की तांत्रिक बुद्धिज़्म (tantric bhudhism) की वज्र्यान शिक्षाओ का अभ्यास करते है. यहाँ आम जनता के लिए 12 वर्षो में एक बार थंका तस्वीर का भी प्रदर्शन किया जाता है.
हेमिस त्यौहार क्यों मनाया जाता है why is hemis festival celeberated in hindi
गुरु पद्मसम्भवा भगवान बुद्ध के बाद दुसरे सबसे बड़े गुरु माने जाते है. यह माना जाता है की गुरु पद्मसम्भवा ने वज्रयान बुद्धिज़्म की मदद से सभी बुरी शक्तियों पर विजय पायी. तांत्रिक बुद्धिज़्म ने ना केवल बुरी शक्तियों को हराया बल्कि उनको क्षेत्र के संरक्षक के रूप में भी बदला. इस प्रकार गुरु पद्मसम्भवा महत्वपूर्ण हो गए और उनके जन्म दिवस को बौद्ध समुदाय में बहुत ही जोश के साथ मनाया जाने लगा.
हेमिस त्यौहार कब मनाया जाता है और 2017 में इसे कब मनाया जायेगा
यह दो दिवसीय त्यौहार तिबेतन लूनर मंथ के दसवे दिन मनाया जाता है. इस साल (2017) में hemis festival 3 जुलाई से शुरू होगा और 4 जुलाई को इसका समापन होगा.