भारत मे पुलिस स्टेशन से हर किसी का सामना होता है यानि कभी न कभी व्यक्ति को पुलिस स्टेशन के सामने जाना ही पड़ता है. यह जरूरी नही की गुन्हेगार बन कर बल्कि गुन्हेगार को सजा दिलाने के लिए भी. लेकिन किसी भी गुन्हेगार को सजा दिलवाने के लिए जरूरी होता है उसके खिलाफ FIR दर्ज करना. FIR मतलब First Information Report. इस आर्टिक्ल मे हम आपको बतायेंगे की क्या है आपके FIR से जुड़े अधिकार और आप कैसे ऑनलाइन FIR दर्ज करा सकते है.
FIR होती क्या है? FIR in hindi
जब हम किसी भी अपराध की रिपोर्ट दर्ज करवाने पुलिस स्टेशन जाते है तो हमे अपराध की जानकारी देने को कहा जाता है। पुलिस अधिकारी जो भी घटना या अपराध हुआ है उसकी सारी जानकारी हम से लेता है जैसे स्थान, समय, नाम पता इत्यादि. इसके बाद हमारी रिपोर्ट दर्ज की जाती है और उस जानकारी के आधार पर मामले की तहकीकात शुरू की जाती है.
जब कोई व्यक्ति FIR करवाता है तो वह भारतीय दंड संहिता (IPC) 1973 के तहत दर्ज की जाती है जिसमे मामले की तहकीकात के आधार पर अपराधी को कोर्ट ले जाया जाता है और उस पर मुकदमा चलाया जाता है .
NCR क्या होता है? NCR in hindi
NCR मतलब non-cognizable-report. यह रिपोर्ट IPC की धारा 379 के तहत आती है जिसमे चोरी हुआ या गुम हुए सामान की रिपोर्ट की जाती है और इस रिपोर्ट को कोर्ट नही भेजा जाता और न ही इस पर कोई तहकीकात की जाती है। यह बस इस तरह है की आपका कोई समान गुम हुआ या चोरी हुआ और आपने पुलिस को बता दिया की हमारा यह समान चोरी हो गया है.
FIR और NCR में अंतर
- जब कोई व्यक्ति FIR दर्ज करवाता है तो पुलिस बिना कोर्ट गए उस मामले की तहकीकात शुरू कर देती है और आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है जबकि NCR मे ऐसा नही होता.
- FIR मे सभी आराधिक मामले शामिल है जबकि NCR मे गुम होने और चोरी होने के मामले ही दर्ज किये जाते है।
- FIR मे तहकीकात की जाती है, NCR मे सामान की कोई तहकीकात नही की जाती.
- FIR को कोर्ट मे पेश किया जाता है जबकि NCR को सिर्फ पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड तक ही सिमित रखा जाता है
ऑनलाइन FIR कैसे दर्ज कराते है? how to file fir online
दोस्तों आपने कई बार देखा होगा कि कोई व्यक्ति जब किसी अपराध की FIR करवाने जाता है तो पुलिस अधिकारी एक अलग रजिस्टर मे उसे दर्ज कर लेते है या आपकी एप्लीकेशन पर मोहर लगा कर दे देते है और एक आम नागरिक उसे ही FIR समझ लेता है जबकि वह FIR नही होती वह एक रोजनामचा होता है जिसमे रिकॉर्ड रखा जाता है.
दोस्तों पहले तो हम आपको यही सलाह देते है कि आप पुलिस स्टेशन मे जाकर ही FIR दर्ज करवाए लेकिन किसी कारण आप वहां नही जा सकते या कोई अन्य कारणों के चलते आपकी FIR दर्ज नही हो रही है तो आप ऑनलाइन का सहारा ले सकते है.
इस लेख मे हम दिल्ली पुलिस मे ऑनलाइन वेबसाइट का उपयोग कर रहे है आप अपने राज्य की पुलिस की वेबसाइट पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करवा सकते है.
step 1: अपने राज्य की पुलिस की वेबसाइट पर जाए और citizen service पर क्लिक करे. हमने यहाँ पर दिल्ली पुलिस की वेबसाइट का उदहारण लिया है.
step 2: आप अपने मामले से जुड़े विकल्प पर जाए जैसे मान लीजिये साइबर अपराध से जुड़े मामले की रिपोर्ट करना चाहते है तो उस पर click करे.
step 3: इसके बाद आपको लॉग इन करना होगा और जिसमे अपनी इ-मेल आईडी या फ़ोन नंबर से लॉगइन कर सकते है और फिर अपने व्यक्तिगत डिटेल्स और अपने अपराध की डिटेल्स भरनी होगी.
अपने व्यक्ति और अपने साथ हुए अपराध की सारी डिटेल्स भरने के बाद उसे उसे जमा करवा दे. और आपकी FIR कॉपी आपके सामने होगी और आपको मेल पर भी उसकी पीडीऍफ़ कॉपी मिल जाएगी. आपकी रिपोर्ट पर 24 घंटे मे कारवाही शुरू हो जाएगी और आपको पुलिस स्टेशन से पुलिस अधिकारी का फ़ोन आएगा.
दोस्तों इसके साथ ही अगर आप NCR करवाना चाहते है तो Lost & Found पर क्लिक करे.
इसके बाद अगर आपकी कोई वस्तु खो गई है या गुम हो गई है तो lost article report पर क्लीक करे.
इसके बाद register पर क्लीक करे और पूछी गई सारी डिटेल्स भरे.
उसके बाद उसे submit कर दे आपकी NCR की कॉपी आपको आपके दिए गए ई-मेल पर मिल जाएगी.
दोस्तों आशा है आपको पता लग गया होगा कि ऑनलाइन FIR कैसे की जाती है और FIR और NCR मे क्याअंतर है. उम्मीद है आप इस लेख मे बताई गई बातों को ध्यान मे रख कर ही रिपोर्ट दर्ज करवाएंगे. आपको यह जानकरी कैसी लगी हमे कमेंट के माध्यम से जरुर बताये और इसे दुसरे लोगो को भी शेयर करे ताकि वह भी खुद को अपडेट रख सके.
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