दोस्तों हम आपके साथ एक ऐसे शख्स की कहानी शेयर करने जा रहे है जो अपनी जिन्दगी में कई बार असफल हुआ, अनेक प्रयासों में उसे असफलता हाथ लगी, उसने कई कार्यो में हाथ आजमाए लेकिन उनमे वो सफल ना हो सका लेकिन कहते है ना जब तुम किसी चीज को जी जान से चाहो तो देर से ही सही लेकिन वो तुम्हे मिलती जरूर है. यहा भी ऐसा ही हुआ. यह कहानी है colonel harland sanders की, जी हा kentucky fried chicken यानि kfc के founder colonel sanders. sanders को उम्र के उस पड़ाव पर आकर दौलत और शौहरत मिली जब दुसरे लोग अपने काम से रिटायर लेते है. आपको चिकन से प्यार हो या ना हो इसका इस कहानी से कोई लेना देना नहीं क्योकि colonel sanders की कहानी आपको प्रेरित कर देगी.
colonel sanders का संघर्ष
kentucky fried chicken (kfc) की कामयाबी के पीछे colonel sanders का हाथ था. अपनी fried chicken recipe के कारण वे विश्व में प्रसिद्ध हुए. sanders ने उम्र की बाधा को अपनी कामयाबी का रोड़ा बनने नहीं दिया और उन्हें कामयाबी मिली 65 साल की उम्र में. जब वह 5 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई, इसके बाद अपने परिवार जिनमे उनके छोटे भाई और बहन शामिल थे को पालने की जिम्मेदारी उन पर आ गयी. इसके बाद उन्होंने कई कामो में अपना हाथ आजमाया. इनमे किसान, स्ट्रीटकार कंडक्टर, रेलरोड फायरमैन और इंशोरेंस सेल्समेन जैसी जॉब शामिल थी. इनमे वह सफल ना हो सके, 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना स्कूल छोड़ दिया. केवल 17 वर्ष की उम्र में उन्हें अपनी चार जॉब्स खोनी पड़ी, 18 वर्ष की उम्र में वह विवाहित हुए और अगले ही साल उनकी एक बेटी हुई, जल्द ही उनकी पत्नी अपने बच्ची को लेकर उन्हें छोड़ कर चली गयी.
40 साल की उम्र में sanders kentucky में एक सर्विस स्टेशन चला रहे थे जहाँ वह कई भूखे यात्रियों को खाना भी खिलाते थे. उन्होंने इस सर्विस स्टेशन को restaurant में बदल दिया जहाँ वह अपनी चिकन व्यंजन को बेचते थे. उनके फ्राइड चिकन इतने उल्लेखनीय हुए की वहा के गवर्नर ने उन्हें kentucky colonel यानि kentucky कर्नल का नाम दिया लेकिन 1950 की शुरुआत में senders के इस चलते बिजनेस को वहा पर बनने वाले हाईवे के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा, सरकार द्वारा दिया हुआ चेक बहुत कम था. लेकिन sanders अभी भी बैठने को तैयार ना था. उसे अपनी चिकन रेसिपी पर पूरा भरोसा था और इसी विश्वास के साथ वह इसकी मार्केटिंग के लिए निकल पड़ा, इस दौरान वह अलग अलग restaurant के मालिक से मिला जहाँ उसे ठुकरा दिया गया. और 1000 से ज्यादा कोशिशो के बाद अंतत: 1952 में pete harman नामक व्यक्ति को उसने अपना पार्टनर बनाने के लिए मना लिया. उन्होंने अपनी फ्राइड चिकन की रेसिपी को पेटेंट करा के 1952 में साल्ट लेक सिटी में पहला restaurant खोला.
1960 की शुरुआत में US और CANADA में 600 से अधिक फ्रैंचाइज़ लोकेशन्स थी जहा यह फ्राइड चिकन बिकता था. 1964 में sanders ने इसकी फ्रैंचाइज़ी को 2 मिलियन डॉलर में बेचा, इसके अलावा तीन बार ओर इसकी फ्रेंचाइजी बेचीं गयी और colonel sanders बहुत अमीर हो गया.
colonel sanders की ये कहानी बताती है की इंसान की कामयाबी में उम्र कोई बाधा नहीं है. अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो इसका मतलब यह नहीं की अपने सपनो को पूरा करने के लिए बहुत देर हो गयी है. आपको अपने कामो में सफलता नहीं मिल रही है तो इसका मतलब यह नहीं की आपकी कोशिशे बेकार हो गयी है. यकिन मानिए आपको कामयाबी कभी भी मिल सकती है. अगर हम अपनी काबिलियत पर विश्वास रखे, और अपने काम को मन लगा कर करते रहे तो देर सवेर हम कामयाब जरूर हो सकते है.
हमें क्या सिखने को मिला
colonel sanders को सफलता पाने के लिए 1009 बार प्रयास करना पड़ा – कोशिशे करना मत छोड़िये.
colonel sanders को 1009 बार ठुकरा दिया गया – हर rejection का मतलब ending नहीं है.
colonel sanders को जब highway बनने के बाद बिजनेस बंद करना पड़ा तब केवल उसके पास एक सोशल सिक्यूरिटी चेक और सीक्रेट रेसिपी ही बची थी – किस्मत साथ छोड़ जाए लेकिन टैलेंट साथ नहीं छोड़ता और अपने टैलेंट पर ही भरोसा रखे क्योकि यही सब दिलाता है.
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colonel sanders को 65 वर्ष की उम्र में आकर कामयाबी मिली – कामयाबी पाने की कोई उम्र नहीं, आप उम्र के किसी पड़ाव पर भी कुछ पाने की शुरुआत कर सकते है.
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