कहीं आपका डर Phobia तो नहीं बन गया – PHOBIA A TO Z

अक्सर हम Phobia को सिर्फ एक डर के रूप मे समझते है लेकिन phobia डर से कई गुना अधिक शक्तिशाली होता है। एक डर इंसान का पीछा छोड़ सकता है लेकिन अगर एक बार हमारा डर फोबिया मे बदल जाए तो वो हमारा पीछा सोते हुए भी नहीं छोड़ता। phobia शब्द की उत्पति Greek word ‘phobos’ हुई से हुई है। phobia एक mental or psychological disorder है जिसमे इंसान को किसी खास चीज, हालात, काम या जगह से बहुत ज्यादा डर लगता है। यह डर कभी कभी  इतना खतरनाक हो जाता है की इंसान अपना control खो सकता है और मर जाने के डर से बेहोश हो सकता है। जबकि वो  situation दूसरों के लिए उतनी ज्यादा खतरनाक नहीं होती। फोबिया के दौरान दिल का जोर-जोर से धड़कना, तनाव, सिर में दर्द, पेट खराब, बेहोशी लगना, चिन्ता, घबराहट ,  अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देना, हालात से दूर भागने की कोशश करना आदि प्रमुख लक्षण है।

फोबिया कई प्रकार के होते है – types of phobia

1) अंधेरे से डर– इसे Nyctophobia भी कहाँ जाता है। इसमें इंसान  किसी  अंधेरी जगह पर जाने से  डरता है। यह डर इस तरह से मन मे बैठ जाता है की अगर वो इंसान सो रहा है और अचानक अंधेरा हो जाए तो उसकी नींद उसी समय खुल जाती है।

2) ऊँचाई  से डर – इसे Acrophobia(एक्रोफोबिया)भी कहाँ जाता है। इसमे इंसान को उचाई से बहुत ज्यादा डर लगता है। ऊँची जगह पर पहुंचते ही ऐसे इंसान को  को panic attack आ जाता है। या फिर उसे उल्टियाँ शुरू हो सकती है।

3) कुत्तों से डर – इस Cyanophobia भी कहां जाता है। वैसे तो बहुत लोग कुतों से डरते है और यह आम बात है लेकिन  Cyanophobia वाले इंसान घर मे बैठ कर भी कुतों के गली मे भोकने से डर जाते है।

4) इंजेक्शन से डर – इसे Trypanophobia(ट्राइपानोफोबिया) भी कहाँ जाता है। इसमे इंसान injection से इतना डरता है की उसके डर से docter के पास तक नहीं जाता। injection देख कर उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है।

5) छिपकली, मकड़ी जैसे छोटे-छोटे जीवों का डर – इसे Arachnophobia(ट्राइपानोफोबिया) भी कहाँ जाता है। यह डर उनपर कुछ  इस तरह  हावी हो जाता है कि वे TV या photo तक में मकड़ा देखकर बहुत  घबरा जाते हैं। छिपकली और  मकड़ी को देखकर तेज तेज रोना और चिलाना शुरू कर देते है।

6) Germs या Dust का डर – इसे माइसोफोबिया भी कहाँ जाता है।  इसमे इंसान को  थोड़ी सी धूल होने पर पर भी  घबराहट, सीने में दर्द,  सांस लेने में दिक्कत, धड़कन बढ़ना, और कंपकंपी जैसी दिक्कते हो सकती हैं।

7) भीड़ का डर – इस agoraphobia भी कहाँ जाता है। इसमे इंसान को थोड़े से लोगो के सामने जाने,खाना खाने,बात करने मे भी बहुत ज्यादा डर लगता है।

8) social phobia – Social phobia मे इंसान को लोगो से बातचीत करने उनसे मिलने मे डर लगता है। इसके बारे मे ओर अधिक पड़े

Social phobia क्या होता है

फोबिया होने के कारण – cause of phobia

मनोविज्ञान के अनुसार फोबिया होने का  मुख्य कारण है Conditioning।  इसका मतलब है कि अगर किसी normal situation में किसी इंसान के साथ कुछ दुर्घटना घट जाती है या कुछ गलत हो जा है तो उस इंसान के अंदर एक डर पैदा हो सकता है।  अगली बार कोई खतरा न होने पर भी वो इंसान  को उन परिस्थितियों या चीजों से  में दौबरा डर लगता है और  घबराहट होती है। यही डर बढ़ते बढ़ते फोबिया बन जाता है।

रिसर्च  में पाया गया है कि अगर किसी की माँ को  फोबिया है  तो बच्चों में इसके होने की संभावना बहुत ज्यादा  होती है

साथ ही confidence की कमी और आलोचना(critics) का डर भी कई बार फोबिया को जन्म देते है।

Treatment of phobia

phobia के इलाज के लिए कोई एक treatment नहीं होता है। जिस तरह हर इंसान का फोबिया  और उसकी परिस्थिति(situation) अलग-अलग होती है, इसी  तरह फोबिया का इलाज भी हर मरीज और उसके डर के के अनुसार  ही किया जाता है।

ज़्यादातर लोग अपनी मनोवैज्ञानिक समस्याओ पर  पर्दा डाले रहते हैं। उन्हें लगता है कि अपनी दिक्कत बताने पर वो मज़ाक का विषय बन जाएंगे जो की गलत है। यह रवैया दिक्कत को कम करने की बजाय ओर बड़ा देता है। अगर आपको या आपके आस पास किसी को भी किसी भी प्रकार का फोभिया है तो किसी psychologist या psychiatrist के पास जरूर जाए। इसका इलाज psychological therapies से बहुत आसानी से किया जा सकता है। इस आर्टिक्ल को पड़ने के बाद जरूर शेयर करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो इसके बारे मे पता चले और उनके मनोविज्ञान बीमारियो के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदले।

must read

वहम की बीमारी है डिल्यूशन डिसऑर्डर

एक अजीब गरीब दिमागी बीमारी – Bulimia nervosa

एक नजरंदाज दिमागी बीमारी – Eating Disorder in Hindi

क्या है आपकी personality – जानिए सिर्फ 2 मिनट मे

IQ TEST – जानिए कितना है आपका IQ

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

19 Comments

  1. Shubham Prajapati 30/01/2016
  2. Rahul 26/11/2016
    • SUNNY ROY 18/07/2017
    • bharat 12/11/2017
  3. Monu 14/12/2016
  4. Bharat 24/12/2016
  5. Mamta v 04/01/2017
  6. Abhishek Prajapati 03/12/2017
  7. सावन कुमार 29/04/2018
  8. Arpita Das 26/05/2018
  9. Ajay 25/06/2018
  10. Kishan Kumar 22/07/2018
  11. THAKOR MAHENDRA 20/08/2018
  12. kiran kaler 20/09/2018
  13. Amit singh 20/10/2018
  14. Jaysha Agnihotri 01/11/2018
  15. Harshita 25/12/2018
  16. Hitesh 27/11/2019
  17. Hitesh 27/11/2019

Leave a Reply