आज की यह कहानी importance of education उन लोगो के लिए है जो कहते है “उन्हें पढ़ने का मोका नही मिला” या फिर “पढाई हमारी किस्मत में ही नही थी” और बच्चों के लिए है. तो हम आपसे कहना चाहते है कि बच्चों और स्टूडेंट्स को ये कहानी जरूर बताए….
importance of education की कहानी
एक आदमी जिसकी अपनी एक सामाजिक पहचान है दिन भर में कई लोगो से मिलता है कई लोग उसका इंतज़ार करते है. वो एक दिन बड़े से मॉल में किसी वस्तु की शिकायत करने जाता है और मॉल के सफाई कर्मचारी से पूछता है मैनेजर का ऑफिस कहा है वो कर्मचारी उसे मेनेजर के ऑफिस तक छोड़ देता है और वहाँ पर खड़ा छः फीट लंबा सिक्योरटी गॉर्ड उसे रोकता है और इंतज़ार करने को कहता है थोड़ी देर बाद मैनेजर उस आदमी को अंदर बुलाता है
वो आदमी मैनेजर को देखता है जो बहुत ही दुबला पतला, आँखों पर चश्मा लगाए हुए एक हाथ में पेन और दूसरे में कंप्यूटर का माउस लिए बड़ी सी कुर्सी पर बैठे है मैनेजर उस आदमी को भी बैठने का इशारा करता है. उसकी पूरी बात ध्यान से सुनता है और उसकी शिकायत को दूर करने के लिए उसे इंतज़ार करने को कहता है और उसकी वस्तु को लेकर मॉल के उस डिपार्टमेंट में चला जाता है जहा से उसने वो वस्तु खरीदी थी.
वो आदमी सोचता है मेरे से मिलने के लिए लोग इंतज़ार करते है और मैं इस मेनेजर का इंतज़ार करूँगा और बेचैन होकर बहार आ जाता है।बहार खड़े गॉर्ड को कहता है ये चश्मिश जानता नही मैं कौन हूँ मैं किसी का इंतज़ार नही करता। गॉर्ड कहता है साहब सामान वापसी का यही नियम है आपको थोडा इंतज़ार तो करना पढ़ेगा।
वो आदमी गॉर्ड से बाते करने लगता है और बातो बातों में पूछता है ” तुम इतने हैंडसम हो छः फिट लम्बे हो, ताकतवर भी हो उससे. तुम मैनेजर से डरते हो क्या???
साहब, मेरा हैंडसम होना ताकतवर होना कोई मायने नही रखता. मैनेजर मुझसे ज्यादा पढ़ा लिखा है और आज कलम की ताकत सबसे बड़ी ताकत है।
“फिर तुमने पढाई क्यों नही की?”
इस बात का तो जिंदगी भर अफ़सोस रहेगा साहब, माँ बाप स्कूल भेजते थे मैं ही स्कूल से भागता था, माँ- बाप ने घर पर भी टीचर लगा दिया था जो मुझे रोज पढाने आता था पर मेरी किस्मत में पढाई की रेखा बहुत छोटी है.
“हा, गाँव में पढाई का माहौल भी नही होता और स्कूल कॉलेज भी ठीक नही होते”
नही साहब, ये तो बस बहाना है न पढ़ने का। गाँव में भी सरकारी स्कूल होते है जो यहाँ किताबे पढ़ाई जाती है वहाँ भी वही किताबे पढाई जाती है असल में पढता वही है जो मजबूर हो या उसे पढ़ने का शौक हो.
ये जो आप मैनेजर देख रहे है ये मेरे ही गाँव का है। कभी स्कूल में मास्टर जी नही आते थे तो हम सिनेमा देखने चले जाते थे और ये पेड़ के निचे बैठ कर पढता था और हम इसपर हंसते थे. हमारे पापा के पास बहुत जमीन थी बहुत पैसा था और इसके पास कुछ नही था हमारी जमीन पापा की बीमारी खा गई और सारा पैसा भी खत्म हो गया हम गाँव में बेरोजगार हो गए।
फिर एक दिन मैनेजर साहब को हमने अपनी तकलीफ बताई और वो हमे दिल्ली ले आये और यहाँ पर ये गॉर्ड की नौकरी दिलवा दी। अब चल जाता है इससे थोडा बहुत खर्चा पानी..
साहब मैं तो कहूँगा की आप भी बच्चों को समझाइये जो स्कूल से भाग कर सिनेमा या मॉल जाते है और पढ़ाई से भागते है। उन्हें आज की ये गलती कल भारी पड़ेगी…
गॉर्ड की उन बातों ने उस आदमी को सोचने पर मजबूर कर दिया की education कितनी जरूरी है। लोगो पर हँसना बन्द करो, उन्हें कोसना बन्द करो और पढ़ाई करो पढ़ाई करो।
इतने में मैनेजर वापिस आ गया और उस आदमी से माफ़ी मांगते हुए उनकी शिकायत दूर की और हाथ मिलाया.
धन्यवाद जतिन जिन्होंने यह कहानी हमारे साथ शेयर की.
नाम- जतिन
कक्षा- 10th
hobbies- reading books and stories, playing cricket and cooking
यदि आप भी कोई लेख हमारे साथ शेयर करना चाहते है तो आपका स्वागत है. कृपया अपने लेख हमें [email protected] पर भेजें या contact us पर भेजें. हम आपका लेख आपके नाम और फोटो के साथ publish करेंगे.
निवेदन ; अगर आपको importance of education की कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह आर्टिकल कैसा लगा. हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए नीचे फ्री मे subscribe करे।
recommended post
Tension का ग्लास – ये story आपकी life बदल सकती है
sparrow story चतुर समाधान की कहानी
short motivational story जीवन का मूल्य
ham yadav hai
aapka kahani achha hai