virat kohli भारत के क्रिकेट ख़िलाड़ी है और तेजी से विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनने की और अग्रसर है. बहुत ही कम उम्र में उन्होंने क्रिकेट के बड़े बड़े मुकामो को हासिल किया है और कई रिकॉर्ड तोड़ दिए है और तेजी से ओर रिकॉर्ड तोड़ने की ओर अग्रसर है. क्रिकेट के प्रारूप ONEDAY क्रिकेट में उन्होंने २० से ज्यादा शतक लगाकर केवल 133 परियो मे 20 से ज्यादा शतक लगाने वालो के क्लब में शामिल हो गए है और कई बड़े बड़े खिलाड़ियों को उन्होंने शतक लगाने के मामले में पीछे छोड़ दिया है. 2008 में उन्होंने india UNDER 19 TEAM की कप्तानी की और भारत को विश्वकप विजयी बनाया. 1000, 3000, 4000, 5000 रनो का आंकड़ा छुने वाले virat kohli भारत के सबसे तेज भारतीय क्रिकेटर है. केवल 23 वर्ष की उम्र में ही २०१२ में कोहली ICC ODI CRICKETER OF THE YEAR बने. 2013 में जयपुर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे तेज शतक लगाया जो की केवल 52 BALLS में आया. यह किसी भारतीय खिलाडी का सबसे तेज शतक बनाया गया शतक था. इसी प्रकार क्रिकेट के बहुत से रिकॉर्ड उन्होंने बनाये और बना रहे है. यह उनकी कड़ी मेहनत और क्रिकेट के प्रति उनकी दिवानगी का ही नतीजा है की उन्होंने बहुत ही कम उम्र में क्रिकेट की बड़ी बड़ी उपलब्धी हासिल कर ली. वह क्रिकेट के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहे है और भारत को कई मैच जिताए है. कई बार तो वो मैदान पर ALONE WARRIOR की तरह डटे रहते है और भारत को जीत दिलाते है. इसलिए क्रिकेट प्रेमियों के मन में उन्होंने खास जगह बना ली है.
virat kohli क्रिकेट के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध और समर्पित रहे है. कर्नाटक के खिलाफ एक रणजी मैच के दौरान जब वह दिल्ली के लिए खेल रहे थे तो एक दुखद समाचार उन्हें प्राप्त हुआ की उनके पिता अब नहीं रहे. कोहली उस समय दुविधा में थे की मैच खेले या छोड़ दे. इस टीम को उनकी जरूरत थी उस समय अगर वो मैच छोड़ देते तो उनकी टीम मुसीबत में फंस जाती और हार जाती. यह बात उन्होंने अपने कोच को बताई जो ऑस्ट्रेलिया में थे. उनके कोच ने उन्हें खेलने की सलाह दी और बताया की ऐसे अवसर हर दिन नहीं आते. विराट कोहली जो खुद बहुत दुखी थे लेकिन फिर भी उन्होने टीम को नहीं छोड़ा ओर अच्छी बल्लेबाजी करते हुए टीम को FOLLOW ON से बचा लिया. इस मैच में उन्होंने 90 रन बनाये और अंपायर के एक गलत निर्णय का शिकार हो गए. इस पारी के तुरंत बाद वह सीधे अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए गए और शेष मैच में हिस्सा नहीं लिया. इस समय वह केवल 18 साल के थे और कर्नाटक के खिलाडी भी इस खिलाडी की प्रतिबधता की तारीफ किये बगैर अपने को रोक नहीं सके. इसके बाद कोहली हर मैच को बहुत गंभीरता से लेने लगे.
virat kohli की सच्ची लगन और कड़ी मेहनत का ही नतीजा था की बहुत ही जल्द उनका सिलेक्शन india की राष्ट्रिय टीम में हो गया और एक के बाद एक उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाये और तोड़े और आगे भी वो ऐसा करते रहेंगे . विराट कोहली का मानना है की सफलता के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन का कोई विकल्प नहीं है. अपनी शानदार बल्लेबाजी से उन्होंने भारतवासियो को कई बार खुश होने का मौका दिया. बहुत ही कम उम्र में वे बहुत कुछ हासिल कर चुके है और हम आशा करते है की इसी तरह वो आगे भी कामयाबी हासिल करते रहे. विराट कोहली एक प्रेरणा है और हमें सीख देते है की अगर आप अपने कार्य में कड़ी मेहनत, अनुशासन और प्रतिबधता दिखाए तो कामयाबी हासिल कर सकते है.
निवेदन ; अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह आर्टिकल कैसा लगा. हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए नीचे फ्री मे subscribe करे।
recommended posts
ACRES OF DIAMONDS STORY IN HINDI
MOTIVATIONAL STORY OF EDWIN C. BARNES IN HINDI: POWER OF THOUGHTS
STORY OF SELFLESS SERVICE: ALEXANDER FLEMING AND HIS FATHER SAVED WINSTON CHURCHILL LIFE
Really nice
Amazing article. Facts About Virat Kohli
i love Virat Kohli very much thanks for publishing facts about Virat Kohli.