Cerebral Palsy/ सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बच्चे की शारीरिक गति, चलने-फिरने की क्षमता को क्षतिग्रस्त करता है. “सेरेब्रल” शब्द का अर्थ मस्तिष्क के दोनो भाग से है और “पाल्सी” शब्द का अर्थ शारीरिक गति की कमजोरी या समस्या से है। यह एक तरह की विकलांगता है जिसमे बच्चों को वस्तु पकड़ने और चलने में कठिनाई होती है. इस रोग मे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों मे क्षति के कारण voluntary या involuntary movements या दोनों प्रभावित हो जाती हैं। सेरेब्रल पाल्सी संक्रामक नहीं है, यह जरूरी नहीं है कि यह बुद्धिमत्ता या संज्ञानात्मक क्षमता को प्रभावित करे। साथ ही यह रोग यह प्रोग्रेसिव नहीं है, इसलिए उम्र बढ़ने के साथ यह ओर ज्यादा गंभीर नहीं होता ।
ज्यादातर मामलों में, सेरेब्रल पाल्सी गर्भाशय या जन्म के दौरान मस्तिष्क में चोट लगने के कारण विकसित होती है।
सेरेब्रल पाल्सी बच्चो में विकलांगता का सबसे आम कारण है । इस बीमारी से संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 764,000 लोग प्रभावित है।
Symptoms of cerebral palsy in hindi – सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण
सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण हर व्यक्ति मे अलग-अलग होते हैं और यह हल्के से गंभीर तक होते हैं। कुछ लोगों को घूमने और बैठने में कठिनाई हो सकती है तो लोगों को वस्तुओं को पकड़ने में परेशानी हो सकती है। आमतौर पर तीन से छह महीने की उम्र में इस समस्या को पहचाना जा सकता है.
अन्य लक्षणो में शामिल हैं:
- समय पर उठने-बैठने या चलने की प्रक्रिया शुरू न हो पाना
- मांसपेशियों मे coordination और balance की कमी जिसे एटैक्सिया के नाम से जाना जाता है
- जन्म के समय देर से रोना या साँस लेना
- बच्चे का शरीर बहुत लचीला होना
- गर्दन स्थिर न हो पाना दूसरे
- बच्चो की तुलना में विकास धीमा होना
- करवट न बदल पाना
- अपने आप शरीर में गतिविधियाँ होना
- गतिविधियों को कम रफ़्तार से कर पाना
- बच्चो का बोलना शुरू करने में देरी या बोलने में कठिनाई
- बचपन मे चूसने और निगलने में समस्याएं
- अत्यधिक लार का आना
Cause of cerebral palsy in hindi – सेरेब्रल पाल्सी के कारण
मस्तिष्क का एक हिस्सा हमारी मांसपेशियों को नियंत्रण करता है जिसे सेरेब्रम/cerebrum कहा जाता है। सेरेब्रम मस्तिष्क का ऊपरी हिस्सा है। जन्म से पहले, जन्म के दौरान या 5 साल के भीतर cerebrum की क्षति cerebral palsy का कारण बनती है।
सेरेब्रम मेमोरी, सीखने की क्षमता और संचार कौशल को भी कंट्रोल करता है। यही कारण है कि cerebral palsy से पीड़ित कुछ लोगों को बातचीत करने और सीखने मे समस्याएं होती हैं।
सेरेब्रम क्षति कभी-कभी दृष्टि और सुनने की शक्ति को प्रभावित कर सकती है।
कुछ नवजात शिशुओं को प्रसव और प्रसव के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसके तीन संभावित कारण हैं-
Periventricular leukomalacia (PVL)
पीवीएल एक तरह की क्षति है जिसमे गर्भ में ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क का सफेद पदार्थ प्रभावित होता है। गर्भावस्था के दौरान माँ को संक्रमण जैसे कि रूबेला या जर्मन खसरा, लो ब्लड प्रैशर , अपरिपक्व प्रसव, या गलत दवा के इस्तेमाल से यह हो सकता है
Abnormal development of the brain
गर्भावस्था के पहले 6 महीनों के दौरान भ्रूण का मस्तिष्क विशेष रूप से कमजोर होता है। मस्तिष्क के विकास में व्यवधान या कमी से मस्तिष्क शरीर की मांसपेशियों से ठीक से संचार नहीं कर पाता जिससे समस्या उत्पन्न होती है।
Intracranial hemorrhage
कभी-कभी, मस्तिष्क के अंदर तब रक्तस्राव होता है जब एक भ्रूण को स्ट्रोक आता है। मस्तिष्क में रक्तस्राव महत्वपूर्ण मस्तिष्क ऊतकों मे रक्त की आपूर्ति को रोक सकता है, और यह ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते है । यह रक्त आसपास के ऊतकों मे थक्का और नुकसान पहुंचा सकता है।
Brain damage after birth
कुछ मामलो मे जन्म के बाद क्षति इस रोग का कारण बनती है। यह क्षति संक्रमण के कारण हो सकती है जैसे कि मेनिनजाइटिस, सिर मे चोट, या जहर के कारण । यह क्षति जन्म के तुरंत बाद होती है क्योकि उम्र के साथ, मानव मस्तिष्क अधिक लचीला और नुकसान का सामना करने में सक्षम हो जाता है।
Treatment of cerebral palsy in hindi – सेरेब्रल पाल्सी का इलाज
सेरेब्रल पाल्सी का वर्तमान में कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। इसमे शामिल है;
Physiotherapy
फिजियोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जिसमें व्यायाम और स्ट्रेचिंग जैसी तकनीकों से शारीरिक गति को बनाए रखने और बेहतर बनाने में मदद मिलती है। यह cerebral palsy के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपचारों में से एक है।
Speech therapy
स्पीच थेरेपी उन बच्चों की मदद कर सकती है जिन्हें बोलने मे कठिनाई होती है। व्यायाम के साथ बोलने का अभ्यास करने , या साइन लैंग्वेज या चित्रों जैसे वैकल्पिक तरीके सिखाने से परेशानी कम हो सकती है।
Occupational therapy
ऑक्यूपेशनल थेरेपी मे चिकित्सक बच्चे की रोज़मर्रा के कामों में होने वाली समस्याओं की पहचान करता है। चिकित्सक उन गतिविधियों को करने के लिए सबसे अच्छे तरीको की सलाह देते हैं जिनमें शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है, जैसे कि शौचालय जाना या कपड़े पहनना। व्यावसायिक चिकित्सा बच्चे के आत्मसम्मान और स्वतंत्रता को बढ़ाने में बेहद उपयोगी हो सकती है, खासकर जब वे बड़े हो जाते हैं।
Medication
ऐसी कई दवाएं हैं जो cerebral palsy के लक्षणों में राहत देने में मदद करती हैं। इनमे मांसपेशियों की कठोरता के लिए दवाएं, नींद की दिक्कत के लिए दवाएं, कब्ज, दर्द, मिर्गी आदि के इलाज के लिए दवाएं शामिल है।
Prevention from cerebral palsy in hindi – सेरेब्रल पाल्सी से कैसे बचा जाए
Cerebral palsy को रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ क्रियाएं जोखिम को कम कर सकती हैं। यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो आप स्वस्थ रहने और pregnancy complications को कम करने के लिए ये कदम उठा सकती हैं:
सुनिश्चित करें कि आपने टीकाकरण करवाया हैं – रूबेला जैसे रोगों के खिलाफ टीकाकरण संक्रमण को रोक सकता है जो भ्रूण के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
अपना ख्याल रखे – अगर आप स्वस्थ रूप से गर्भावस्था की ओर बढ़ रही हैं, तो आपके बच्चे को रोग होने या संक्रमण विकसित होने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए अपना ख्याल रखना काफी जरूरी हो जाता है।
डॉक्टर की सलाह माने – गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक के पास नियमित जाए। इससे बच्चे के समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन और संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
नशा न ले – गर्भावस्था के दौरान शराब, तंबाकू और गलत दवाओं के सेवन से माँ और बच्चे दोनों को नुकसान पहुच सकता है इसलिए इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
तो दोस्तो यह कुछ जानकारी है जो इस रोग से बचने मे आपकी मदद कर सकती है। उम्मीद करते है आपके लिए यह आर्टिक्ल फायदेमंद साबित होगा। अगर आपके कोई सवाल या सुझाव है तो कृपया कमेंट के माध्यम से अपनी बात रखे और हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमारा facebook page लाइक करें।
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bahut badiya artical likha hai bhai