कई बार लोग खुद को उदास और दुसरो से कटा हुआ महसूस करने लगते है और इसी आधार पर अकेलेपन की व्याख्या दी जा सकती है. जब व्यक्ति खुद को दुसरो से या उन लोगो से अलग-थलग महसूस करता है जिनसे वह जुड़ा हुआ है. उसे अकेलापन कहते है 2004 में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के एक शोद्ध में पाया गया था कि उस वक्त भारत में लगभग 50 लाख लोग अकेलेपन के शिकार है और खुद को अकेला समझते है.
अकेलेपन को हम अपने रिश्तो से समझ सकते है. कई लोगो के फ़ोन में हजारो कांटेक्ट होते है, फेसबुक पर 500 से ज्यादा दोस्त होते है बाकि लोगो से भी बहुत मिलना जुलना होता है, वही दूसरी तरफ कई लोगो के 2 – 4 ही दोस्त होते है. ऐसे में जरुरी नही है कि जिस व्यक्ति के ज्यादा दोस्त है वह अकेलेपन का शिकार नही हो सकता या जिसके कम दोस्त है वह अकेलेपन का शिकार जल्दी हो जाता है.
अकेलेपन के प्रकार Type of loneliness in hindi
अकेलापन कई प्रकार का होता है और ऐसा जरूरी नही है कि एक तय समय तक उदास महसूस रहना एक मानसिक बीमारी हो. इसे हम अकेलेपन के अलग- अलग प्रकारों से समझ सकते है.
परिस्थितियों से आया अकेलापन
कई बार लोग नयी चीजो को पाने के लिए पुरानी चीजो को छोड़ते है जैसे एक स्कूल से दुसरे स्कूल में जाना, घर शिफ्ट करना या किसी करीबी का दूर चले जाना, किसी ऐसी जगह पर न जा पाना जहाँ आप अक्सर जाया करते थे. ऐसे में लोगो को अकेलपन महसूस होने लगता है
यह अकेलापन परिस्थितियों में बदलाव के कारण आता है। जब हालात बदलते है तो व्यक्ति एकदम से उन हालातो में ढल नही पाता और पुरानी चीजो को याद कर के अकेलापन महसूस करने लगता है हालांकि यह अकेलापन समय के साथ खुद-ब-खुद चला जाता है या व्यक्ति अपनी जिन्दगी में आये बदलाव को स्वीकार करने लगता है तो वह अकेला महसूस करना बंद कर देता है.
दूसरों के विकास से आया अकेलापन
इस बात में कोई शक नही है कि जिन व्यक्ति से हम जुड़े होते है उनसे अलग होने पर अकेला महसूस करते है और जब उनकी जिन्दगी में कुछ नया होता है या उनका विकास होता है जैसे उनका प्रमोशन हुआ या फिर शादी हुई या नयी जॉब लग गई आदि ऐसे में हमारा उनसे जुडाव कम होता जाता है तो व्यक्ति अकेला महसूस करने लगता है.
इसका सबसे सटीक उदाहरण है हमारे बेस्ट फ्रेंड की शादी हो जाना. जिसके बाद वह अपना समय हमे नही दे पाता और हम अकेला महसूस करने लगते है.
आन्तरिक अकेलापन
जब व्यक्ति उन लोगो के बीच मौजूद होता है जो उससे प्यार करते है उसे खुश रखते है लेकिन वह फिर भी अकेला महसूस करता है और संतुष्ट नही हो पाता.
ऐसे व्यक्ति हर परिस्थिति में खुद को अकेला महसूस करते है और उन्हें थेरेपिस्ट या काउंसलर की मदद जरुर लेनी चाहिए.
अकेलेपन के कारण – Causes of loneliness in hindi
अकेलेपन के कई कारण होते है जो हमारे पास्ट पर निर्भर करते है. कुछ ऐसी घटनाएँ होती है जिनके कारण हम अकेलापन महसूस करते है जैसे
- दोस्तों से दूर हो जाना
- घर बदल लेना या दूसरे शहर चले जाना
- नौकरी बदलना या रिटायर होने पर लोग अकेला महसूस करते है
- भाषाई समस्या
- संस्कृति न मिलने के कारण
- सामाजिक मेलजोल न होने के कारण
- सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने के कारण
- किसी अपने के छोड़ कर चले जाने के कारण
- मानसिक या शारीरिक कमजोरी के कारण
अकेलेपन के लक्षण – Symptoms of loneliness in hindi
- अकेलापन महसूस करना सिर्फ खुद को अलग-थलग महसूस करना ही नही है बल्कि अकेलापन अपने साथ कई और मानसिक और शारीरिक समस्याओ के साथ आता है जैसे…
- सोचने में कमी होना
- एक ही बात को बार बार सोचना
- नकारत्मक विचारो का आना
- कुछ खाने का मन न करना
- डिप्रेशन की भावना आना
- बहुत ज्यादा शोपिंग करना
- बहुत ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव होना
- बहुत ज्यादा टीवी देखना
- कही भी मन न लगना
- शरीर में कही दर्द होना
अकेलेपन से निपटने के उपाय how to deal with loneliness in hindi
- मेलजोल बढ़ाएं — अकेलापन किसी के दूर चले जाने या फिर रिश्तो में आई खटास के कारण हो सकता है. अगर आप भी ऐसा ही कुछ महसूस कर रहे है तो अपना मेल जोल बढ़ाए, यार-दोस्तों से मिले, उनसे बाते करे.
- नए शौक बनाये- दोस्तों जब भी आप अकेलापन महसूस करे तो नए शौक बनाये जैसे:- फिल्म देखना, गेम खेलना, किताबे पढना या फिर कुछ भी जो आपको अच्छा लगता हो.
- नए दोस्त बनाये – दुनियाँ में लोगो की कमी नही है आप नए दोस्तों बनाये. उनसे बातचीत कीजिये नही तो अपने ऑफिस के गार्ड से, ऑफिस बॉय से या फिर सैलून वाले से, दूध वाले से एक नॉर्मल बातचीत करे. उन्हें हेल्लो कहे, उनके काम करने के बाद उन्हें थैंक्यू कहे. आप देखेंगे की कुछ ही दिनों में आपके कई सारे दोस्त बन जायंगे.
- दयालु और जिज्ञासु बने– दोस्तों अकेलेपन से निपटने के लिए बहुत जरूरी है कि आप दुसरो से बात करते समय दयालु और जिज्ञासु रहे और उनकी बातो में भी रूचि रखें.
- थेरेपिस्ट या मनोविज्ञानिक की मदद ले – दोस्तों समस्या बहुत बढ़ जाए उससे पहले ही आप थेरेपिस्ट या मनोविज्ञानिक से मदद ले सकते है और आजकल तो जरूरी नही है कि आप उनके पास जाए यह अब घर पर ही ऑनलाइन भी संभव हो सकता है जैसे आप manochikitsa.com पर जाकर मनोविज्ञानिक के साथ अपनी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते है जिसके बाद मनोविज्ञानिक आपको खुद कॉल करेंगे और एक मनोविज्ञानिक थेरेपी के द्वारा आपकी समस्या का समाधान करेंगे.
दोस्तों मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है लेकिन इसके बावजूद भी वह समाज में रह कर अकेला महसूस करता है तो ये कोई सामान्य बात नही है हालांकि बहुत से लोग इस मानसिक समस्या का सामना कर रहे है लेकिन सही गाइडेंस और इलाज न मिल पाने के कारण यह समस्या बढ़ जाती है और व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। दोस्तों अगर आप या आपका कोई करीबी अकेलेपन से जूझ रहा हो तो आप manochikitsa.com पर जाकर अपनी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते है और थेरेपिस्ट से बात कर सकते है
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Loneliness Is A Common Thing These Days.
Young People Are More Connected With Others Via Internet But They Feel Lonely Often.
i Think Social Media (Facebook) Plays A Vital Role For This.
We Should Avoid Social Media Addiction.