भारतीय संस्कृति में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है। यह दो लोगों के बीच एक अटूट रिश्ता है, जिसमे वे अपनी ज़िंदगी के बाकी हिस्सों को एक साथ बिताने के लिए एक दूसरे के प्यार के बंधन मे बंध जाते हैं। हर धर्म मे शादियाँ अलग अलग रीति रिवाजो के साथ होती है जिसमे भगवान को साक्षी मानकर वे एक नए रिश्ते की शुरुआत करते है। लेकिन इस नई शुरुआत को कानूनी से रूप से मान्यता देने के लिए marriage registered करना अनिवार्य किया गया है।
वर्तमान में, विभिन्न संस्कृतियों में विवाह पंजीकरण कानून की चुनौती को हल करने के लिए दो कानून बनाए गए हैं, वे हैं-
1. The Hindu Marriage Act, 1955 – हिंदू विवाह अधिनियम, 1955
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 विवाह के पंजीकरण से संबंधित है, जहां पति और पत्नी दोनों हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख हैं।
2. The Special Marriage Act, 1954 – विशेष विवाह अधिनियम, 1954
विशेष विवाह अधिनियम, 1954 विवाह के पंजीकरण से संबंधित है, जहां पति या पत्नी या दोनों में से कोई भी हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख नहीं हैं।
marriage registered करना पहले इतना जरूरी नहीं समझा जाता था लेकिन अब यह एक जरूरी आवश्यकता है जिससे कई तरह के legal issues से बचा जा सकता है। विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता हर जगह होती है जैसे पासपोर्ट, बच्चे की कस्टडी, बीमा क्लेम, बैंक नॉमिनी आदि।
Why marriage registration is required in india? – भारत में विवाह पंजीकरण क्यों आवश्यक है
- शादी के बाद, अधिकांश पत्नियां अपना surname बदल देती हैं और अपने पति का surnames इस्तेमाल करती हैं। इसके कारण नए नाम पिछले दस्तावेज़ से मेल नहीं खाते। शादी के बाद कानूनी रूप से दस्तावेजो मे अपना नाम बदलने के लिए आपके पास अपना विवाह प्रमाणपत्र होना जरूरी है।
- क्या आप शादी के बाद अपने जीवनसाथी को अपने health benefits मे शामिल करना चाहते है ? यदि ऐसा है, तो आपको ऐसे करने के लिए अपनी शादी का प्रमाण पत्र दिखाने की आवश्यकता होगी । कई बीमा कंपनियों को कवरेज पूरा करने के लिए विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है
- कई बार शादी करने के बाद पति पूरी तरह से शादी से मुकर जाते हैं। ऐसे मे महिलाओ को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है फिर चाहे अपना हक पाना हो या फिर संपत्ति से संबंधित अधिकार। ऐसे मे महिलाओं के लिए विवाह का पंजीकरण होना बहुत जरूरी है, ताकि वे कानूनी रूप से अपने अधिकार का दावा कर सकें।
- आज के समय मे लोग अपनी जाति / धर्म से बाहर शादी करना चाहते हैं, जो कभी कभी उनके परिवार या जाति के लोगो को स्वीकार नहीं होता, ऐसे मामलों में, विवाह प्रमाण पत्र उनकी शादी को सुरक्षित रखता है और कानूनी मान्यता प्रदान करता है और किसी भी प्रकार की जोर-जबरदस्ती से बचाता है ।
- अगर किसी को किसी से शादी करने के लिए मजबूर किया गया है, तो व्यक्ति आसानी से इनकार कर सकता है और इसे रजिस्ट्रार के सामने कह सकता है। इससे शादी पंजीकृत नहीं होगी।
- Marriage Registration अधिकारियों को बाल विवाह पर रोक लगाने में मदद करता है। यदि लड़की की उम्र कानून के तहत नहीं है, तो शादी को पंजीकृत नहीं किया जाएगा।
- शादी के बाद पति की मृत्यु के मामले में, विवाह प्रमाण पत्र पत्नी को संपत्ति की विरासत की सुविधा प्रदान करता है।
- यदि आप शादी के बाद पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं या बैंक खाता खोल रहे हैं, तो विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है।
- भारत के साथ-साथ दूसरे देशों के विदेशी दूतावास पारंपरिक विवाह को मान्यता नहीं देते हैं इसलिए दंपति को विदेश यात्रा करने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य है।
- बीमाकर्ता या जमाकर्ता के निधन के बाद जीवन बीमा रिटर्न या बैंक मे जमा राशि का दावा पति या पत्नी मैरेज सर्टिफिकेट के बिना नहीं कर सकते।
- आप विदेश यात्रा करना चाहते हैं, ऐसे मामलों में marriage certificate को विवाह के प्रमाण के रूप में लिया जाता है, न कि किसी फोटो या विडियो को जिसमे शादी को दिखाया गया है। नो सर्टिफिकेट का मतलब नो स्पाउस वीजा। कुछ देशों में वर्क-परमिट को इस आधार पर भी अस्वीकार किया जाता है कि शादी का कोई सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है।
PROCEDURE FOR MARRIAGE REGISTRATION IN HINDI – कैसे बनवाये मैरज सार्टिफिकेट
Marriage Registration के लिए आपको Sub Divisional Magistrate के कार्यालय से संपर्क करना होता है, जिसके अधिकार क्षेत्र में विवाह हुआ हो या जहां पति या पत्नी विवाह से पहले कम से कम छह महीने रुके हों। वहाँ पति और पत्नी दोनों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र भरें।
सभी दस्तावेजों का सत्यापन आवेदन की तारीख पर किया जाता है और पंजीकरण के लिए एक दिन निर्धारित किया जाता है। जोड़े को गवाहों के साथ रजिस्ट्रार के सामने पेश होना होता । गवाहो का पैन कार्ड और निवास का प्रमाण होना चाहिए। जिसके बाद Marriage certificate जारी किया जाता है।
Documents required for marriage registration in hindi – मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए क्या-क्या चाहिए
* पति और पत्नी दोनों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र
* पते का प्रमाण- मतदाता पहचान पत्र / राशन कार्ड / पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
* पति और पत्नी दोनों के जन्म की तारीख का प्रमाण
* दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें, 1 शादी की तस्वीर
* आधार कार्ड
* शादी का कार्ड
* पति और पत्नी द्वारा Marriage Affidavits
यदि आप अपनी शादी को पंजीकृत करना चाह रहे हैं, तो यह उतना मुश्किल नहीं है जितना पहले हुआ करता था। पूरी विवाह पंजीकरण प्रक्रिया अब ऑनलाइन है इसलिए लोग समय की बचत करके इंटरनेट के माध्यम से विवाह का पंजीकरण करा सकते हैं। इसका मतलब यह भी है कि आप अपनी सुविधानुसार आवश्यक दस्तावेज एकत्र कर सकते हैं और प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
यदि आप अपनी शादी का पंजीकरण करवाना चाहते हैं, तो Onlinemarriageregistration.com पर जाएं और आज ही प्रक्रिया शुरू करें।
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Sir marriage certificate mein date galat ho gyi he. Ise kaise sahi karwaye… Plz tell the whole information
Agar koi ladka ladki ko use Karne k baad na rahna chahta ho uske sath or ladki rahna chahti h to Kya kare but ladke ki details Puri na hoto kaise hoga taki vo apni Puri life ek hi ladki k sath gujaare please solution me urgent
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