काम करते हुए या खेलते हुए अचानक से कई बार हमारी मांसपेशियों में खिचाव आ जाता है जिसे मोच (Moch) कहते है.
मोच (Moch) लिगामेंट की चोट होती है. यह ज्यादा खिचाव या लिगामेंट के फटने के कारण होती है. आमतोर पर यह (Moch) कोहनी या टखने पर होती है. कभी कभी मोच (Moch) के साथ साथ Fracture भी हो जाता है. ऐसे में सुजन बहुत अधिक हो जाती है. इसके आलावा दर्द भी अधिक होता है. कई बार लिगामेंट ढीला भी हो जाता है. यह लक्षण (symptoms) इस बात पर निर्भर करते है की मोच (Moch) किस प्रकार की है – हल्की या गहरी
मोच (Moch) अगर हलकी है तो इसका इलाज़ घर पर किया जा सकता है.
मोच का घरेलू इलाज़ – Moch ka upchar – Treatment of sprain in hindi
मोच (Moch) के इलाज के लिए जो घरेलू तरीका इस्तेमाल किया जाता है उसे प्राइस (PRICE) कहा जाता है. यह प्रक्रिया चोट की गंभीरता को देखते हुए, चोट लगने के बाद पहले 24 घंटे से 48 घंटे के लिए दी जाती है. प्राइस (PRICE) का मतलब है – PROTECTION (सुरक्षा), REST (आराम), ICE (बर्फ), COMPRESSION (दवाब), व ELEVATION (ऊपर उठाना).
Protection (सुरक्षा) – इसमें घायल इंसान के चोटग्रस्त हिस्से को सहारा देते हुए या पैर को जूते ठीक पहनाकर, फीते बांधकर फिर से चोट लगने से बचाया जाता है.
REST (आराम) – शुरूआती कंडीशन में जहाँ तक पॉसिबल हो सके ज्यादा से ज्यादा आराम बहुत फायेदेमंद होता है. इससे चोट जल्दी ठीक हो जाती है. चोट लगे हुए हिस्से को हिलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इसलिए सही इलाज़ के लिए exercise पूरी तरह से कम कर दे और पूरा आराम देने के लिए अन्य दुसरे भगदोडी वाले काम बंद कर दे.
ICE (बर्फ) – जितना जल्दी हो सके चोटग्रस्त हिस्से पर बर्फ का इस्तेमाल करनी चाहिए. यह खून की गति को धीमा करके सुजन को कम करती है. दर्द को कम करके यह चोटग्रस्त हिस्से को आराम पहुचाती है. स्किन बर्न्स (SKIN BURNS) से बचाव के लिए बर्फ को गीले कपडे में लपेट देना चाहिए. छोटे हिस्से के लिए जैसे कलाई के लिए बर्फ का इस्तेमाल एक बार में 5 मिनट तक करना चाहिए और बड़े हिस्से पर 20 मिनट तक बर्फ का इस्तेमाल करना चाहिय. एक दिन में बर्फ का इस्तेमाल 4 से 8 बार करना चाहिए. ठंड की चोट को दूर रखने के लिए लगातार बर्फ को 10 मिनट से ज्यादा नहीं करना चाहिए.
COMPRESSION (दवाब) – चोटग्रस्त हिस्से पर दवाब देना सुजन को करने में मदद करता है. इसके लिए firm pad चोट की जगह पर लगाया जाता है. दवाब सारे अंग पर नहीं लगाना चाहिए. दवाब इतना ज्यादा भी नहीं होना चाहिए की यह खून की गति में बाधा पहुचाये.
ELEVATION (ऊपर उठाना). – जितना हो सके तो चोटग्रस्त हिस्से को तकिये के ऊपर और दिल के स्तर के ऊपर रखे ताकि सुजन कम हो जाये.
याद रहे अगर दर्द और सुजन ज्यादा है तो किसी डॉक्टर के पास जरुर जाये. अगर आपको लगता है की इस आर्टिकल में कुछ और जोड़ा जा सकता है जो लोगो के लिए उपयोगी हो या आपका कोई सवाल है तो आप comment के माध्यम से पूछ सकते है .
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Dr. Sahab hamko 2 manth pehle pair me moch aaa gyi thi liken uskii sujan nhi gyi gyi hai dr sahb acha se acha upchar batao …..plz