भारत के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी (mahendra singh dhoni) ने छोटे शहर से निकल कर क्रिकेट की बड़ी बड़ी बुलंदियों को छूने के लिए एक बहुत ही संघर्ष पूर्ण सफ़र तय किया. महेंद्र सिंह धोनी (mahendra singh dhoni) ने जिसे भी छुआ वो सोना बन गया, ये धोनी ही थे जिन्होंने अनहोनी को होनी कर दिया. हालाँकि शुरूआती सफ़र उनके लिए उतना आसान नहीं था.
M.S. DHONI का संघर्ष पूर्ण सफ़र
शुरू में धोनी अपनी फूटबाल टीम के गोलकीपर थे और अपने कोच की सलाह पर वे क्रिकेट में आ गए. अपनी शानदार विकेटकीपिंग के जरिये उन्हें एक लोकल क्रिकेट क्लब (कमांडो क्रिकेट क्लब) में खेलने का मौका मिला जहाँ वह 1995 से लेकर 1998 तक खेलते रहे. वीनू मांकड़ अंडर 16 चैंपियनशिप में उन्होंने शानदार खेल दिखाया. उनकी बैटिंग और विकेटकीपिंग दिन भर दिन बेहतर होता जा रहा था जल्द ही वे बिहार रणजी टीम का हिस्सा बन गए. 2001 में उन्होंने पश्चिम बंगाल के खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टिकेट कलेक्टर की सरकारी नौकरी की हालाँकि उनका असली सपना क्रिकेट में जाना ही था. उन्हें सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब 2003 में उन्हें INDIA A टीम में चुन लिया गया और वो त्रिकोणीय सीरीज खेलने केनिया गए जहाँ पाकिस्तान की टीम भी आई थी. इस सीरीज में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. घरेलु क्रिकेट में भी वे शानदार प्रदर्शन करते रहे जिसके चलते 2004/05 में उन्हें बांग्लादेश जाने वाले टूर में शामिल कर लिया गया. अपने पहले ही मैच में वे दुर्भाग्य से शून्य पर रनआउट हो गए. अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी के बल्ले की गूंज तब सुनाई दी जब अपने पांचवे ही मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़ तोड़ शतक ठोक के भारत को जीत दिला दी. अब धोनी यानि माहि का नाम क्रिकेट प्रेमियों के बीच फ़ैल गया. ग्रेग चैपल भारत का कोच बने और एक यंग टीम के गठन की शुरुआत हुई. धोनी यंग थे और उनकी बेहतरीन परियो से वे इस यंग इंडिया टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए. 2007 के विश्वकप में भारत सुपर 8 में भी जगह नहीं बना सका और बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गया. ये भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे कठिन समय था. 2007 में ही T20 विश्वकप भी था, महेंद्र सिंह धोनी को इस विश्वकप के लिए भारतीय टीम का कप्तान बना दिया गया. यह विश्वकप भारत ने जीत लिया, एकदिवसीय मैचो की कप्तानी भी धोनी को मिल गयी. धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टेस्ट में नंबर वन बना दिया और 2011 विश्वकप का विजेता भी बना दिया. उनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड में हुई icc चैंपियन ट्राफी भी जीत ली उन्होंने ipl में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग को कई ख़िताब दिलाये. धोनी अब टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके है लेकिन एकदिवसीय और T20 मैचो में अभी भी बतौर कप्तान वे खेल रहे है और उम्मीद है की वे भारत को ओर भी बहुत सी कामयाबिया दिलाएंगे. उनकी कामयाबी से प्रेरीत होकर उनपर एक फिल्म बनाई भी बनाई गयी है M.S. DHONI: THE UNTOLD STORY.
ऐसा माना जाता है की धोनी की कामयाबी के पीछे उनके luck का बहुत बढ़ा हाथ है, हालाँकि ये कहना ज्यादा उचित होगा की उनकी कामयाबी के पीछे उनकी चतुर कप्तानी, बेहतरीन लीडरशिप और कठिन परिश्रम ने बहुत अहम भूमिका निभाई है. ये है धोनी की कुछ मुख्य बाते, जिनसे हमें अच्छी सिख मिल सकती है.
कठिन परिस्थितियों में यानि की दबाव के समय कूल रहना, तभी उन्हें कैप्टन कूल कहा जाता है.
mahendra singh dhoni को अपने साहसी निर्णयों के लिए जाना जाता है
dhoni को अपने ऊपर बहुत विश्वास है
मुश्किलों के समय धोनी बिखरते नहीं है
mahendra singh dhoni को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है. अपना गेम वे परिस्थितियों के अनुसार बदलते है.
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M.S. DHONI is a true indian cricket superstar. In his captain-ship India has achieved new heights in international cricket. Thanks for updating about M.S. DHONI.
-khayalrakhe.com
M s dhoni is the great player of India sir mai aapke jaisa make chahta hu
Ms Dhoni was a brilliant man Mujhe cricket me sab se Acha player ms Dhoni lagta hai ap hmre captain Hi Aur rahe gey
JHARKHAND KO CHAMKA DIYA DHONI BHAI