यह लेख navjot singh sidhu की motivational speech का अंश है जिसमे उनके द्वारा बताया गया है की डर पर साहस के द्वारा काबू पाया जा सकता है।
नवजोत सिंह सिधू का मानना है की हर आदमी के मन मे कही ना कही डर रहता है मै करूंगा, कर पाऊँगा, नहीं कर पाऊँगा। ये सबसे बड़ी बाधा है
Life मे achievement को सबसे ज्यादा अगर कुछ बाधा पहुचाता है तो वो है भय (डर)
इस भय को काबू करने का सबसे बड़ा तरीका महाभारत मे दानवीर कर्ण ने बताया जब दानवीर कर्ण लड़ाई लड़ने जा रहे थे अर्जुन के साथ मद्रनरेश (पांडवो के मामा) ने दानवीर से कहा की तुम एक अजय रणभट रणधीर योद्धा अर्जुन से लड़ने जा रहे हो क्या तुम्हें भय नहीं सताता, वो कभी हारा ही नहीं, तो अर्जुन ने मद्रनरेश से कहा की वो काठ (wood) के योद्धा होते है जिनहे डर नहीं लगता (I am not a wooden warrior) लेकिन मेरा डर मुझे जागरूक रखता है, सतर्क रखता है, मेरे आत्मविश्वास को कुरेदता नहीं.
courage से पाया जा सकता है डर पर काबू
साहस का मतलब डर का ना होना नही, हर व्यक्ति डरता है, साहस लड़ाई है डर के साथ। साहस योग्यता है कमजोरी को ताकत मे बदलने की, बाधाओ को उन्नति के मार्ग मे बदलने की और विपत्ति को विजय मे बदलने की,
Courage is not the absence of fear, everybody fears, courage is conquest of fear. Courage is the ability to convert weakness into strength, obstacles into stepping stones, and disaster into triumph
Fear is the darkroom which negatives are develop
और अगर तुम इस डर पर काबू पा सकोगे और जो तुमहारी ऊर्जा negativity जो tension मे आ जाती है उसे स्कारातमक दिशा दे पाओगे तो इस education से बड़ी education तुमहारे विचारो मे आ जाएगी.
कमजोर लोग उंगलिया उठाते है कमजोर परिस्थितियो मे लेकिन विकट परिस्थितिया ही hero बनाती है विकट परिस्थितिया ही इंसान को सिखाती है
nice post
ek question h