आज कल न्यूज़ हो या सोशल मीडिया हर जगह दिल्ली और इसके आस पास के राज्यों में फैली धूंध की खबरे लोगो में चिंता पैदा कर रही है. यहाँ तक की राजधानी दिल्ली के लिय गैस चैम्बर जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. और ये काफी हद तक सही भी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है दिल्ली में PM2.5 का लेवल 700 से 900 तक चला गया है जबकि सामान्य रूप से इसे 50 से 100 तक होना चाहिए. PM2.5 के लेवल से हवा की गुणवत्ता का अनुमान लगाया जाता है. लेकिन आम लोगो में कई तरह के सवाल भी है की आखिर धूंध /smog हमारी सेहत के लिए कैसे हानिकारक हो सकती है? धूंध और कोहरे में क्या फर्क है? तो आइये जानते है
What is Smog in hindi – स्मॉग क्या होती है
धूंध /smog एक प्रकार का वायु प्रदूषण है, जो हवा में धुएं और कोहरे का मिश्रण होता है. यह कोहरे, धूल और वायु प्रदूषक जैसे कि नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, पीएम 10, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों आदि का एक हानिकारक मिश्रण है जो सूर्य के प्रकाश
के साथ मिलकर ग्राउंड-स्तरीय ओजोन की घनी परत बनाते हैं। ये हानिकारक केमिकल आमतोर पर कारखानों और गाड़ियों के धुएँ, झूम खेती, औद्योगिक संयंत्रों से निकलते है.
धूंध /smog भारी यातायात, उच्च तापमान, धूप और शांत हवाओं के कारण भी होती है. वातावरण में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे ये कुछ कारक हैं। सर्दियों के महीनों के दौरान जब हवा की गति कम हो जाती है, तो यह धुएं और कोहरे को धूंध /smog बनाने में मदद करती है और जमीन के निकट प्रदूषण के स्तर को बढाती है
Harmful effects of smog in hindi
धूंध के कारण खांसी, गले और सीने में जलन जैसी समस्याएं देखने को मिलती है.
ओजोन का उच्च स्तर हमारी श्वसन प्रणाली में दिक्कत पैदा कर सकते हैं, आमतौर पर ये लक्षण हमारे स्मॉग के संपर्क में आने के कुछ घंटों के बाद चले जाते हैं। हालांकि, लक्षणों के गायब होने के बाद भी ये हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
अस्थमा होने का खतरा रहता है.
भारी धूंध /smog के कारण विटामिन डी का उत्पादन प्राकृतिक तौर पर कम होता है जिससे लोगों में रिकेट्स की समस्या हो सकती हैं।
Precautions to be taken during smog in hinid – स्मॉग से कैसे करे अपना बचाव
अगर आपके शहर में में भी भारी स्मॉग है तो आप इन तरीको से अपना बचाव कर सकते है
कारों का इस्तेमाल कम करे. जितना हो सके बाइक, कारपूल, और सार्वजनिक परिवहन जैसे बस, मेट्रो का उपयोग करें।
जितना हो सके एक्सरसाइज घर पर ही करें
अगर आखों में जलन होती है तो पानी से अच्छी तरह से आँखे धोएं. अगर तब भी आराम नहीं मिलता तो डॉक्टर का पास जाएँ.
अगर आपका ज्यादा बाहर आना जाना लगा रहता है तो फेस मास्क का इस्तेमाल करें
आप अपने घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी कर सकते है.
एलो वेरा, आइवी और स्पाइडर प्लांट जैसे Air Purifying plants को घर और कार्यालयों में रखा जा सकता है।
अगर घर के आस पास किसी भी प्रकार का constructon हो रहा है तो उसे कुछ दिनों के लिए बंद करवा दे.
कूड़ा करकट या पत्तियों का बिलकुल भी न जलाए
घर के आस पास रेत या धुल मिट्टी जमा है तो वहां पानी डाल दे. इससे धुल हवा के साथ नहीं उड़ेगी.
विटामिन सी, मैग्नीशियम, ओमेगा फैटी एसिड से समृद्ध पदार्थों का ज्यादा सेवन करें
अदरक, तुलसी, काली मिर्च की चाय पीने से भी immune system बेहतर होता है. ये हमारी बिमारियों से लड़ने की क्षमता को बढाता है.
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