दोस्तो अपने कई बार देखा होगा कि लोगो कि शादी उनकी मर्जी से हो जाती है लेकिन फिर उन्हे कुछ टाइम बाद किसी दूसरे व्यक्ति से प्यार हो जाता है और ऐसे मे व्यक्ति दो तरफ रिश्ता निभाने लगता है। और कई बार एक अजीब से मझदार मे फस कर रह जाता है. ऐसा लड़का और लड़की दोनों के साथ होता है. नतीजन इससे रिश्ते खराब होते है, आपसी मनमुटाव बढ़ते है और आखिर मे कई बार रिश्ते खत्म तक हो जाने की नोबत आ जाती है। तो आज इस आर्टिक्ल मे हम बात करेंगे की वह क्या वजह है जो EXTRAMARITAL AFFAIRS का कारण बनती है।
12 Reasons Why People Have Extramarital Affairs – शादी के बाद किसी और से प्यार?
शारीरिक आकर्षण – Physical attraction
हर किसी का सपना होता है की उसका पति या पत्नी सुंदर हो यानि हर किसी के मन मे शादी से पहले ही अपने पार्टनर के लिए एक इमेज होती है जो बहुत सुंदर होती है लेकिन सच्चाई कई बार इस से अलग होती है। जिसके चलते लोगो को शादी के बाद भी दूसरे लोगो से प्यार हो जाता है। हालांकि इसे प्यार नहीं कहा जा सकता है। यह क्षणिक आकर्षण होता है जो कुछ समय तक ही इंसान को अपनी ओर खिचता है।
शारीरिक संतुष्टि – Physical satisfaction
इस बात मे कोई शक नही है कि आज भी लोग शारीरिक संतुष्टि पाने के लिए शादी के बाहर भी एक रिश्ता रखते है। ऐसा इसलिए होता है कि उनकी अपने पति/पत्नी से शारीरिक जरूरत पूरी न हो रही हो या फिर दोनों की शारीरिक जरूरते मैच न करती हो।
भावनात्मक लगाव – Emotional Needs
Emotional needs किसी भी रिश्ते की बुनियाद होती है। इसलिए, अगर ऐसी जरूरतों को neglected किया जाता है, तो यह रिश्ते की नींव को प्रभावित कर सकती है। कभी-कभी, रिश्ते के चारों ओर habit patterns इस तरह से बन जाता हैं कि एक couple एक-दूसरे के लिए अपनी भावनात्मक जरूरतों को express करने में असमर्थ होता है। ऐसी स्थिति में, कोई नया व्यक्ति जो हमारी बातों और भावनाओ को सुनने और स्वीकार करने को तैयार है, बहुत आकर्षक हो जाता है।
साथी कैसा होना चाहिए – Rigid beliefs of How a Partner Should Be
कुछ लोग शादी से पहले अपने होने वाले पार्टनर के लिए एक belief system तैयार कर लेते है कि उनके साथी कैसा होने चाहिए। उन्हें लगता है – अगर मैंने X या Y से शादी की है, तो उसमे कुछ विशेष qualities होना चाहिए । ऐसे मे शादी के बाद हमे ऐसा पार्टनर नहीं मिलता तो यह कई बार निराशा का एक बड़ा कारण बन सकता है, जिससे शादी से बाहर fulfillment की तलाश की जा जाती है जो EXTRAMARITAL AFFAIRS का कारण बन सकती है।
समस्या केन्द्रित होना Problem-Centric Interactions
अक्सर रिलेशनशिप मे आदतों के एक पैटर्न established हो जाता हैं जहां couple एक ही चीज़ों के बारे में बार-बार बात करते हैं जैसे – झगड़े के बारे में, बच्चों की चिंता, financial problems आदि। आखिरकार, couple सिर्फ समस्याओं के बारे में बात करते हैं। उनकी बातचीत काफी समस्या-केंद्रित हो जाती है और समस्याएँ उनके ज़िंदगी की दूसरे दिलचस्प पहलुओं को कवर कर देती हैं। इस तरह के सेट-अप में, किसी के साथ एक नया संबंध ताजगी लाता है और इसलिए यह आकर्षक हो सकता है।
रोल शिफ्ट में कठिनाई – Difficulty Adapting to a Role Shift
जब partners पति-पत्नी बन जाते हैं, या जब पति-पत्नी माता-पिता बन जाते हैं, तो यह एक बड़ी भूमिका बदलाव लाती है जो अपने आप में चुनौतीपूर्ण है। यह प्रत्येक व्यक्ति को नई स्थितियों के लिए expose करता है। जब एक couple साथ रहना शुरू करता है, तो जो चीजें पहले महत्वपूर्ण नहीं थीं, वे महत्वपूर्ण हो जाती हैं – जैसे कि फर्श पर पड़े हुए तौलिये, एक गन्दा कमरा और टीवी सिरियल और टेलीविजन पर क्रिकेट मैच। कभी-कभी इन आदतों को personal meaning दिया जा सकता है, जैसे कि आप मेरी जरूरतों की परवाह नहीं करते हैं ‘,’ इससे पहले तो तुम इस तरह से नहीं थे , ‘आदि, इससे रिश्ते में निराशा हो सकती है।
भीतरी असंतोष – Chronic Inner Dissatisfaction
स्वाभाविक रूप से असंतुष्ट होना human nature है। satisfaction ऐसी चीज है तो आसानी से नहीं मिलती है। हमे बचपन से ही यह नहीं सिखाया गया है कि हमारे पास क्या है और उसमे कैसे संतुष्ट रहें। इसलिए, हमारे पास जो है हम उसमे खुश नही रह पाते है और बाहरी चीजों की ओर आकर्षित होते है। यही बात रिश्ते मे भी लागू होती है जो कुछ अधूरेपन को पूरे करने की कल्पना की तलाश व्यक्ति को बाहर की ओर आकर्षित करती है।
टालने की प्रवृत्ति – Conflict Avoiding Tendencies
कभी-कभी, पार्टनर अस्वीकृति के डर के कारण अपनी beliefs, पसंद और नापसंद को छिपा लेते हैं। अक्सर, एक रिश्ते में अप्रिय क्षणों से बचने की इच्छा partners को उन चीजों को साझा करने से रोक सकती है जो एक argument का कारण बन सकती हैं। अपने साथी से खुद को छुपाने की आपको एक कीमत देनी पड़ सकती है। ऐसी चीजे एक रिश्ते में अरुचि पैदा कर सकती हैं। ऐसे लोग उन लोगों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं जिनके सामने वे खुद को express करने के लिए स्वतंत्र महसूस करते हैं।
बोरियत – Boredom
घर पर और काम पर दबाव के साथ दिनचर्या की बोरियत अक्सर हमे उस स्थान से दूर जाने के लिए प्रेरित कर सकती है। ऐसे मे व्यक्ति अपनी लाइफ मे थोड़ा रोमांच है और मस्ती चाहता है। ऐसे मे वह EXTRAMARITAL AFFAIRS की तरफ आकर्षित होता है और अपनी बोरियत भरी लाइफ मे थोड़े fun की चाहत मे एक नए रिश्ते की ओर जाना पसंद करता है।
परिपक्वता – Maturity
शादी बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम है जिसे बहुत समझदारी से चलाया जाता है लेकिन जब किसी को अपने पार्टनर मे इस तरह की मैच्योरिटी या समझदारी नही दिखाई देती तो वो किसी दूसरे विकल्प को तलाशने मे लग जाता है।
एक-दूसरे को टाइम न देना – Not give enough time to each other
यह एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है कि दो लोगो की शादी होने के बाद वह एक दूसरे को टाइम नही देते। ऐसे मे फिर एक तो व्यस्त हो जाता है और दूसरा अपने पार्टनर का विकल्प तलाश करता है जो उसे टाइम दे। ऐसे मे वह यह तलाश EXTRAMARITAL AFFAIRS मे पूरा करने की कोशिश करता है।
Marriage against their will – मर्जी के खिलाफ शादी
कई बार लड़के या लड़की की शादी उन पर दबाव दे कर कराई जाती है। ऐसे मे वह परिवार के दबाव मे आकार शादी तो कर लेते है लेकिन उस शादी से पूरी तरह नही जुड़ पाते और फिर उस शादी के बाहर भी एक और रिश्ता कायम कर लेते है।
यह तो थे कुछ कारण जिनसे एक व्यक्ति शादी शुदा होते हुए भी दूसरा रिश्ता रखने लगता है। तो आइये अब जानते है कि EXTRAMARITAL AFFAIRS की इस स्थिति को कैसे समझा जाए और इससे कैसे बचा जाए।
सबसे पहले हमे यह समझना होगा कि शादी का रिश्ता जरूरतों और इच्छाओ की वजह से बनता है- फिर वो जरूरते या इच्छाए शारीरिक हो, मानसिक हो, भावनात्मक हो या फिर पीढ़ी को आगे चलाने की हो। जब यह जरूरते हमारे पार्टनर से मेल नही खाती तो हम उसे उस शादी के बाहर तलाशने लगते है तो ऐसे स्थिति पैदा हो जाती है।
आपको यह समझना होगा की जो आपका पार्टनर बना है, जिससे आपने शादी की है वो बिलकुल आपकी तरह ही हो तो वह रिश्ता ज्यादा दिन नही चलेगा और टूट जाएगा।
एक पुरुष और स्त्री एक दूसरे के साथ रह पाते है क्योकि वो दोनों एक दूसरे से अलग है अगर एक जैसे होते तो कभी साथ नही रह पाते। और ऐसे मे आप वही खूबी-खामी अपने पार्टनर मे देखते है जो आपमे मौजूद है तो वह रिश्ता टूट जाएगा और यह आपके पार्टनर के साथ नाइंसाफी भी होगी। अगर आप इस अंतर को समझ लेते है तो यह रिश्ता अटूट हो जाएगा और आप इस रिश्ते का आनंद उठा सकेंगे और फिर आपको अपनी शादी के बाहर कही और प्यार तलाशने की जरूरत नही पड़ेगी।
दोस्तो यह लेख हमारे रिलेशनशिप एक्सपर्ट द्वारा लिखा गया । अगर आप उनसे बात करना चाहते है और ऐसी किसी परिस्थिति से बाहर आने के लिए Personal counseling चाहते है तो आप हमारी वैबसाइट Manochikitsa पर जा कर अपनी Phone call appointment बूक कर सकते है। आपको ये लेख कैसे लगा हमे जरूर बताएं. साथ ही अगर आप ऐसे किसी टॉपिक पर हमारे रिलेशनशिप एक्सपर्ट की राय चाहते है तो हमे जरूर बताएं।
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