स्किज़ोफ्रेनिया एक मानसिक रोग है जिसे पहले Dementia praecox भी कहा जाता था. यह रोग व्यक्ति की सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है. स्किज़ोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति में अक्सर व्यक्तित्व विभाजन (spiliting of personality) देखने को मिलता है जिसके कारण रोगी का वास्तविकता (reality) से संबंध टूट जाता है. इस वजह से व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को संभालने और देखभाल करने में असमर्थ हो जाता है। स्किज़ोफ्रेनिया/ schizophrenia के रोगियों में सबसे अधिक रोगी 20 से 24 साल तक के होते है.
स्किज़ोफ्रेनिया के लक्षण – symptoms of schizophrenia in hindi
स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों में कई तरह के लक्षण पाए जाते है. जैसे
Emotional problems
स्किज़ोफ्रेनिया/ schizophrenia से पीड़ित व्यक्ति में काफी उदासीनता देखने को मिलती है. उनका बाहरी दुनियां से संपर्क टूट जाता है जिसकी कारण वे अपने आस पास रह रहे लोगो के प्रति भी उदासीन रहते है. ऐसे लोगो में सुख दुःख की भावना देखने को नहीं मिलती है यानी वे आम लोगो की तरह सुख और दुःख का अनुभव नहीं कर पाते. उदहारण के तौर न ही उन्हें किसी के मरने का शोक होता है और न ही किसी खुशी वाले अवसरों पर प्रसंता महसूस होती है. सरल शब्दों में कहे तो इनमे भावनाए खत्म हो जाती. ऐसे लोगी घंटो अकेले बैठे रहते है और किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करते. वे भूख प्यास के प्रति भी अनजान रहते है इसलिए ऐसे रोगियों का विशेष ध्यान रखना काफी जरुरी हो जाता है.
hallucination
hallucination का अर्थ है किसी वस्तु की अनुपस्थिति में व्यक्ति को उस चीज का ज्ञान होना. स्किज़ोफ्रेनिया/ schizophrenia से पीड़ित रोगी किसी वस्तु या व्यक्ति की अनुपस्थिति के बिना भी उसे देखता है, गंध न होते हुए भी उसे उसकी अनुभूति होती है और किसी आवाज़ की अनुपस्थिति में उसे वो आवाज सुनाई देती है. उदहारण के तौर पर उन्हें ऐसा लगता है एलियंस उनसे संपर्क कर रहे है . कई बार ऐसे रोगियों को भगवान भी नज़र आने लगते है.
delusion
delusion का अर्थ है गलत विश्वास का होना जिसके विरुद्ध प्रमाण होते हुए भी रोगी इन्हें जारी रखते है. उदहारण के तौर पर रोगी यह सोचता है की उसके आस पास के लोग उसके विरुद्ध कोई साजिश रह रहे है. कई बार रोगी को यह वहम हो जाता है की लोग उसी के बारे में बात कर रहे है या उसका मजाक उड़ा रहे है या उसकी आवाज़ को किसी ने कंट्रोल कर रखा है या उसके ऊपर कीड़े रेंग रहे है. बार बार समझाने के बाद भी रोगी मानने को तैयार नहीं होता.
disturbed thought process
स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों में सोचने और समझने की क्षमता में विकृति देखने को मिलती है. जैसे रोगी के विचाओ का association कमजोर हो जाता है जैसे व्यक्ति अपने कपड़ो के बारे में बातचीत करते हुए लाल किले के बारे में बात करना अचानक से शुरू कर देता है. कई बार ऐसे रोगी अकेले में कुछ न कुछ बोलते रहते है. कई बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते है जिनका कोई मतलब ही नहो होता.
motor symptoms
स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों में कई तरह के motor symptoms देखने को मिलते है. जैसे कई लोगो को बैठने में कठिनाई होती है तो कई बार उठने में असहज महसूस करते है.
behavioral symptoms
इसमें व्यवहार संबंधित लक्षण शामिल है. जैसे ऐसी रोगी कई बार impulsive हो जाते है ओ कई बार बिना बात पर हँसते रहते है.
स्किज़ोफ्रेनिया के कारण – causes of schizophrenia in hindi
स्किज़ोफ्रेनिया के सटीक कारण अज्ञात हैं। अनुसंधान बताते है कि कई तरह के शारीरिक, आनुवांशिक, मनोवैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारण एक व्यक्ति में स्किज़ोफ्रेनिया की स्थिति विकसित करते है.
Genetics cause – अनुवांशिक कारण
मनोविज्ञानिको के अनुसार स्किज़ोफ्रेनिया का एक कारण आनुवंशिकी भी है. कई मामलो में पाया गया है एक अगर एक जुड़वाँ बच्चे को स्किज़ोफ्रेनिया है तो दूसरे में भी इसके लक्षण विकसित होने की संभावना रहती है.
Neurotransmitters
न्यूरोट्रांसमीटर ऐसे केमिकल होते हैं जो मस्तिष्क में सूचनाओ का आदान प्रदान करते है. रिसर्च से पता चलता है कि स्किज़ोफ्रेनिया दो न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में बदलाव के कारण हो सकता है. ये है : डोपामिन और सेरोटोनिन. मनोविज्ञानिको के माने तो तो इन दोनों न्यूरोट्रांसमीटर के असंतुलन के कारण ये रोग होता है.
Drug abuse
ड्रग्स सीधे तौर पर schizophrenia का कारण नहीं बनती, लेकिन नशीली दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से मनोविदलता के विकास का खतरा बढ़ जाता है। कुछ दवाएं, विशेष रूप से कैनबिस, कोकीन , एलएसडी या एम्फ़ैटेमिन के इस्तेमाल से इस रोग की लक्षण विकसित होते है
stress – तनाव
कई तरह की तनावपूर्ण स्थितियां भी इस को जन्म देती है जैसे वियोग, नौकरी या घर खोने का दुःख, तलाक, रिलेशनशिप का अंत, शारीरिक, यौन या भावनात्मक दुःख आदि. ये घटनाये भी सीधे तौर पर schizophrenia को जन्म नहीं देती लेकिन इसके विकास में जरुर मदद करती है.
स्किज़ोफ्रेनिया का इलाज़ – treatment of schizophrenia in hindi
स्किज़ोफ्रेनिया का इलाज़ आमतोर पर काफी लंबा होता है. लेकिन मनोविज्ञानिक तरीके से इसका इलाज़ संभव है. यदि मरीज़ को रोग के शुरुआत से ही इलाज़ दिया जाये समस्या जल्दी पकड़ में आ जाती है.
मनोविज्ञानिक कई तरह की थेरेपी के जरिये मरीज के व्यवहार को सुधारने का प्रयास करते है लेकिन प्रमुख रूप से anti psychotic medications का इस्तेमाल किया जाता है जो रोगी के कई लक्षणों जैसे hallucinations, paranoia, और दूसरे psychotic symptoms को ठीक करती है.
इसके आलावा रोगी के परिवार वालो को भी काउन्सलिंग दी जाती है ताकि वे अच्छे से मरीज़ को संभाल सके.
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Sir l hamesa Akela rahna like karta hu. Very very lazy mahsus karta hu . Kisi se bat karna like nhi karta hu. Akela mai Kisi ka kalpana Kar bate karta karta rahta hu . Kabhi laugh and kabhi chup rahta hu. Always sad rahta hu.
Sir mera age 25yrs hai aur asi lakshan karib 5yrs se hai kaise jaldi thik ho jai game bataye
sir please agar ye bemari khatarnak estar pe aaa jati hai usko roka ja sakta hai ya nahi
please provide any solution regarding this problem . which type of medicine are required to that kind of people
Hi Prashant
schizophrenia ka treatment long time tak chalta he. agar sahi time par iska treatment liya jaye to ye problem control me aa sakti he. schizophrenia ke treatment k liye antipsychotic medications use ki jaati he
Sir I m in big prblm….mere husbnd ko yhi disease h bht time se…pr wo phle km prblm thi ab jyada h.Mujhe shadi k phle ye sb pta nhi tha..Abhi unki age 36 hai under treatment in rehabilation centr….kya wo theek ho jayenge…normal hamari tarah…Main bht jyda preshn hu.:(
Sir Mujhe mein he thode lakshan paaye gas has .mujhe kisi se milna jhulna accha nhi lagta to kya mujhe schejophenia hai
Cannabis addicted schizophrenia me best solution kya hai?
Please give me contact no. Of a doctor who is specialist in sschizophrenia
Bahot Badiya Sir Ji
Sir mai aapse shizophrenia ko katam karne ke liye upchar puch raha hu sir plz bta dijiye ho sakta mai thick ho jao plz sir request kr raha hu bta dijiyega
Iske liye sir apko ache psychiatrist ke pas Jana cahhiye
Or iske liye bhot si therapy di jati hh like group therapy, individual therapy
Anti psychotic medicine bhi di jati hh
Overall apko ache dr ke pas Jana chahiye
Thanks ?
Thik ho jayega