कई बार आपने यह महसूस किया होगा की जब भी हमें किसी प्रॉब्लम का हल या किसी काम को करने के लिए नए आईडिया की जरुरत पड़ती है तो वह लाख सोचने पर भी हमारे दिमाग में नहीं आता लेकिन कभी कभी ऐसे creative ideas, विचार या solutions अचानक से हमारे दिमाग में आ जाते है मसलन टहलते हुए, नहाते हुए, गाडी चलाते हुए या कुछ ओर काम करते समय. ऐसा सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता बल्कि दुनियां को बड़े बड़े इनोवेशन अचानक से आये इन्ही क्रिएटिव आईडिया की देन है जैसे आइंस्टीन को थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का विचार ड्राइविंग करते हुए तो वही न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत सेब का पेड़ से नीचे गिरने का नतीजा है. लेकिन ऐसा क्यों होता है की कुछ नए विचार, creativity या आईडिया सोचने से नही बल्कि अचानक से हमारे सामने आते है?
इस सवाल का जवाब मनोविज्ञानिक ग्राहम वालस ने अपनी किताब The Art of Thought में देने की कोशिश की. उनके अनुसार creativity के चार stages होते है.
Stages of Creativity In Hindi – कैसे आते है क्रिएटिव आईडिया
The Preparation stage
यह पहला स्टेप है जहाँ लोग कुछ नया करने की कोशिश करते है और अपने दिमाग को उसी अनुसार तैयार करते हैं. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठी करने की कोशिश की जाती है और हर संभव विचार सोचे जाते है. इसी कोशिश में किताबे पड़ने से लेकर अलग अलग लोगो और जगहों से ज्ञान जुटाया जाता है.
इस स्टेप में हमारा लक्ष्य जितना हो सके उतना सीखना होता है ताकि यह जानकारी नई चीज़ के निर्माण तक लाने में सहायक हो सके.
The Incubation stage
कुछ नया करने के लिए जानकारी जुटाने के बाद, हम Incubation stage में जाते हैं। इस दौरान हम उन सभी गतिविधियों को रोक देते हैं जिन्हें हमने शुरू किया था। यहाँ कई बार हम हताश महसूस करते है क्योकि सफलता अब भी दिखाई नहीं देती । इस दौरान कई लोग अपना ध्यान दूसरी जगह लगाने की कोशिश करते है जैसे योगा, मैडिटेशन, खेल कूद, घूमना फिरना या आराम ताकि मन को शांत किया जा सके लेकिन अब भी हमारे अंदर unconscious thought process चलता रहता है जिससे हमारा दिमाग कुछ कुछ समय बाद कुछ न कुछ नया सोचने की कोशिश करता है. लेकिन फिर भी हम रचनात्मकता से काफी दूर होते है.
The Illumination stage
हम सबकी जिन्दगी में कई बार ऐसा मोड़ आता है जब हमें किसी समस्या का हल अचानक से मिल ही जाता है. यही Illumination stage है जहाँ रचनात्मक विचार अचानक से हमारे दिमाग में आता है और हमें समाधान मिल जाता है. इसे “eureka experiences” भी कहा जाता है.
यह विचार टॉयलेट से लेकर नींद तक में आ जाते है.
जैसे पर्सी स्पेंसर को माइक्रोवेव का विचार चॉकलेट खाते समय आया.
The Verification stage
यह एक्शन का समय होता है जहाँ हम अपने रचनात्मक विचार को जांचने की कोशिश करते है और उसी के अनुसार काम करते है. अगर आईडिया परफेक्ट है तो सभी के सामने आता है ऐसा नतीजा जो दुसरे लोगो के लिए प्रेरणा का काम करता है.
तो दोस्तों उम्मीद करते है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. अगर आप भी इस टॉपिक पर अपने सुझाव देना है चाहते है तो कृपया कमेंट्स के जरिये अपनी बात रखे और हमारे आने वाले सभी आर्टिकल्स को सीधे अपने मेल में पाने के लिए हमें फ्री सब्सक्राइब जरुर करें.
यह भी जाने
पसंदीता रंग से जाने अपनी पर्सनालिटी effects of color on mind
जानिए अपने मन की असीम शक्ति – The power of subconscious mind
मन और शरीर को कैसे नियंत्रित किया जाए how to control mind in hindi
क्या यही प्यार है Love or Attraction in hindi
hello sir
aap ki post bahut knowledgeful hoti hai me enhe niyamit rup se padata hu
thank you
धन्यवाद अमित जी
Hello Sir/ Madam,
I like your post and this is really very important for us and your this one post is really very inspirable
to us and I really thanks to you for this informative article.
Regards,
Aaliya
Thanks Aaliya
Right ?
Creativity ko scientifically bahut achchhe se samjaaya he aapne, mere sath bhi kai baar aisa hota he jab dimag kisi sawal me ulaj jaata he or uska jawab nahi suj rahaa hota tab uska jawab prapt karne ki prkriya andar se nirntar chalati rehati he or us swal kaa jawab achanak se mil jaata he, jaise nahate nahate, kisi se baat karte karte, kisi ko dekhkar etc.
acha samjaya apne is article ke dwara. mai bhi creative karna chata hu to koi asa course hai jo mai kar saku or paisa kama saku?
hi sir, it’s a very good article, I read many of your articles and I loved your writing.
Nice Post.
Thanks for awaring to be creative but there is a question that after getting thought we react . Is it good?