डेंटल फ्लोरोसिस दांतों से संबंधित एक रोग है जो शरीर के कठोर और मुलायम ऊतकों में फ्लोराइड्स के जमाव से होता है। फ्लोरीन एक खनिज है जो महासागरों सहित सभी जल स्रोतों में प्राकृतिक रूप मे पाया जाता है। रिसर्च से पता चलता है कि फ्लोराइड न केवल बच्चों और वयस्कों में cavities को कम करता है, बल्कि यह दांतों की सड़न के शुरुआती लक्षणो को ठीक करने में भी मदद करता है । लेकिन जब शरीर मे फ्लोरीन की अधिकता हो जाती है तो यह Fluorosis का कारण बनती है।
यह एक लंबी अवधि में पीने के पानी / खाद्य उत्पादों / औद्योगिक प्रदूषकों के माध्यम से फ्लोरीन के अधिक सेवन के कारण होने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है। अतिरिक्त फ्लोराइड को लेना दांतों और हड्डियों को प्रभावित करता है। डेंटल फ्लोरोसिस/Dental Fluorosis बच्चों को प्रभावित करता है और दांतों को फीका और कुरूप करता है।
अगर पानी मे फ्लोरीन की मात्रा 3 – 5 ppm हो जाए तो उससे Fluorosis होने की संभावना रहती है। भारत के 20 राज्यों के 230 जिलों में फ्लोराइड का उच्च स्तर पाया गया है। इनमे राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र मध्यम रूप से प्रभावित राज्य हैं जबकि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और असम हल्के रूप से प्रभावित राज्य हैं। इस कारण भारत मे 62 लाख से ज्यादा बच्चे फ्लोरोसिस से पीड़ित है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन ने 1987- 1993 तक जागरूकता अभियान के माध्यम से फ्लोरोसिस पर नियंत्रण के लिए काम किया। 2008-09 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने स्थानिक क्षेत्रों में फ्लोरोसिस की रोकथाम, निदान और प्रबंधन के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया।
Symptoms of Dental Fluorosis in hindi – डेंटल फ्लोरोसिस के लक्षण
- दाँतो मे इनेमल की चमक खत्म हो जाती है और सफ़ेद धब्बे पड़ जाते है।
- कुछ समय के बाद यह सफ़ेद धब्बे पीले और भूरे हो जाते है।
- इनेमल कमजोर हो जाते है और टूटने लगते है।
- दाँत खुरदरे हो जाते है।
Causes of Dental Fluorosis in hindi – डेंटल फ्लोरोसिस के कारण
यह मुख्य रूप से पानी में फ्लोराइड की अधिकता के कारण होता है। इसके अलावा फ्लोरोसिस का एक प्रमुख कारण फ्लोराइड युक्त dental products जैसे टूथपेस्ट और mouth rinses का ज्यादा उपयोग है। कभी-कभी, बच्चे फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट के स्वाद का इतना स्वाद लेते हैं कि वे इसे बाहर थूकने के बजाय इसे निगल लेते हैं।
फ्लोरोसिस के अन्य कारण भी हैं। उदाहरण के लिए, बचपन में फ्लोराइड सप्लीमेंट की निर्धारित से अधिक मात्रा लेने से यह हो सकता है। फ्लोराइड-फोर्टिफाइड फलों के रस और सॉफ्ट ड्रिंक्स की ज्यादा मात्रा भी इसका कारण बनती है।
Fluorosis treatment in hindi – फ्लोरोसिस का इलाज
Fluorosis केवल दांतों के appearance को प्रभावित करता है। इससे कैविटीज नहीं होती है। इसलिए फ्लोरोसिस के अधिकांश उपचार में stain को हटाना शामिल है जैसे
- Stains (धब्बो) को हटाने के लिए Tooth whitening कारवाई जा सकती है।
- Crowns का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- एमआई पेस्ट, जो एक कैल्शियम फॉस्फेट उत्पाद है, को कभी-कभी tooth discoloration को कम करने के लिए इस्तेमाल क्या जाता है।
फ्लोरोसिस से कैसे बचे – Prevention of Fluorosis in hindi
- यदि आप public water supply use करते हैं, तो अपने सप्लायर से फ्लोराइड के स्तर के बारे में पूछें। अगर मात्रा ज्यादा है तो पीने के लिए इस्तेमाल न करे।
- कुछ खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स में फ्लोराइड होता है। कुछ बोतलबंद पानी में अब फ्लोराइड मिलाया जाता है। इनका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करे।
- घर पर, सभी फ्लोराइड युक्त उत्पादों जैसे टूथपेस्ट, mouth rinses, और supplements को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- Flavors टूथपेस्ट का इस्तेमाल न करे। क्योकि छोटे बच्चे इनके taste के कारण इसे निगल लेते है
- अगर दाँतो मे धब्बे पड़ता शुरू हो गए है तो डेंटिस्ट के पास जाएँ।
तो दोस्तो यह कुछ तरीके है जो आपके दाँतो को स्वस्थ रखने मे आपकी मदद कर सकते है।
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