भारत रतन sachin tendulkar को कौन नहीं जानता. भारत में बच्चे बच्चे के मुह पर उनका नाम है. भारत में क्रिकेट धर्म है तो सचिन तेंदुलकर को भगवान कहा जाता है. जब जब उन्होंने क्रिकेट खेला तो कोई ना कोई रिकॉर्ड टुटा. आज सचिन युवाओ के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए है और क्रिकेट खेलने वालो को inspire करते है. इस लेख में हम उनसे जुडी दो कहानिया को शेयर करने जा रहे है जिन्होंने sachin के जीवन को प्रभावित किया एवम प्रेरणा का स्त्रोत बनी.
sachin को गुरु का थप्पड़
sachin के गुरु आचरेकर थे जिन्होंने सचिन को तपा तपा कर सोना बनाया. आचरेकर सचिन को स्कूटर पर बैठाकर एक दिन में चार चार मैच खिलाने ले जाते थे. सचिन स्कूल के बाद खाना खाकर मैदान के लिए चल देते जहा उनके कोच रमाकांत आचरेकर उन्हें प्रैक्टिस कराते. एक दिन सचिन ने अपना मैच छोड़कर अपने दोस्त के साथ वानखेड़े मैदान पर एक मैच देखने का निश्चय किया. यह मैच इंग्लिश माध्यम और मराठी माध्यम के स्टूडेंट्स के बीच था जो उनके स्कूल शारदाआश्रम के स्टूडेंट्स थे. सचिन के कोच आचरेकर भी इसी मैदान में उपस्थित थे.
सचिन अपना टिफ़िन बॉक्स लेकर आचरेकर से मिलने गए. कोच जानते थे की सचिन ने अपना मैच छोड़ दिया है. फिर भी जानबूझकर उन्होंने सचिन से पुछा की उन्होंने कैसा परदर्शन किया है. सचिन ने उन्हें सच बोला और कहा की मैने अपनी स्कूल टीम को चीयर करने के लिए अपना मैच छोड़ दिया है. अगले ही पल कोच आचरेकर ने उन्हें थप्पड़ मारा और सचिन का टिफ़िन उनके हाथ से गिर गया. आचरेकर ने सचिन को कठोरता से कहा की तुम्हे दुसरो को चीयर करने के लिए यहाँ नहीं होना चाहिए बल्कि तुम्हे ऐसा खेलना चाहिए की दुसरे तुम्हे चीयर करे.
सचिन का कहना है की यह थप्पड़ उनके लिए जीवन बदलने वाला पल था. इस दिन से उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया.
सिक्का जो बना कड़ी मेहनत का जरिया
सचिन के गुरु आचरेकर उन्हें नेट पर कड़ी मेहनत करवाते थे. प्रैक्टिस के दौरान जब सचिन बहुत थक जाते थे तो उनके गुरु आचरेकर स्टंप के ऊपर एक रूपए का सिक्का रख देते थे सचिन को इस सिक्के को बचाना होता था अगर कोई गेंदबाज सचिन को आउट कर देता था तो उसे यह सिक्का मिल जाता था लेकिन सचिन अगर आउट नहीं होते थे तो यह सिक्का बच जाता था और सचिन को मिल जाता था. यह सचिन को खेल में ओर अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता था. सचिन ने उस दौर के जीते हुए सिक्के आज भी अपने पास रखे है.
क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर की सफलता में उनके गुरु की भूमिका अहम थी. अपनी कड़ी मेहनत और अभ्यास के दम पर उन्होंने क्रिकेट में हरसंभव उपलब्धिया हासिल की और क्रिकेट प्रेमियो को कई खुशिया दी. उनके जीवन में घटी घटनाये हमें भी अपने संबंधित कार्यो मे पूरी प्रतिबधता और मेहनत के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
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very good…..Sachin ke bare me aapne bahut acchi baten batai hain….read karke accha laga…..thanks…..
this is very good thing by which many people learn from this
Mujhe kafi prerda Mili Sachin sir ke bare me pd kr I proud of you Sachin sir
very nice……..!
I’am very happy read this. you write very good things about Sachin Tendulkar Sir.It is very motivational story so very peoples read its.