Nawazuddin Siddiqui inspirational story
जब भी हम बुरे वक्त से गुजर रहे होते है हमसे कहा जाता है दोस्त सब्र करो ये बुरा वक्त बीत जाएगा। वैसे तो हर बुरा वक्त गुजर जाता है पर उससे पूछिये जिस पर वो बुरा वक्त गुजर रहा होता है. ये बात भी सही है की आगे बढ़ने के लिए बीते हुए कल को पीछे छोड़ना पड़ता है लेकिन ये भी सच है की उस बीते हुए कल की यादें उन दिनों देखे गए सपनो को हमे नही भूलना चाहिए. वो सपने और यादे ही है जो आपका आने वाला कल सवार सकते है। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है और ऐसे शख्स की है जिसने 12 साल लंबी जद्दोजहद के बाद कामयाबी हासिल की लेकिन जब हम उनके बीते हुए कल को देखते है तो लगता है उन्होंने अपने देखे हुए सपने को पूरा करने के लिए वो तमाम कोशिश की जो उन्हें अपने सपने के और करीब ले जाती है ।
हम बात कर रहे है नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) की जो अपने असल जीवन में कभी कैमिस्ट बने तो कभी वॉच मैन । नो भाई बहन के बीच पले बड़े नवाज़ यूपी के एक गांव बूधाना से है. स्कूल में साइंस की पढ़ाई करने के बाद उन्हें बड़ोदा की एक कंपनी में चीफ कैमिस्ट की नोकरी मिल गई। लगभग 1 साल वहा नोकरी करने के बाद नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) को वहा कुछ कमी महसूस हुई उन्हें लगा ये काम उनके लिए नही है।
दोस्तों हमारे साथ भी अक्सर होता है हमे खुद नही पता होता की क्या करना है और हम हर काम में अपना हाथ आजमाने लग जाते हैं. ऐसे ही नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) भी कैमिस्ट की नोकरी छोड़ कर दिल्ली आ गए पर उन्हें पता नही था की दिल्ली में करना क्या है एक दिन उनके किसी दोस्त ने उन्हें थिएटर दिखाया. उस रंग मंच को देख कर नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) को लगा की वो जो करना चाहते है उन्हें मिल गया और वो एक थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गए। लेकिन थिएटर में उन्हें पैसे नही मिलते थे और उन्होंने नोएडा में वॉचमैन की नोकरी मिल गई वो दिन भर वॉचमैन की नोकरी करते और शाम को एक्टिंग की प्रैक्टिस यानी थिएटर करते. लगभग एक साल बीत गया नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) दिन में बड़े लोगो को सलाम ठोकते और शाम को थिएटर करते। थिएटर में मेहनत करने के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD) में एडमिशन लिया।
नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) ने एनएसडी में 3 साल का कोर्स करने के बाद भी ओर 4 साल एनएसडी में गुज़ारे. काम की तलाश ने उन्हें एनएसडी से दूर नही जाने दिया। वो अपने बाकी रंगमंच के कलाकारों के साथ नुक्कड़ नाटक करने लगे जिसमे कुछ पैसे उन्हें मिल जाया करते थे.
अब तक नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) को ये महसूस हो गया था की वो एक्टिंग की दुनिया का हिस्सा बन सकते है लेकिन सिर्फ नुक्कड़ नाटक और थिएटर से पेट भरना थोडा मुश्किल था। और यही पेट का सवाल उन्हें मुम्बई ले गया। मुंबई में उन्होंने टीवी में हाथ आजमाया लेकिन वहा भी उन्हें अपने रंग रूप के चलते कही जगह नही मिली।
छोटा कद, सावला चेहरा एक हीरो की तस्वीर से कोसो दूर और फिर मुम्बई में भी निराशा ही हाथ लगी। कई साल बीत गए और अब तक नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) को फिल्मो में एक एक सीन मिलने लगा और फिर पैसो के लिए कई फिल्मो में वो भीड़ का हिस्सा बनने लगे. इसके बाद नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) को लगा जैसे किस्मत ने करवट ले ली हो. उन्हें 1999 में आमिर खान की सरफ़रोश में एक छोटा सा रोल मिला लेकिन वो सरफ़रोश में कब आये और कब गए पता ही नही चला . उसके बाद मनोज वाजपई की ‘शूल’ , राम गोपाल वर्मा की ‘जंगल’ और संजय दत्त के साथ ‘ मुन्ना भाई एम बी बी एस’ जैसी बड़ी बड़ी फिल्मो में छोटे छोटे किरदार किये।
ब्लैक फ्राइडे फिल्म के दौरान डायरेक्टर अनुराग कश्यप की नज़र नवाज़ पर पड़ी और उन्होंने नवाज़ (Nawazuddin Siddiqui) से वादा किया की वो नवाज़ को लेकर एक फिल्म जरूर बनायंगे । नवाज़ कामयाबी के एकदम करीब थे लेकिन कामियाबी अभी तक सही मायनो में मिली नही थी लेकिन उनकी मेहनत और उनके हौसला कभी नही टुटा और फिर उन्हें एक फ़िल्म मिली ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’।
इस फ़िल्म ने नवाज़ की जिंदगी ही बदल दी. वो कहते हैं न ‘बिग ब्रेक’ स्ट्रगल पर ‘बिग ब्रेक’। फिर इसी साल नवाज़ की दूसरी फ़िल्म ‘मिस लवली’ भी रिलीज़ हुई इस फ़िल्म में नवाज़ लीड रोल में थे, इसके बाद तिग्मांशु धुलिया की फ़िल्म ‘पान सिंह तोमर’ ने नवाज़ को एक अलग पहचान दी , इसके बाद ‘पीपली लाइव और आई ‘कहानी’ फ़िल्म में नवाज़ की एक्टिंग को काफी तारीफ मिली। फिर क्या था नवाज़ुद्दीन सिद्दकी (Nawazuddin Siddiqui) से बना फैजल खान ने कभी पीछे मुड़ कर नही देखा। अब नवाज़ भीड़ का हिस्सा नही थे और न ही उनको किसी छोटे मोठे रोल के लिए जद्दोजहद करने की जरूरत थी . नवाज़ ने फ़िल्म इंडस्ट्री में खुद को साबित करने के लिए 14 साल लम्बा सफ़र तय किया। जिसमे वो कई बार गिरे कई बार टूटे लेकिन उनके हौसले बुलन्द थे जिन हौसलो ने आज उन्हें इस मुकाम पर पहुचा दिया की उनकी एक्टिंग का लोहा आज दुनिया मानती है.
सच कहे तो हमे ऐसी ही कहानिया आपको बताने में बड़ा अच्छा लगता है क्योंकि इन कहानियों में हम खुद को ढूंढते है .उम्मीद है आप भी कही न कही नवाज़ के संघर्ष को इस कहानी के माध्यम से देख पा रहे होंगे।
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very nice
very nice
YES,,,,,,I AM FINDING MY LIFE IN BILL GATES LIFE CAUSE I WANNA BE A GREAT BUSINESS MAN,,,,,,BUT I LEART TOO MUCH FROM NAWAZO………….!!
THANK YOU SO MUCH FOR TAHT……….!!
It’s awesome to view the post on Nawazuddin siddiqui biography. We salute your strong consideration for such a great work. Thanks a lot. http://secretsexpert.com/nawazuddin-siddiqui-biography-journey-love-struggle/
great sir so thanks