रेखा अपने 15 साल के बच्चे मे Reading habit डालना चाहती है और इसलिए उसे किताबे पढ़ने के लिए बोलती रहती है लेकिन बच्चे का बिलकुल भी मन नही लगता। ऐसे मे बच्चे ने कहा कि वह मोबाइल या टैब या लैपटाप पर पढ़ेगा। रेखा को यह आइडिया सही भी लगा उसने अपने बच्चे को एक लैपटाप दे दिया। अब उसने पाया कि बच्चा लैपटाप और मोबाइल पर पढ़ता नही है बल्कि गेम ज्यादा खेलता है, वीडियो देखता है, इंटरनेट यूस करता है। अब उसे अपने फैसले पर बहुत पछतावा हुआ।
यह समस्या हर उस पेरेंट्स कि है जो चाहते है उनके बच्चे मे Reading habit आ जाए। लेकिन उन्हे यह समझना जरूरी है कि अपने बच्चो को रीडिंग हैबिट के फायदे बताना बहुत जरूरी है, साथ ही बच्चो मे ई-बुक से ज्यादा किताबे पढ़ने की रुचि पैदा करनी होगी।
किताब पढ़ने के फायदे
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन मे किए गए एक शोध मे पाया गया है कि जो बच्चे ई-बूक से पढ़ते है उनका ध्यान ज़्यादातर टेक्नोलॉजी पर रहता है जबकि किताब पढ़ने वाले बच्चों मे अधिक मानसिक विकास देखा गया है। शोधकर्ताओ ने बताया कि जब पेरेंट्स बच्चो को पढ़ाते है तो उनमे भाषा पर पकड़ बनती है और बच्चे और पेरेंट्स के बीच संबंध मजबूत होता जाता है लेकिन यह तभी होता है जब वह बच्चो को किताबों से पढ़ाते है।
हमारे brain को भी शरीर की सभी मांसपेशियों की तरह स्वस्थ और फिट रहने के लिए exercise की आवश्यकता होती है। पढ़ने से आपका दिमाग तेज रहता है और यह याददाश्त कम होने का process धीमा कर देता है। यह imagination power को भी बढ़ाता है। यही कारण है कि यह बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है।
बच्चे जब किताबों से पढ़ते है तो एक अलग तरह का अनुभव होता है वो लिखे हुए शब्दो को अच्छे से और ज्यादा समय तक याद रख पाते है इससे, उनके दिमाग का विकास सही तरीके से हो पाता है। इसलिए ई-बुक पढ़ने की तुलना मे किताब पढ़ना ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
कैसे डाले अपने बच्चो मे रेडिंग हैबिट How To Encourage Good Reading Habit In Children’s
यदि आप चाहते है कि आपका बच्चा शुरू से ही पढ़ने की आदत डाल ले और पढ़ाई मे रुचि ले तो नीचे बताएं गए टिप्स को आप फॉलो कर सकते है. ये आपके बच्चे मे किताब पढ़ने और पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने मे मदद करेंगे।
नई-नई किताबे – अपने बच्चो को नई-नई किताबों के बारे मे बताए, उसके किताबों के ज्ञान को अपडेट करते रहे, फिर चाहे वह किताब कहानी की हो, जानवरो की या फिर कोई एतिहासिक।
उनके उम्र के हिसाब से उन्हे किताबे दें – यह बहुत जरूरी है कि आप उसे जो किताब पढ़ने को कहे वह उसकी उम्र के हिसाब से हो या फिर आप उससे पूछ सकते है कि वह कैसी किताबे पढ़ना पसंद करेगा तो जहा तक हो सके वैसी ही किताबे उसे ला कर दे।
माहौल बनाए – बच्चे हमेशा माँ-बाप से सीखते है जैसा माँ-बाप या घर के बाकी लोग करते है बच्चे भी वैसा ही करने की कोशिश करते है तो कोई न कोई किताब जरूर पढे ताकि आपको देख कर आपका बच्चा भी पढ़ने मे रुचि लेने लगे।
रोज अखबार ले – यदि आप रोज अखबार पढ़ते है तो अपने आप ही आपके बच्चो मे अखबार पढ़ने की रुचि पैदा हो सकती है अखबार मे रोज कुछ नया होता है और बच्चो को नया ही चाहिए होता है।
लाइब्रेरी बनाए – अपने घर मे एक छोटी सी लाइब्रेरी बनाए जिससे वह खुद को किताबों के बीच देख सके।
किताबों पर विचार करें– जो किताब वह पढ़ रहा है या पढ़ चुका है उस पर बात करे जैसे कहनी कैसी थी, या किताब कैसी लगी, क्या आपको भी पढ़नी चाहिए जैसे सवाल करे। हो सके तो उन टोपिक्स पर भी बात करे जो किताबों मे पढे हो।
जन्मदिन पर किताब गिफ्ट करें – अगर आप उन्हे शुरू से ही जन्मदिन पर एक किताब गिफ्ट करते है तो उन्हे किताबों की अहमियत समझ आ जाएगी। लेकिन अचानक से अगर आप उन्हे कोई किताब गिफ्ट करेंगे तो हो सकता है वो वह उस किताब की अहमियत न समझ पाये।
दोस्तो इन टिप्स की मदद से आप अपने बच्चो मे Reading habit develop कर सकते है। इसके अलावा अगर आपके अपने बच्चे के development या mental health से related कोई सवाल है तो आप कमेंट के माध्यम से अपनी बता रख सकते है। साथ ही आप Manochikitsa.com पर जाकर child psychologist से सीधा संपर्क कर सकते है और ऐसे कई सारे पेरेंटिंग टिप्स उनसे ले सकते है ताकि आपके बच्चे का मानसिक विकास सही तरीके से हो सके।
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