Chat Between Two wife – लाइफ में खुशियां लाये

2 औरते आपस मे बातचीत करती है

1 wife; मेरी कल की शाम तो बहुत अच्छी बीती और आपकी?

2 wife; मेरी दिन काफी खराब गया। मेरे husband घर आए, खाना खाया और उसके बाद 2 मिनट मे सो गए।

1 wife: लेकिन मेरा दिन काफी यादगार गया। मेरे husband घर आए और मुझे 1 romantic dinner के लिए बाहर लेकर गए. Dinner के बाद हम 1 घंटे तक घूमे. उसके बाद जब हम घर पहुचे तो उन्होने candles जलाकर मेरा स्वागत किया। यह दिन मेरे लिए 1 सपने  की तरह था।

 

उसी समय उन दोनों के पति भी आपस मे office मे बात कर रह थे

Husband 1: तुम्हारा कल का दिन कैसा गया?

Husband 2: मेरा कल का दिन बहुत अच्छा बिता। मै घर पर गया, खाना खाया और आराम से सो गया। तुम्हारा दिन?

Husband 1: मेरा दिन काफी डरावना बिता। मै office से घर पर गया। न बिजली थी न खाना। तो मुझे अपनी wife के साथ खाना खाने restaurant जाना पढ़ा। restaurant expensive निकला और सारे पैसे खर्च हो गए जिसकी वजह से 1 घंटा पैदल चलकर घर जाना पढ़ा। जब घर पर गया तब भी बिजली नहीं थी इसलिए बिना light और पंखे के घर मे candles जलाकर सोना पढ़ा। यह दिन मेरे लिए एक भयानक सपने की तरह था।

Moral of the chat

मनोविज्ञानिकों के अनुसार We always focus on presentation, NO MATTER WHAT THE REALITY IS!!!। यानि की बिना सच्चाई जाने हम किसी के भी कहे सुने पर आसानी से विश्वास कर लेते है।

अक्सर बिना सच्च जाने हम दूसरों की बातों मे आ जाते है चाहे वो हमारे friends हो या फिर relatives और फिर अपनी life को बेकार और दूसरों की ज़िंदगी कों एक खुशहाल ज़िंदगी समझकर अपने ज़िंदगी को कोसते है।, अपने दिमाग पर ज़ोर डालिए  यकीन  मानिए  आपका  आपके  कई ऐसे  अनुभव और  बातें  होंगी  जिसमे  आप  दूसरों की बाते सुनकर वो सब चाहते है जो उसके पास है चाहे वो महेंगे घर हो या गाड़ी, कपड़े हो या mobiles और अपनी ज़िंदगी से बचा हुआ satisfaction भी खो देते है।  एकमात्र इंसान जो हमे  सच्ची खुशी और satisfaction दे सकता है वो हम खुद है. इसलिए खुशी और संतुष्टि के लिए दूसरो पर depend और दूसरों की नकल  करना छोड़ दीजिए।

positive psychology का सबसे बड़ा मंत्र है अपनी खुशियों की तुलना(comparison) दूसरो की खुशियों से करना छोड़िए.. Because “Relative Happiness” is always fake.

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