माइग्रेन गंभीर, दर्दनाक और बारम्बार होने वाला सिरदर्द हैं जो सिर के एक हिस्से को प्रभावित करता है । यह दर्द कई घंटों से दिनों तक रह सकता है। माइग्रेन एक तंत्रिका संबंधी स्थिति है जो कई लक्षण पैदा कर सकती है। लक्षणों में मतली, उल्टी आना, बोलने में कठिनाई, रौशनी और ध्वनि की संवेदनशीलता शामिल हो सकती है। Migraine वंशानुगत होता हैं। माइग्रेन से पीड़ित 80 से 90 प्रतिशत लोगों के परिवार के सदस्य इस सिरदर्द से पीड़ित पाए गये है. ये सभी उम्र को प्रभावित करता हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसकी अधिक संभावना होती है।
अमेरिकन माइग्रेन एसोसिएशन के अनुसार, 36 मिलियन अमेरिकि यानि लगभग 12 प्रतिशत अमेरिकन आबादी माइग्रेन से प्रभावित हैं।
Symptoms of migraine in hindi – माइग्रेन के लक्षण
Types of Migraine in hindi – माइग्रेन के प्रकार
prodrome stage of migraine
माइग्रेन के लक्षण सिरदर्द से एक से दो दिन पहले ही शुरू हो सकते हैं। इसे प्रोड्रोम स्टेज के रूप में जाना जाता है। इस स्टेज के दौरान कई लक्षण दिखाई देते है जैसे:
- भोजन की तीव्र इच्छा
- कब्ज या दस्त
- डिप्रेशन
- थकान
- चिड़चिड़ापन
- मूड में बदलाव
- शोर के प्रति संवेदनशीलता
- गर्दन में अकड़न
माइग्रेन से परेशान 30% से 40% लोगो को प्रोड्रोम का अनुभव होता है,
Aura stage of migraine
ऑरा माइग्रेन, प्रोड्रोम चरण के बाद होता है। इसके लक्षण सिरदर्द के तुरंत पहले महसूस होते हैं. इसे माइग्रेन के संकेत में रूप में भी देख सकते है. ऑरा के दौरान, आपको अपनी दृष्टि, संवेदना, गति और बोलने में समस्या हो सकती है। इसके अन्य लक्षण है
- स्पष्ट रूप से बोलने में कठिनाई
- अंग सुन्न होने का एहसास
- दुनिया घूमती दिखना
- धुंधला दिखना
- भ्रांति
- हाथ व बाजू में सुई चुभने का एहसास
The attack phase
अगला चरण attack phase के रूप में जाना जाता है। इसे सिरदर्द चरण भी कहते हैं. इस दौरान सिर के एक भाग में सिरदर्द होता है. इस दर्द की शुरुआत धीरे धीरे होती है. यह 4 से 72 घंटों तक बना रहता है migraine के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं जैसे
- प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि
- गंध के प्रति संवेदनशीलता
- जी मिचलाना
- चक्कर आना या बेहोश महसूस करना
- सिर के एक तरफ दर्द
- उल्टी
- नाक बंद होना
- बार-बार पेशाब आना
- दुनिया के घूमने का एहसास
Postdrome phase of migraine
अटैक स्टेज के बाद, व्यक्ति अक्सर पोस्टड्रोम चरण का अनुभव करता है. यह सिरदर्द समाप्त के बाद कुछ दिनों बाद तक का अनुभव है; इस चरण के दौरान, आमतौर पर मूड और भावनाओं में बदलाव होते हैं। रोगी बहुत थकाऊ और उदासीन महसूस करने के साथ बेहद खुश महसूस कर सकते हैं। इस दूरं हल्का सिरदर्द जारी रह सकता है।
Causes of migraine in hindi – माइग्रेन के कारण
माइग्रेन के निश्चित कारणों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी है। हालाकिं एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे कई कारक है जो इस स्थिति को ट्रिगर कर सकते हैं। इसमें मस्तिष्क के रसायनों में परिवर्तन शामिल हैं जैसे मस्तिष्क रासायनिक सेरोटोनिन के स्तर में कमी। इसके आलावा
Hormonal changes: मासिक धर्म के दौरान महिलाओ के हार्मोन के स्तर में बदलाव होने के कारण महिलाएं migraine के लक्षणों का अनुभव करती हैं।
Emotional triggers: तनाव, अवसाद, चिंता, उत्तेजना, और सदमे माइग्रेन ट्रिगर कर सकते हैं।
Physical causes: थकावट और अपर्याप्त नींद, कंधे या गर्दन में दर्द, खराब मुद्रा कम ब्लड प्रेशर, जेट लेग आदि migraine को ट्रिगर कर सकती है।
Medications: नींद की गोलियां, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी), और गर्भनिरोधक गोली भी माइग्रेन के संभावित लक्षणों को ट्रिगर करते है।
Triggers in the environment: फ्लिकरिंग स्क्रीन, गंध, धुआं, तेज शोर, तेज रौशनी, तापमान परिवर्तन भी माइग्रेन के ट्रिगर्स हैं।
Hereditary – माइग्रेन वंशानुगत है, इसलिए यदि आपके माता या पिता या दोनों को माइग्रेन है तो आपको माइग्रेन होने की 50-75% संभावनाए है.
Treatment of migraine in hindi – माइग्रेन का इलाज
वर्तमान में माइग्रेन का कोई भी इलाज नहीं है। उपचार का उद्देश्य migraine attack रोकने, और इसके लक्षणों को कम करना है।
ऐसे कई लाइफस्टाइल परिवर्तन है जो माइग्रेन की आवृत्ति को कम करने में मदद कर सकते हैं जैसे –
- पर्याप्त नींद ले
- कम तनाव ले
- पर्याप्त पानी पिए
- आंखों पर जोर देने से बचें
- अगर हल्का सा भी दर्द हो तो सिर ठंडा रखे. आप बर्फ के टुकड़ों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
- कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करे जैसे मसालेदार भोजन, जंक और डिब्बाबंद फूड, अल्कोहल, धूम्रपान फ़ूड आदि
- रोज सुबह खाली पेट सेब खाने से सिर दर्द से राहत मिलती है.
- ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जि, अलसी के बीज, कॉफी, बाजरा, अदरक, ब्रॉक्ली प्रोटीनयुक्त डाइट जैसे दूध, दही, पनीर, दाल आदि माइग्रेन से परेशान लोगो के लिए उतम मानी जाती है.
- नियमित शारीरिक व्यायाम और मैडिटेशन करे
- अनुलोम विलोम, सर्वांगासन, सेतुबंधासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन आदि माइग्रेन से राहत या छुटकारा पहुचाने में काफी मदद करते है.
- जो लोग ज्यादा सिरदर्द का अनुभव करते है उन्हें सुबह पीपल के पेड़ के नीचे बैटकर 5-10 मिनट तक गहरी साँसे लेनी चाहिए. इससे शरीर को ऑक्सीजन सही मात्रा में मिलती है और सिरदर्द से राहत मिलती है
- बायोफीडबैक, काउन्सलिंग, मैडिटेशन, एक्यूप्रेशर, या एक्यूपंक्चर के जरिये भी माइग्रेन को कंट्रोल किया जाता है.
- इसके आलावा कई दर्द निवारक दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, एस्पिरिन, इबुप्रोफेन है जो माइग्रेन के दर्द को कम करती है. इन्हें चिकित्सक की परामर्श से लेना चाहिए.
ये सभी चीजे पॉजिटिव लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा है जो माइग्रेन को दूर करने या कंट्रोल करने में काफी मदद करती है.
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