सवाल पूछना हमारी रोजमरा की ज़िंदगी का एक महेत्वपूर्ण हिस्सा है। रोज हमारा आधे से ज्यादा वक्त सवाल पूछने मे बितता है। इसके बिना मानव जीवन की कल्पना थोड़ी मुश्किल है।
भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के अनुसार इंसान को जो महान सफ़लताए और उपलब्धिया मिली है वे सवाल पूछने और उनके जवाब जानने से मिली है और जो बड़ी असफलताएँ मिली वो सवाल न करने से मिली। आज के वैज्ञानिक युग में सम्भावनाये अनंत है लेकिन इन संभावनाओ को हकीकत मे तबदील करने के लिए जो आवश्यक है, वो है सवाल जवाब…. कई जगहों पर सवाल पूछने से गुस्से भरी नज़रो का सामना करना पड़ता है जैसे क्लास, हॉस्पिटल, लाइब्रेरी. लेकिन इन सब से सवालो का महत्त्व कम नही हो जाता। हम फिर भी सवाल करते है। मनोवैज्ञानिक इसे जीवन एवं प्रगति का महेत्वपूर्ण हिस्सा मानते है और personality development का जरूरी हिस्सा समझते है।
सवालों के फायदे
सवाल करते वक्त हम अपने दिल और दिमाग की कहते सुनते है। इस प्रक्रिया में हमारी मानसिक सेहत में भी सुधार होता है और हमारे सोचने-समझने की की शक्ति का भी विकास होता है शायद इसीलिए आजकल टॉकिंग थैरपी की बहुत चर्चा होती है और काउंस्लिंग(counseling) का भी महत्व बढ़ गया है। मनोविज्ञान का आधार ही सवाल जवाब है। सवालों का महत्व जवाबो से कही ज्यादा अधिक है। सवालों का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है की गीता का स्त्रोत अर्जुन के सवाल है और भगवान श्री कृष्ण के जवाब।
INDIRA GANDHI के अनुसार;
The power to question is the basis of all human progress.
सवाल पूछने के बहुत से फायदे है
- आपसी जुड़ाव और मजबूत होता है, सामाजिक दायर बढ़ता है।
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सवाल करने से जानकारी बढ़ती है।
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दिमाग के कुछ ऐसे हिस्से काम करने लगते है जो सोचने, समझने,निर्णये लेने आदि से जुड़े होते है।
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समस्याओ का हल मिल जाता है।
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सवाल जवाब करने से व्यक्तितव का विकास होता है। भ्रम(confusion) से मुक्ति मिलती है।
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Personality development के लिए सवाल जवाब का सबसे अधिक महत्व है.
कलात्मक बातें..
कुछ लोग सवाल पूछने और उनके जवाब देने मे कुछ ज्यादा निपूर्ण (expert) होते है जहा खड़े हो जाते है वही सभी पर अपना प्रभाव छोड़ जाते है। वे दूसरों से अलग कैसे है है? उनमे ऐसी कोन सी विशेषताये(qualities) है। दरअसल वे कुछ rules को follow करते है। वे है;
1 सवाल मोके और नज़ाकत को ध्यान मे रखकर पूछना जरुरी है।
- दो लोगो के बीच एक ही पॉइंट पर बात हो तो बातें ज्यादा लम्बी चलती है। एक साथ सवालो की line न लगाये।
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अपने ऊपर विश्वास रखे. यह ना सोचे की लोग आपके ऊपर हसेंगे और आपके बारे मे क्या सोचेंगे।
इन बातों का खास ध्यान रखे…
1. किसी भी मुद्दे पर हावी होने से बचे।
2. किसी भी बिंदु पर अड़े नही।
3.मुहावरेदार भाषा का उपयोग न करे, स्पष्ट बात करे।
4. बात बात पर किस्सा न सुनाये।
5. किसी की बात बीच मे काटकर सवाल जवाब ना करे.
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इसलिए अपने पडोसी, सहकर्मी, दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बातें करते रहे। यूं ही सफ़र भी कट जाएगा और मंजिल भी मिल जाएगी।।।
लेकिन एक बात का खास ध्यान रखिये- ये मत सोचे की दूसरे लोग आपके बारे मे नकरात्मक सोचेंगे और आपका मज़ाक बनाएंगे. Because if you ask a question, you are fool for 1 minute but if you does not ask question you remains fool forever.
Always remember one thing;
‘’It is not the answer that enlightens, but the question.’’
Note; if you have any problem related to personality development, career related, stress and other psychological problem, you can ask in our free online counseling feature.
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mujhe lgta h me dipression se gujar rha hu, me thk se kuch b soch b nhi pa rha hu, khud pr bahut pressure b feel krta hu. suicide jaise thoughts b aate h, kya kru…
can anyone rply me plz
Nikhil ji suicidal thoughts depression ki extreme stage hoti he. Aap aasra foundation k depression helpline number par baat karke apni problems ka solution paa sakte he. AASRA HELPLINE FOR DEPRESSION AND SUICIDE – 24×7 Helpline: 91-22-27546669
Kbhi kbhi mai bahot niras ho jata hu kyu ki muze padhai me jyada anad nh milta.par muze kamyab hona hai.plz guide me .